
रायपुर (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। राज्य सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 और 2024-25 में अतिशेष धान के त्वरित निपटारे को लेकर मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक में कई अहम निर्णय लिए हैं। खाद्य मंत्री दयालदास बघेल की अध्यक्षता में यह बैठक मंत्रालय स्थित महानदी भवन, नवा रायपुर में आयोजित हुई। बैठक में कृषि मंत्री रामविचार नेताम, सहकारिता मंत्री केदार कश्यप, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल और राजस्व मंत्री टंकाराम वर्मा मौजूद रहे।
धान खरीदी में रिकॉर्ड, अब तेजी से होगा निराकरण
बैठक में बताया गया कि खरीफ 2024-25 में किसानों से 149.25 लाख मीट्रिक टन धान की रिकॉर्ड खरीदी हुई है। यह अब तक का सर्वोच्च आंकड़ा है। राज्य सरकार ने 35 लाख मीट्रिक टन अतिशेष धान के निराकरण के लिए ई-नीलामी प्रक्रिया अपनाई है, जिसमें एम-जंक्शन प्लेटफॉर्म के जरिए धान की बिक्री की जा रही है।
अब तक 18.91 लाख मीट्रिक टन धान का सफल निपटान हो चुका है। शेष स्टेक के लिए H-1 बोलीदाताओं और अन्य निविदाकारों को प्राइस मेचिंग का अवसर दिया गया है, ताकि पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित हो सके।
राइस मिलरों के लिए राहत
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जिन निविदाकारों ने समय पर सुरक्षा निधि या क्रय मूल्य जमा नहीं किया है, उन्हें अब 15 जुलाई 2025 तक की अंतिम मोहलत दी गई है।
साथ ही, खरीफ 2023-24 में चावल जमा करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 5 जुलाई 2025 कर दिया गया है, जिससे राइस मिलरों को बड़ी राहत मिली है। छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन ने इसके लिए खाद्य मंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किया।
12.57 लाख मीट्रिक टन धान अब भी शेष
प्रदेश के 78 संग्रहण केन्द्रों में अभी भी 12.57 लाख मीट्रिक टन धान शेष है। इसके शीघ्र उठाव के लिए जिला विपणन अधिकारियों और संग्रहण केंद्र प्रभारियों को विशेष निर्देश जारी किए गए हैं। वाहनों की आवाजाही आसान बनाने और हमालों की संख्या बढ़ाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
तकनीकी समस्याओं के समाधान हेतु समिति गठित
धान खरीदी में तकनीकी दिक्कतों के समाधान के लिए महाप्रबंधक (विपणन) की अध्यक्षता में एक तकनीकी समिति का गठन भी किया गया है। यह समिति मिलरों और क्रेताओं की तकनीकी समस्याओं का त्वरित समाधान करेगी।
केंद्र से चावल जमा लक्ष्य बढ़ाने का अनुरोध
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने केंद्रीय खाद्य मंत्री से भेंट कर वर्ष 2024-25 में खरीदे गए धान से केंद्रीय पूल में चावल जमा करने का लक्ष्य 70 लाख मीट्रिक टन से अधिक बढ़ाने का अनुरोध किया है। केंद्र सरकार ने इस पर सकारात्मक विचार का आश्वासन दिया है।