July 31, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
बिलासपुर में आर्किटेक्ट फर्जीवाड़ा : 10 साल से चल रहा था नक्शा पासिंग का खेल, असली खुलासा अब हुआASI का भ्रष्ट खेल उजागर: रिश्वत लेकर आरोपी को लौटाया जब्त मोबाइल, कोर्ट आदेश को दिखाया ठेंगा — शिकायत करने पर दी धमकी, ऑडियो वायरलमहिला अधिकारी ने डीएमसी के खिलाफ की थी झूठी शिकायत ! प्रशासन की जांच में आरोप पाए गए गलत, किसके शह पर बिछाए गए थे मोहरे पढ़िए पूरी रिपोर्ट…शोक समाचार :  पत्रकार एवं छत्तीसगढ़ अखबार वितरक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद सिन्हा नहीं रहेONC BAR पर प्रशासन की चुप्पी पर उठा विवाद, विश्व हिंदू परिषद ने जताई नाराज़गीबिलासपुर कलेक्टर की अनुकरणीय पहल – पशु व जनहित में सराहनीय कदमसीएम साय ने किया ‘गौ विज्ञान परीक्षा अभियान 2025’ का शुभारंभग्रीन उद्यम की परिकल्पना को साकार करने साय सरकार दे रही विशेष पैकेज: उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगनबालको महिला मंडल ने धूमधाम से मनाया तीज महोत्सव“जब कोई साथ नहीं होता… तब ‘आगाज़ इंडिया’ साथ होता है” ‘आख़िरी सफर’ — एक संवेदनशील और मानवीय पहल
छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में शराब टेंडर के दौड़ में कई कंपनियां, होगी राजस्व में बढ़ोत्तरी

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

रायपुर। सरकार बदलने के बाद जहां राज्य में शराबबंदी मुद्दा बन गया है वहीं दूसरी ओर नए वित्तीय वर्ष में शराब की खपत बढ़ने के आसार हैं। आगामी वर्ष के लिए बेवरेज कार्पोरेशन के पास नई कंपनियों ने ओपन टेंडर में पर्चा भरा है। ब्रांड बढ़ते ही शराब की बिक्री बढ़ेगी। पहले सेमी ब्रांड की शराब ही काउंटर पर मिला करती थी।
ठेका पद्धति समाप्त होने के बाद ओपन टेंडर में नई-नई कंपनियों ने पिछले साल हाथ आजमाया। नतीजतन मदिरा प्रेमियों को ऐसे ब्रांड मिले जो कभी चलन में नहीं थे। इस साल चर्चा रही कि काउंटर से सेमी ब्रांड गायब कर लोकल ब्रांड की शराब बेची जा रही है।
अधिकारियों ने बताया कि दरअसल यह लोकल ब्रांड नहीं है बल्कि नई कंपनियों के प्रोडेक्ट हैं। बड़े ब्रांड की शराब देने वाली कंपनियों से प्रतिस्पर्धा में छोटी कंपनियों ने जगह बनाई है। पिछले साल 40 से ज्यादा कंपनियों के ब्रांड बेचे गए थे। दिसंबर में चार से पांच नई कंपनियों के पर्चा भरने की खबर है।
माना जा रहा है कि जितनी कंपनियां बढ़ेंगी, उतनी ही ब्रांड में इजाफा होगा। इससे शराब की खपत बढ़ेगी। आधिकारिक तौर पर कंपनियों के बढ़ने की कोई पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन जिले में पिछले साल जारी किए गए परमिट के हिसाब से खपत बढ़ने के पूरे आसार हैं। कंपनियों की संख्या पहले से ज्यादा है। इधर नई कंपनियों ने अब पर्चा भरा है। इस मामले पर आबकारी आयुक्त कमलप्रीत सिंह से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन बात नहीं हो पाई

Related Articles

Check Also
Close