रायपुर। पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि अयोध्या में विवादित ढॉचा एवं उसके आसपास की 67 एकड़ जगह केन्द्र सरकार के पास है। यदि केन्द्र की भाजपा सरकार वहां मंदिर बनाना चाहे तो कोई रोक नहीं सकता। जहां तक कांग्रेस की बात है तो उसे इस विवाद पर उच्चतम न्यायालय का फैसला मान्य होगा।
आज राजीव भवन में मीडिया से बातचीत के दौरान मनीष तिवारी ने कहा कि भाजपा को राम मंदिर तब याद आता है जब चुनाव करीब होता है। पिछले 26 सालों से ये लोग यही कर रहे। 7 जनवरी 1993 में बाबरी मस्जिद के ध्वस्त होने के 1 महीने के बाद केन्द्र सरकार ने विवादित ढांचे एवं उसके आसपास की 67 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर लिया था। जमीन तो अब भी केन्द्र सरकार के पास है। केन्द्र सरकार उस पर कुछ करना चाहे तो कोई रोक नहीं सकता।
तिवारी ने कहा कि विधानसभा चुनाव स्थानीय मुद्दों पर लड़ा जाता है लेकिन अर्थव्यवस्था एक ऐसा मुद्दा है जिससे एक आम आदमी का घर प्रभावित होता है। इस देश में पिछले 53 महीनों में 11 लाख करोड़ की सबसे बड़ी लूट कैरोसीन, पेट्रोल एवं डीजल के नाम पर टैक्स ठोंककर की गई। पेट्रोल के ऊपर 211 प्रतिशत तथा डीजल के ऊपर 433 प्रतिशत टैक्स बढ़ाया गया। यूपीए सरकार के समय पेट्रोल 50.6 रुपये, डीजल 34.6 रुपये एवं एलपीजी सिलेंडर 344 रुपये पर था। आज बढ़कर पेट्रोल 77 रुपये, डीजल 70 रुपये तथा एपीजी सिलेंडर 1017 रुपये पर पहुंच गया है। प्रधानमंत्री, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केन्द्रीय वित्त मंत्री से हमारा सवाल है, जब कच्चे तेल की कीमत आधी हो चुकी तो उससे जुड़ी बाकी चीजों की कीमत दुगनी क्यों। केन्द्र सरकार दूसरे मुल्कों को 34 रुपये में पेट्रोल तथा 37 रुपये में डीजल बेच रही, फिर लूट देश की जनता से ही क्यों। सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह कि जो एलपीजी गैस सिलेंडर मुम्बई में 912, इंदौर में 968, भोपाल में 947, भुवनेश्वर में 907, नागपुर में 993 रुपये में मिलता है छत्तीसगढ़ में उसकी कीमत 1017 रुपये है। केरोसिन गरीब आदमी की जरूरत है। 1 अप्रेल 2014 में केरोसिन की कीमत 14 रुपये 96 पैसे प्रति लीटर थी, जो कि आज बढ़कर 26 रुपये 61 पैसे हो गई है।
मनीष तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार में डॉलर के सामने रुपये की कीमत और घटी। यूपीए सरकार के समय 1 डॉलर के सामने रुपया 58.50 था। आज रुपया और लुढ़ककर 72.92 हो गया है। तिवारी ने कहा कि केन्द्र सरकार के पास धारा 7 के तहत रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास जमा राशि का आपात स्थिति में इस्तेमाल करने का अधिकार है। पूर्ववर्ती सरकारों ने समझदारी का परिचय देते हुए कभी उधर झांकने की कोशिश नहीं की। 1991 में भले ही देश का सोना गिरवी रखा गया, लेकिन तत्कालीन सरकार ने आरबीआई की तरफ नहीं झांका। पिछले सात दशकों में जो कभी नहीं हुआ वो अब हो रहा। केन्द्र सरकार की रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास पड़े 3 लाख करोड़ पर नजर है। वित्तीय घाटा इस कदर है कि सरकार से देश सम्हाले नहीं सम्हल रहा। इसीलिए आरबीआई निशाने पर है। यदि सरकार के हाथ आरबीआई तक पहुंच गए तो देश की अर्थव्यवस्था बैठ जाएगी। बड़ा क्राइसेस छा जाएगा। घर एवं मुल्क दोनों का बजट केन्द्र सरकार ने बिगाड़कर रख दिया। दूध 40 से बढ़कर 52 रुपये लीटर पर पहुंच गया। दाल 70 रुपये से बढ़कर 170 रुपये पर पहुंच गई। और तो और रेल्वे प्लेटफार्म टिकट जो 3 रुपये होती थी बढ़ाकर 20 रुपये कर दी गई। छत्तीसगढ़ राज्य में किसानों का बुरा हाल है। छत्तीसगढ़ में भाजपा के शासनकाल में 1347 किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
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