छत्तीसगढ़

शिक्षक विहीन हाईस्कूलों में लौटी रौनक

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युक्तियुक्तकरण ने बदली धमधा विकासखण्ड के विद्यालयों की तस्वीर

 

दुर्ग (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। कभी शिक्षकों के अभाव से जूझ रहे धमधा विकासखण्ड के ग्रामीण हाई स्कूलों की अब तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है। लंबे समय तक शिक्षक विहीन रहने वाले चार शासकीय हाई स्कूलों में अब युक्तियुक्तकरण के पश्चात व्याख्याताओं की नियुक्ति कर दी गई है, जिससे विद्यालयों में फिर से शैक्षणिक गतिविधियां गति पकड़ने लगी हैं और छात्र-छात्राओं में नया उत्साह देखने को मिल रहा है।

धमधा विकासखण्ड के शासकीय हाई स्कूल सिलितरा, बिरेझर, दनिया एवं पुरदा में वर्षों से स्वीकृत पदों के बावजूद एक भी व्याख्याता पदस्थ नहीं था।

शिक्षकविहीन इन स्कूलों में पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही थी। विशेष रूप से विज्ञान, गणित और अंग्रेजी जैसे महत्वपूर्ण विषयों की पढ़ाई लगभग ठप हो चुकी थी, जिससे कक्षा 9वीं और 10वीं के छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में लटका हुआ था। हाल ही में शिक्षा विभाग द्वारा किए गए युक्तियुक्तकरण के तहत इन विद्यालयों में व्याख्याताओं की नवीन पदस्थापना की गई है। अब शासकीय हाई स्कूल सिलितरा, बिरेझर और दनिया में चार-चार व्याख्याता तथा शासकीय हाई स्कूल पुरदा में तीन व्याख्याता पदस्थ किए गए हैं। इन नियुक्तियों के बाद विद्यालयों की शैक्षणिक स्थिति में आश्चर्यजनक सुधार देखने को मिला है। अब प्रत्येक विषय के लिए शिक्षक उपलब्ध हैं। अब कक्षाएं नियमित रूप से संचालित होगी।

नए शिक्षकों के आगमन से छात्र-छात्राएं भी अब अधिक उत्साह के साथ विद्यालय में पढ़ाई करेंगे। बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी के लिए उन्हें विषय विशेषज्ञों से मार्गदर्शन मिल पाएगा। कक्षा 9वीं के छात्र रोहित साहू ने बताया, “पहले हमें सिर्फ नाम के लिए स्कूल आना पड़ता था, पढ़ाई नहीं हो पाती थी। अब हर विषय के लिए अलग-अलग शिक्षक होने से सभी विषय अच्छे से समझ में आएंगे।

शासकीय हाई स्कूल सिलितरा के प्रभारी प्रधान पाठक ने बताया “पिछले कुछ वर्षों से विद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी थी। बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही थी। लेकिन युक्तियुक्तकरण के बाद जो व्याख्याता पदस्थ किए गए हैं, उनसे विद्यालय में फिर से पढ़ाई का माहौल बना है। अब विद्यार्थियों में स्कूल आने को लेकर उत्साह देखा जा रहा है। नवपदस्थ शिक्षक भी ग्रामीण क्षेत्र में सेवा देकर संतुष्ट हैं। उनका कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों में सीखने की गहरी ललक होती है। शिक्षक भी इसे समझते हुए पूरी निष्ठा के साथ उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने को तत्पर हैं।

शिक्षा विभाग द्वारा युक्तियुक्तकरण के तहत की गई यह पहल ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है। धमधा के स्कूलों में आया बदलाव यह दिखाता है कि शिक्षक समय पर हो तो बच्चों की पढ़ाई में भी बेहतर नतीजे देखने को मिलते हैं। विद्यालय में शिक्षकों की उपलब्धता से अभिभावकों में भी संतोष है। ग्राम पंचायत के सरपंच ने इस बदलाव का स्वागत करते हुए शिक्षा विभाग का आभार जताया और कहा कि यह निर्णय गांव के बच्चों के भविष्य को सवारने वाला है। इसी प्रकार विकासखण्ड के शासकीय हाई स्कूल पेन्ड्री कु. में भी शिक्षा सुधार की लहर देखी जा रही है। पहले यह विद्यालय एकल शिक्षकीय था, जहां कुल 60 बच्चों पर केवल एक ही व्याख्याता पदस्थ थे। अब युक्तियुक्तकरण के बाद वहां तीन व्याख्याता पदस्थ कर दिए गए हैं, जिससे स्कूल का वातावरण पूरी तरह से बदल गया है और बच्चों को हर विषय में मार्गदर्शन मिल पाएगा।

 
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