-अरिंदम गोस्वामी (उपाध्यक्ष, आईसीएमएआई-डब्ल्यूआईआरसी)
बजट 2024 में सरकार ने मध्यम वर्ग, युवाओं, स्टार्टअप्स और स्थानीय विनिर्माण को कई तरह की राहतें दी हैं। वहीं, शेयर बाजार के निवेशकों को कुछ झटके लगे हैं। बजट की इन घोषणाओं का उद्योगों और आम जनता पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
सरकार ने मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुए आयकर के लिए मानक कटौती ₹50,000 से बढ़ाकर ₹75,000 कर दी है। नई कर श्रेणियों के तहत कर स्लैब में बदलाव किए गए हैं, जिससे करदाताओं को ₹17,500 तक की बचत हो सकती है।
सोने और चांदी जैसी कीमती धातुओं पर सीमा शुल्क कम कर दिया गया है। सोने पर शुल्क 6% तक घटा दिया गया है, जिससे गहनों की कीमतों में कमी की उम्मीद है।
एक करोड़ गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की आवास आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पीएम आवास योजना-अर्बन में ₹10 लाख करोड़ का निवेश किया गया है। इसके तहत 100 बड़े शहरों में जल आपूर्ति, सीवेज उपचार और ठोस कचरा प्रबंधन को बढ़ावा मिलेगा।
सरकार ने आयकर अधिनियम 1961 की समीक्षा, टीडीएस भुगतान में देरी का अपराधीकरण, पूंजीगत लाभ कर को सरल बनाना, सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स में वृद्धि, और नई श्रेणी के तहत आयकर स्लैब में संशोधन की घोषणा की है। नए नौकरी बाजार में प्रवेश करने वालों को एक महीने का वेतन देने की योजना बनाई गई है। युवा भारतीयों के लिए कई कौशल कार्यक्रमों और शीर्ष 500 कॉर्पोरेट्स के साथ एक प्रशिक्षुता कार्यक्रम की घोषणा की गई है।
एंजल टैक्स का उन्मूलन:
भारत के स्टार्टअप क्षेत्र को बड़ा फायदा पहुंचाने के लिए सरकार ने स्टार्टअप्स द्वारा उचित बाजार मूल्य से अधिक जुटाए गए फंड पर “एंजल टैक्स” के उन्मूलन की घोषणा की है।
श्रम-गहन विनिर्माण पर विशेष ध्यान देते हुए इस क्षेत्र की सूक्ष्म, लघु और मध्यम आकार की फर्मों के लिए क्रेडिट गारंटी योजनाओं की शुरुआत की गई है। उपभोक्ता सामान, रियल एस्टेट, हाउसिंग फाइनेंस, बुनियादी ढांचा और ऑटोमोबाइल जैसे उद्योगों को उत्तेजित खपत से लाभ होने की संभावना है।
छत पर सौर योजना:
एक करोड़ घरों को मुफ्त बिजली के लिए छत पर सौर योजना को बढ़ावा दिया गया है।
ऊर्जा क्षेत्र में सुधार:
उन्नत अल्ट्रा-सुपर क्रिटिकल थर्मल पॉवर प्लांट्स का विकास किया जाएगा।
बुनियादी ढांचे में निवेश:
बुनियादी ढांचे में निजी निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा।
बाढ़ निवारण परियोजनाएं:
बाढ़ निवारण परियोजनाओं के लिए विशेष आवंटन किया गया है।
शेयर बाजार को झटका
लंबी अवधि की पूंजी लाभ कर 10% से बढ़ाकर 12.5% कर दी गई है। अल्पकालिक पूंजी लाभ कर 15% से बढ़ाकर 20% कर दिया गया है। फ्यूचर्स और ऑप्शंस ट्रेडिंग पर सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स को 0.01% से बढ़ाकर 0.02% कर दिया गया है।