August 2, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
उपभोक्ताओं को मिलेगी हर 30 मिनट की बिजली खपत की जानकारीअब गांजा पीने वाले भी जाएंगे जेल, रायपुर पुलिस ने शुरू की कार्रवाईधारासिव के पनखत्ती तालाब में मिला अज्ञात भ्रूण, इलाके में सनसनी11 लाख की लूट निकली फर्जी: कर्ज से उबरने रची थी साजिश, आरोपी गिरफ्तारउद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन को 14419 सदस्य बनाने पर मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने किया सदस्यता रत्न सम्मान से सम्मानितकलेक्टर ने वनांचल ग्राम खोभा, जोब एवं पंडरापानी का किया सघन निरीक्षणनहर में डूबने से युवक की मौतलाखों के गांजे के साथ अंतर्राज्यीय तस्कर सुभाष तिवारी गिरफ्तारधर्मांतरण और मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार ननों को मिली जमानतकोरबा पुलिस की क्राइम मीटिंग: अपराध नियंत्रण और यातायात व्यवस्था पर जोर
छत्तीसगढ़

नान घोटाले में टूटेजा को मिली हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत

उनके वकीलों का दावा उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं, भ्रष्टाचार को आरोप निराधार

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

रायपुर। छत्तीसगढ़ में नान घोटाले में आईएएस अनिल टूटेजा को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत दे दी है। कोर्ट में उनके वकीलों ने अपनी तरफ से दलील दी की मामले में उनके खिलाफ को साक्ष्य नहीं है और न ही उनसे कोई रिकवरी हुई है। अत: उन पर लगाए गए भ्रष्टाचार आरोप निराधार हैं। जस्टिस आरपी शर्मा के कोर्ट ने वकीलों के दलीलों को सुनने के बाद उन्हें अग्रिम जमानत दे दी।
उनके वकील अवि सिंह और पीयूष भाटिया ने रायपुर में पत्रकारों को बताया कि नान घोटाले में ईओडबल्यू ने 30 माह के बाद दिसम्बर 2018 में अनिल टूटेजा और डॉ. आलोक शुक्ला के खिलाफ चार्जशीट फाइल की थी। चार्जशीट में उनके खिलाफ कोई सीधा साक्ष्य और उनसे कोई रिकवरी का उल्लेख नहीं था। मामले में न ही उनसे कोई पूछताछ की गई थी और उनकी गिरफ्तारी भी नहीं की गई थी। उन्होंने बताया कि नान के जिस 100 पेज के डायरी का जिक्र आया है, उसके 6 पन्नों को ही देखा गया। मामले में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि डायरी किसने लिखी।
उन्होंने बताया कि इसी मामले में एक और पिटिशन जो फरवरी 2016 में हाईकोर्ट में दाखिल की गई थी उस पर सुनवाई चल रही है। मामले में 13 मई को हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। उनके वकीलों ने कहा कि पूरे मामले की फिर से जांच कराने की मांग भी कोर्ट के समक्ष रखी गई है। एसीबी ने जिस पीरियड में घोटाले और घटिया चावल सप्लाई के लिए केस दर्ज किया था, उसी पीरियड में चावल के गुणवता संबंधी एक सवाल के जवाब में सरकार ने लिखित जवाब में बताया कि उस समय उत्तम क्वालिटी की चावल सप्लाई की गई। कहीं कोई गड़बड़ी नहीं हुई। टुटेजा के वकीलों ने इसे आधार बनाया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि श्री टूटेजा मात्र आठ महीने नान एमडी के पद पर रहे। इस दौरान टुटेंजा के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है। न ही उन्होंने किसी से रिश्वत मांगने की शिकायत है। न ही प्रारंभिक एफआईआर में उनका नाम था। एसीबी ने 55 से अधिक गवाहों से पूछताछ के बाद भी कोई साक्ष्य नहीं जुटा पाई कि नान के आरोपियों से उनका कोई कनेक्शन था। श्री टुटेजा के आठ महीने तक प्रबंध निदेशक रहने के दौरान राज्य सरकार को कोई नुकसान भी नहीं हुआ। अलबत्ता, आडिट में नान को तीन करोड़ रुपए का लाभ ही हुआ। उनके वकील पीयूष भाटिया ने कोर्ट को बताया कि टुटेजा के एमडी रहने के दौरान पीडीएस सिस्टम की जमकर तारीफ हुई बल्कि उसे कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से भी नवाजा गया। इस दलील को सुनने के बाद जस्टिस आरपी शर्मा ने टुटेजा को अग्रिम जमानत दे दी।

Related Articles

Check Also
Close