November 8, 2024 |

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अजय माकन ने कहा- राफेल पर मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में झूठ पर झूठ बोला

Gram Yatra Chhattisgarh
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रायपुर।अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अजय माकन ने आज दिल्ली से रायपुर आकर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि राफेल घोटाला भारत का सबसे बड़ा रक्षा घोटाला है।
मोदी सरकार व्दारा सुप्रीम कोर्ट में एक के बाद एक झूठे बयान देकर विशेषाधिकार का उल्लंघन किया गया। मोदी सरकार ने राफेल सौदे में सरकारी कंपनी हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की अनदेखी कर अपने पूंजीपति मित्रों की कंपनी को फायदा पहुंचाने की कोशिश की।
राजीव भवन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में अपनी बात रखते हुए अजय माकन ने कहा कि कांग्रेस की यूपीए सरकार के कार्यकाल में 12 दिसंबर 2012 को खुले अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 126 राफेल लड़ाकू विमानोें का टेंडर हुआ था।
एक विमान की कीमत 526 करोड़ आंकी गई थी। मोदी सरकार की तरफ से 10 अप्रैल 2015 को अनाउंसमेंट हुआ कि प्रति विमान लगभग 1671 करोड़ के हिसाब से खरीदा जाएगा। 36 विमानों का 60 हजार 145 करोड़ में ऑर्डर हुआ।
इस तरह सरकारी खजाने को 41 हजार 205 करोड़ रूपये का चूना लगा। 30 हजार करोड़ का ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट पीएसयू हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के हाथों से लेकर अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस कंपनी को दे दिया गया।
10 अप्रैल 2015 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व्दारा फ्रांस में 36 राफेल लड़ाकू जहाजों को खरीदने की घोषणा की गई थी। घोषणा से मात्र 12 दिन पहले 28 मार्च 2015 को रिलायंस डिफेंस लिमिटेड का गठन किया गया था।
इससे साफ हो जाता है कि दाल में कुछ काला है। माकन ने कहा कि भारतीय वायु सेना को कम से कम ऑपरेशनल 126 लड़ाकू जहाजों की जरूरत है। यूपीए सरकार के समय स्पष्ट कर दिया गया था कि एचएएल ट्रांसफर ऑफ टेक्नालॉजी के साथ 108 लड़ाकू जहाजों का निर्माण होगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खरीदे जाने वाले जहाजों की संख्या 126 से घटाकर 36 कर दी। ऐसा कर हमारी सूरक्षा व्यवस्था को कमजोर किया जा रहा है। इस मामले में भारतीय वायु सेना सेे परामर्श क्यों नहीं लिया गया। 
माकन ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सदैव से कहा है सुप्रीम कोर्ट राफेल सौदे में जांच के लिए उपयुक्त फोरम नहीं। 13 मार्च 2014 को एचएएल एवं डॉल्ट एविएशल के बीच ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट के क्रियान्वयन के लिए वर्कशेयर एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए गए। यह लिखित समझौता था।
25 मार्च 2015 को प्रधानमंत्री डसॉल्ट के सीईओ एवं इंडियन एयरफोर्स चीफ की मौजूदगी में एचएएल की फैक्ट्री में गए। इसके बाद राफेल सौदे पर एचएएल और डसॉल्ट के बीच ऑफसेट समझौते की पुष्टि की गई।
यह महत्वपूर्ण बातें छिपाकर मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया। यही कारण है कि कांग्रेस लगातार यह बोलते हुए हमला कर रही है कि चौकीदार चोर है। कांग्रेस तो चाहती थी देश में 126 विमान आए। उसमें भी 108 भारत में बनें। मोदी सरकार ने जिन 36 विमानों का सौदा किया है वह 2022 तक आएंगे।   
 
 

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