August 2, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
कलेक्टर ने वनांचल ग्राम खोभा, जोब एवं पंडरापानी का किया सघन निरीक्षणनहर में डूबने से युवक की मौतलाखों के गांजे के साथ अंतर्राज्यीय तस्कर सुभाष तिवारी गिरफ्तारधर्मांतरण और मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार ननों को मिली जमानतकोरबा पुलिस की क्राइम मीटिंग: अपराध नियंत्रण और यातायात व्यवस्था पर जोरछत्तीसगढ़ अखबार वितरक संघ ने दी प्रदेश अध्यक्ष विनोद सिन्हा को श्रद्धांजलिखुशखबरी:महिलाओं को महतारी वंदन योजना की 1-1हजार रुपये की राशि जारीबालोद जिले के पेट्रोल पंपों में बिना हेलमेट के दो पहिया वाहन चालकों को नही मिलेगा पेट्रोलबालको की पहल से कृषि में आया बदलाव, पैदावार में वृद्धि और लागत में कमीबने खाबो बने रहिबो सघन जांच एवं जागरूकता अभियान
छत्तीसगढ़

करोड़ों की ठगी मामले में कोर्ट ने केके श्रीवास्तव को 14 दिन के लिए भेजा जेल

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

रायपुर (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। बहुचर्चित स्मार्ट सिटी ठगी कांड में फंसे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी केके श्रीवास्तव की 12 दिन की पुलिस रिमांड पूरी होने के बाद सोमवार को उन्हें न्यायालय में पेश किया गया। तेलीबांधा थाना पुलिस ने उन्हें रायपुर सीजेएम कोर्ट में प्रस्तुत किया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। चौंकाने वाली बात यह रही कि पुलिस ने श्रीवास्तव की दोबारा रिमांड की मांग नहीं की। पुलिस का कहना है कि पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली हैं, जिनके आधार पर आगे कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

500 करोड़ के प्रोजेक्ट के नाम पर 15 करोड़ की ठगी
श्रीवास्तव पर आरोप है कि उन्होंने खुद को प्रभावशाली बताते हुए दिल्ली की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी रावत एसोसिएट्स के मालिक अशोक रावत से स्मार्ट सिटी और नवा रायपुर प्रोजेक्ट में 500 करोड़ रुपये का ठेका दिलाने का झांसा देकर करीब 15 करोड़ रुपये की ठगी की। जब ठेका नहीं मिला, तो श्रीवास्तव ने पैसा लौटाने का वादा किया, लेकिन दिए गए तीनों चेक बाउंस हो गए। इसके बाद कंपनी ने कानूनी कार्रवाई शुरू की।

300 करोड़ का ट्रांजेक्शन, फर्जी कंपनियों और ईडब्ल्यूएस खातों का इस्तेमाल

जांच में पुलिस ने जब के.के. श्रीवास्तव और उनके बेटे कंचन श्रीवास्तव के बैंक खातों की जांच की, तो एक और बड़ा खुलासा हुआ। दोनों के खातों में करीब 300 करोड़ रुपये का संदिग्ध लेन-देन पाया गया। यह रकम फर्जी कंपनियों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के नाम पर खोले गए खातों के जरिये इधर-उधर की गई थी। मामला अब आयकर विभाग को सौंपा गया है और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की नजर भी इस पर बनी हुई है।

तांत्रिक’ प्रभाव से सत्ता के गलियारों तक पहुंच
के.के. श्रीवास्तव की पहचान सिर्फ एक कारोबारी या सामाजिक व्यक्ति के रूप में नहीं रही है। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस सरकार के दौरान उनकी गहरी पैठ तंत्र-मंत्र और धार्मिक अनुष्ठानों के माध्यम से थी। जानकारी के अनुसार, उस समय के कई बड़े नेता बिलासपुर स्थित श्रीवास्तव के स्थान पर जाकर तांत्रिक क्रियाओं में भाग लिया करते थे। इतने बड़े लेन-देन और ठगी के आरोपों के बाद अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या आने वाले दिनों में प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आयकर विभाग की तरफ से इस मामले में कोई बड़ी कार्रवाई देखने को मिलेगी? क्या इस मामले के तार और भी रसूखदार लोगों से जुड़ सकते हैं?

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close