कोरबा कलेक्ट्रेट में 34 टन विस्फोटक खड़ा रहा, और GST अफसर रहे सोते — कलेक्टर अजीत वसंत की तत्परता से बची सैकड़ों जानें, जानिए पूरा मामला…

कोरबा।
कोरबा जिला प्रशासन की तेज़ नज़र और कलेक्टर अजीत वसंत की त्वरित कार्रवाई ने गुरुवार को एक संभावित बड़े हादसे को टाल दिया।
वहीं दूसरी तरफ़ स्टेट GST विभाग के दो अधिकारी — प्रभाकर उपाध्याय और अनिमोह सिंह बासवार — अपनी लापरवाही से पूरे जिले को खतरे में डालने की कगार पर पहुंचा चुके थे।
सबसे चौंकाने वाली बात यह कि 34 टन अमोनियम नाइट्रेट, जो खुद एक चलता-फिरता विस्फोटक गोदाम है, उसे इन अफसरों ने बिना किसी सुरक्षा इंतज़ाम के पूरे 24 घंटे कलेक्ट्रेट परिसर में खड़ा रहने दिया।
यह वही परिसर है जहां रोज़ाना सैकड़ों लोग आते-जाते हैं, जहां अधिकारी मीटिंग करते हैं — ठीक उसी जगह विस्फोटक लदा ट्रक खुलेआम खड़ा रहा और किसी GST अधिकारी को इसकी रिपोर्ट देने की ज़रूरत तक महसूस नहीं हुई।
कलेक्टर को सूचना मिलते ही हड़कंप, तुरंत ट्रक हटवाया
जब कलेक्टर अजीत वसंत को इस खतरनाक लापरवाही की जानकारी मिली, तो तत्काल उन्होंने हस्तक्षेप किया।
उन्होंने फौरन आदेश देकर ट्रक को कलेक्ट्रेट परिसर से हटवाया और सुरक्षित मैदान में खड़ा कराया।
कलेक्टर ने मौके पर ही अधिकारियों को फ़ोन पर ही कड़ी फटकार लगाई और नियमों की खुली अवहेलना पर स्पष्ट नाराज़गी जताई।
सूत्र बताते हैं कि कलेक्टर की त्वरित कार्रवाई न होती, तो यह मामला किसी महतारी चौंक ब्लास्ट जैसी त्रासदी में बदल सकता था।

ड्राइवर चिल्लाता रहा — ‘अमोनियम नाइट्रेट है साहब’, लेकिन GST टीम बेखबर बनी रही
ड्राइवर लगातार बताता रहा कि ट्रक में अमोनियम नाइट्रेट लदा है और यह कोल माइंस ब्लास्टिंग में उपयोग होने वाला अत्यंत संवेदनशील पदार्थ है।
ई-वे बिल में भी साफ लिखा था, लेकिन अधिकारी कानों में रूई डालकर बैठे रहे।
न तो वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी, न कलेक्टर को और न ही पुलिस को।
उसी दिन दो और ट्रक पकड़े गए — GST सिस्टम की पोलपट्टी खुली
कलेक्टर की सतर्कता के बीच उसी दिन दो और ट्रकों पर की गई कार्रवाई ने GST विभाग की पूरी मॉनिटरिंग व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए।
दूसरा ट्रक — छड़, लेकिन परमिट रायपुर का; रूट मिला संदिग्ध
दूसरा ट्रक छड़ लेकर जा रहा था।
जांच में पता चला कि इसका परमिट रायपुर का है, जबकि ट्रक रायगढ़ से मध्यप्रदेश की ओर जा रहा था।
दस्तावेज़ों में कई गड़बड़ियां मिलने पर इस पर लगभग 7 लाख रुपये का भारी जुर्माना लगाने की चर्चा है।
तीसरा ट्रक — दर्री से स्क्रैप, लेकिन कागज दिल्ली के; बड़ा सवाल उठ खड़ा
तीसरे ट्रक में स्क्रैप लदा था, जो दर्री क्षेत्र से जांजगीर-चांपा जा रहा था।
मगर दस्तावेज़ों में इसे दिल्ली की पार्टी बताया गया।
GST जांच में टैक्स अनियमितता मिली और 1 लाख 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया।
अब बड़ा सवाल —
जब जिले में कबाड़ का कारोबार बंद है, तो दर्री क्षेत्र से स्क्रैप लोड होकर बाहर कैसे जा रहा था ?
यह गड़बड़ी सिर्फ टैक्स नहीं — बल्कि पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर रही है।
GST विभाग ने तीनों ट्रकों को कब्जे में लिया, जांच तेज़ — लेकिन जिले में चर्चा सिर्फ एक बात की
तीनों ट्रकों को अब विभाग ने अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।
उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट भेज दी गई है।
लेकिन जिलेभर में चर्चा सिर्फ एक ही बात की है —
अगर कलेक्टर अजीत वसंत समय पर हस्तक्षेप नहीं करते, तो GST विभाग की लापरवाही पूरे जिले पर भारी पड़ सकती थी।
अमोनियम नाइट्रेट कितना खतरनाक होता है — आसान भाषा में समझें
अमोनियम नाइट्रेट अपने आप नहीं फटता, लेकिन गलत जगह, गलत तरीके से और ज्यादा मात्रा में रखा जाए तो यह बेहद खतरनाक बन सकता है। यह खुद आग नहीं पकड़ता, लेकिन आग को बहुत तेज़ कर देता है और ज्यादा गर्मी मिलने पर गैसें इतनी तेजी से बनती हैं कि भारी विस्फोट हो सकता है। दुनिया में इसके कई उदाहरण हैं। 2020 में लेबनान के बेरूत बंदरगाह पर 2,700 टन अमोनियम नाइट्रेट में धधकती आग के बाद हुआ धमाका इतने शक्तिशाली था कि पूरे शहर में हजारों इमारतें टूट गईं और 200 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। इससे पहले 1921 में जर्मनी के ऑप्पाउ में ऐसा ही विस्फोट हुआ था जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे। इस वजह से अमोनियम नाइट्रेट को हमेशा सुरक्षित, खुले और आबादी से दूर स्थान पर रखने का नियम दुनिया भर में लागू है।

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