August 3, 2025 |

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छत्तीसगढ़

फसल बचाने मास्टर प्लान शिवनाथ से पंप के सहारे खेतों तक पानी की तैयारी

अभी पानी नहीं मिला, तो बाद में कोई अर्थ नहीं-चौबे

Gram Yatra Chhattisgarh
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रायपुर। सरकार ने अल्पवर्षा के बाद खरीफ फसलों को बचाने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया है। इस कड़ी में शिवनाथ नदी से पंप के सहारे तीन किलोमीटर परिधि तक के गांवों में पानी पहुंचाया जाएगा। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि फसलों को हर हाल में बचाना सरकार की प्राथमिकता है और इस दिशा में जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि गंगरेल और मिनीमाता बांध से सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जा रहा है।
श्री चौबे ने कहा कि अभी सिंचाई के लिए पानी देकर फसलों को बचाना बहुत जरूरी है। एक बार फसल खराब हो गई, तो पानी देने का कोई मतलब नहीं है। यही वजह है कि फसल बचाने के लिए हर संभव उपाय किए गए हैं। पहली बार शिवनाथ नदी से पंप के सहारे सिंचाई के लिए पानी देने की तैयारी की जा रही है। दुर्ग कलेक्टर इस पूरी व्यवस्था में लगे हैं। उन्होंने कहा कि शिवनाथ नदी के आसपास 3 किलोमीटर तक गांवों में सिंचाई के लिए पंप के सहारे पानी पहुंचाया जाएगा। इस पर काम चल रहा है और अगले दो-तीन दिनों में इस दिशा में काम शुरू हो जाएगा।
कृषि मंत्री श्री चौबे ने कहा कि गंगरेल और मिनीमाता बांध से सिंचाई के लिए पानी दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गंगरेल में अभी 45 फीसदी पानी है और मिनीमाता में 65 फीसदी है। कृषि मंंत्री ने कहा कि सारी स्थिति का आंकलन करने के बाद ही सिंचाई के लिए पानी छोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि गंगरेल में भिलाई स्टील प्लांट और उद्योगों के लिए पानी सुरक्षित रखने के बाद भी दो बार सिंचाई के लिए पानी दिया जा सकता है। जबकि मिनीमाता में पर्याप्त पानी है और वहां से लंबे समय तक सिंचाई के लिए पानी दिया जा सकता है।
कृषि मंत्री ने आगे कहा कि तांदूला-खरखरा बांध में पानी बेहद कम है। इसलिए यहां से फिलहाल सिंचाई के लिए पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। जबकि सुतियापाट और कर्रा बैराज से पानी छोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि अभी भादो शुरू हुआ है और आने वाले दिनों में पानी गिरने की उम्मीद भी है। एक-दो बार अच्छी बारिश हो गई, तो स्थिति बेहतर हो जाएगी।
दूसरी तरफ, रायपुर के अलावा दुर्ग, बेमेतरा, राजनांदगांव और मुंगेली व बालोद में अल्पवर्षा की स्थिति है। कुल मिलाकर 52 तहसीलों में औसत से कम बारिश हुई है। इनमें से बेमेतरा जिले की तीनों तहसील में सबसे ज्यादा स्थिति खराब है। यहां ग्राउंड वॉटर लेवल डाउन होने के कारण पंप भी काम नहीं कर रहे हैं। फसलों की स्थिति अच्छी नहीं है। इसी तरह बालोद और मुंगेली जिले में भी अल्पवर्षा के चलते धान की फसल कमजोर दिख रही है। सिंचाई और कृषि विभाग के अफसरों के मुताबिक बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद रायपुर और बिलासपुर संभाग में फसलों की स्थिति में सुधार आया है। फिर भी अगले हफ्तेभर में तेज बारिश की गुंजाइश है।

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