अनिरुद्ध दुबे
रायपुर। छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन होने के साथ ही मुख्यमंत्री के अलावा कौन होगा नया विधानसभा अध्यक्ष को लेकर भी अटकलों का दौर शुरु हो गया है। संभावना यही नजर आ रही है नया विधानसभा अध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा, रविन्द्र चौबे एवं मोहम्मद अकबर में से कोई एक होगा।
हर राजनीतिक पार्टी मुख्यमंत्री के बाद विधानसभा अध्यक्ष को ही सबसे बड़ा जिम्मेदारी का पद मानती है। छत्तीसगढ़ राज्य के छोटे से 18 साल के इतिहास पर नजर दौड़ाएं तो विधानसभा अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी ऐसे व्यक्ति को ही दी जाती रही जो कुशल राजनीतिज्ञ होने के साथ संसदीय ज्ञान में निपुण हो। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल (कांग्रेस), प्रेमप्रकाश पांडे (भाजपा), धरमलाल कौशिक (भाजपा) एवं गौरीशंकर अग्रवाल (भाजपा) इसका उदाहरण हैं। उपरोक्त दोनों मापदंड में इस समय तीन नेता सत्यनारायण शर्मा, रविन्द्र चौबे एवं मोहम्मद अकबर ही सबसे ज्यादा खरे उतरते नजर आ रहे हैं। अविभाजित मध्यप्रदेश के समय दिग्विजय सिंह के शासनकाल में सत्यनारायण शर्मा तथा अजीत जोगी के शासनकाल में रविन्द्र चौबे संसदीय कार्य मंत्री रह चुके हैं। किसी भी संसदीय कार्य मंत्री की विधानसभा के परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। रविन्द्र चौबे तो छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं। वहीं मोहम्मद अकबर जब भी विधायक रहे विधानसभा में तथ्यों एवं तर्कों के साथ मजबूती से बात रखते नजर आते थे। टू द प्वाइंट वाले नेता के रूप में उनकी अपनी अलग पहचान रही है। यही कारण है कि वे विधानसभा अध्यक्ष जैसे गरिमामय पद पर बैठने की काबिलियत रखते हैं। माना जा रहा है दिल्ली से नये मुख्यमंत्री का नाम सामने आ जाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष का नाम तय होने में देर नहीं लगेगी।
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