ई-कॉमर्स कंपनियों पर केंद्र सरकार की नकेल, नियम किए सख्त…
नई दिल्ली। विदेशी निवेश वाली ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए केंद्र सरकार ने नियम सख्त कर दिए हैं। केंद्र सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों की ऐसी एक्सक्यूसिव डील पर रोक लगा दी है, जिनसे उत्पादों की कीमतें प्रभावित हो। साथ ही ऐसी कंपनियां अपनी हिस्सेदारी वाली अन्य कंपनियों के उत्पाद नहीं बेच पाएंगी। ऑनलाइन रिटेल में एफडीआई की संशोधित नीति फरवरी 2019 से लागू होगी।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने नए नियमों की घोषणा करते हुए कहा कि ऐसी कोई भी इकाई जिनके ऊपर ई-कॉमर्स कंपनी या उसके समूह की किसी कंपनी का नियंत्रण हो या उनके भंडार में ई-कॉमर्स कंपनी या उसके समूह की किसी कंपनी की हिस्सेदारी हो तो वह इकाई संबंधित ऑनलाइन मार्केटप्लेस (मंच) के जरिए अपने उत्पादों की बिक्री नहीं कर सकेगी।
मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि मार्केटप्लेस की समूह कंपनियों द्वारा खरीदारों को दिए जाने वाले कैशबैक भेदभाव से रहित तथा उचित होने चाहिए।
अधिसूचना में यह भी कहा गया कि इन कंपनियों को हर साल 30 सितंबर तक पिछले वित्त वर्ष के लिए दिशा-निर्देशों के अनुपालन की पुष्टि को लेकर विधिवत नियुक्त अपने लेखा-परीक्षक की रिपोर्ट के साथ एक प्रमाण-पत्र रिजर्व बैंक के पास जमा कराना होगा।
मंत्रालय ने कहा कि ये बदलाव फरवरी, 2019 से प्रभावी होंगे। मंत्रालय ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा उपभोक्ताओं को भारी छूट दिए जाने के खिलाफ घरेलू कारोबारियों की आपत्तियों के मद्देनजर ये फैसले लिए गए हैं।
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