छत्तीसगढ़

पराली न जलाने किसानों से की गई अपील, उल्लंघन पर होगी सख्त कार्यवाही

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बेमेतरा । कृषि विभाग द्वारा किसानों को लगातार पराली प्रबंधन के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इसी क्रम में वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, बेरला कार्यालय द्वारा ग्राम कठिया के किसान शिवनंदन टण्डन को पराली जलाने के संबंध में चेतावनी जारी की गई है।

जारी सूचना के अनुसार 29 नवंबर 2025 को किसान द्वारा अपने खेत ( ग्राम कठिया) में पराली जलाए जाने की जानकारी प्राप्त हुई। पराली जलाना पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) तथा राज्य शासन के दिशानिर्देशों के तहत दण्डनीय अपराध है। इससे वायु प्रदूषण बढ़ता है और मिट्टी की उर्वरता पर गंभीर प्रभाव पड़ता है।

जिला प्रशासन बेमेतरा और कृषि विभाग द्वारा लगातार किसानों से अपील की जाती रही है कि पराली न जलाएँ, बल्कि उसका वैज्ञानिक प्रबंधन करें या गौशालाओं में पैरा दान दें।

अधिकारी द्वारा किसान को निर्देश दिए गए हैं कि भविष्य में किसी भी परिस्थिति में पराली या फसल अवशेष न जलाएँ तथा कृषि विभाग द्वारा सुझाए गए विकल्प जैसे मल्चर, हैपी सीडर, रोटावेटर, कम्पोस्टिंग, पिट विधि और चराई का उपयोग किया जाए।

सूचना में यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि भविष्य में दोबारा पराली जलाने की घटना पाई जाती है, तो किसान के विरुद्ध नियमानुसार जुर्माना और कानूनी कार्यवाही की जाएगी। कृषि विभाग ने सभी किसानों से निर्धारित नियमों का पालन करते हुए पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करने की अपील की है।

 

 
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