25.08.22| राज्य की कांग्रेस सरकार युवाओं के साथ अन्याय कर रही है. जन घोषणा पत्र में नौकरी देने का झूठा वादा सरकार ने किया. सरकार की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है. युवाओं को रोज़गार देने की बजाय कर्ज लेकर संकट में डालने का काम सरकार कर रही है. यह बात भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने गुरुवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा में कही.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव कहा कि बेरोज़गार युवाओं के हक की लड़ाई के लिए हल्ला बोल आंदोलन के दौरान राजधानी की सड़कों में जनसैलाब उमड़ा था. कल का आंदोलन ऐतिहासिक था. इस आंदोलन में सभी ज़िलों से युवा आए थे. छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार आंदोलन को दबाने कंटेनर का इस्तेमाल किया गया. इसके बाद भी बैरिकेट तोड़कर कंटेनर के ऊपर चढ़कर सीएम हाउस के घेराव का आंदोलन सफल रहा. 28 अप्रैल 2002 के युवा मोर्चा के आंदोलन के बाद सरकार में बीजेपी आई थी. इस बार भी ऐसा ही होगा.

साव ने भाजपा पदाधिकारियों पर टीका-टिप्पणी को कांग्रेस की बौखलाहट बताते हुए कहा कि शालीनता की सीमा पार कर हमारे नेताओं के ख़िलाफ़ अपशब्द बोले जा रहे हैं. ये उचित नहीं. लोकतंत्र में सत्ता पक्ष की ज़िम्मेदारी होती है कि विपक्ष के सवालों का जवाब दे. लेकिन ये सरकार जवाब देने की बजाय प्रश्न करती है. ये लोकतंत्र में ठीक नहीं. उन्होंने कहा कि राज्य के कर्मचारियों के साथ भी सरकार अत्याचार कर रही है. उनकी माँगे जायज़ है, ये पूरी होनी चाहिए.

प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने कहा कि कांग्रेस ने एक बयान में कहा है कि 2500 रुपए बेरोज़गारी भत्ता देने का वादा कांग्रेस ने नहीं किया. लेकिन इस बात के प्रमाण है कि कांग्रेस ने ऐसा वादा किया था. 2002 में हुए आंदोलन में तत्कालीन सरकार ने चार थानों में एफआईआर दर्ज किया था. उसके बाद भी युवा मोर्चा सरकार बनाने तक झुका नहीं. इस बार भी यही होगा. सरकार को उखाड़कर जब तक बीजेपी की सरकार नहीं बन जाती कार्यकर्ता रुकेगा नहीं.

वहीं भारतीय जनता युवा मोर्चा अध्यक्ष अमित साहू ने कहा कि आंदोलन में कार्यकर्ताओं को पिटा गया. हमारी मोर्चा की महिला कार्यकर्ता जहां प्रदर्शन कर रही थी, वहाँ महिला बल नहीं लगाया गया था, लेकिन हमने तो कोई आरोप नहीं लगाया.

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