छत्तीसगढ़

नीलकंठ कंपनी के खिलाफ क्रांति सेना का आक्रोश — HR का पुतला दहन, 7 दिन में कार्रवाई नहीं तो ताला बंद आंदोलन की चेतावनी

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कोरबा (कुसमुंडा)। कुसमुंडा खंड में नीलकंठ कंपनी के मनमाने रवैये और श्रमिकों के साथ हो रहे अन्याय के विरोध में रविवार को छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना (गैर-राजनीतिक संगठन) ने जोरदार प्रदर्शन किया। कंपनी प्रबंधन एवं HR के उदासीन व्यवहार से नाराज संगठन पदाधिकारियों और ड्राइवर संघ के सदस्यों ने HR का पुतला दहन कर आक्रोश व्यक्त किया।

प्रदर्शन के दौरान संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी बड़ी संख्या में मौजूद रहे। प्रमुख रूप से प्रदेश अध्यक्ष भैया दिलीप, प्रदेश संगठन मंत्री भैया उमा गोपाल, जिला संयोजक अतुल दास महंत, जिला अध्यक्ष अलेक्जेंडर टोप्पो, जिला संगठन मंत्री गंभीर दास महंत, जिला सचिव विनोद सारथी, जिला सह सचिव बसंत दास महंत, जिला संगठन प्रभारी राजेश साहू, जिला प्रभारी हेमंत नामदेव एवं नरेश दास महंत, तथा खंड अध्यक्ष कैलाश साहू व प्रमोद डिक्सेना सहित संगठन के अन्य पदाधिकारी एवं ड्राइवर संघ के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

प्रदर्शन के उपरांत एसईसीएल जीएम कार्यालय में त्रिपक्षीय वार्ता आयोजित की गई, जिसमें नीलकंठ कंपनी के प्रतिनिधि, जिला एवं पुलिस प्रशासन, एसईसीएल प्रबंधन, छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के पदाधिकारी, ड्राइवर भाई तथा भू-विस्थापित प्रतिनिधि शामिल हुए।

वार्ता के दौरान संगठन की मांगों पर विस्तृत चर्चा हुई और कई बिंदुओं पर सकारात्मक पहल करने पर सहमति बनी। हालांकि संगठन ने स्पष्ट कहा कि यदि आगामी 7 दिनों के भीतर कंपनी और प्रबंधन द्वारा ठोस कार्रवाई नहीं की जाती, तो नीलकंठ कंपनी का ताला बंद आंदोलन शुरू किया जाएगा।

छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने कहा कि स्थानीय श्रमिकों और भू-विस्थापितों के सम्मान और अधिकारों की रक्षा के लिए उनका संघर्ष निरंतर जारी रहेगा।

 
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