दिल्ली की सात सीटों पर आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच गठबंधन की संभावनाएं गुरुवार को लगभग खत्म हो गईं। सात सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों दल अपने-अपने प्रस्ताव पर अड़े रहे जिसके बाद गठबंधन की गुजाइंश खत्म हो गई।
कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात के बाद ‘आप’ के प्रस्ताव पर गठबंधन के लिए साफ मना कर दिया। वहीं देर शाम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ आप के शीर्ष नेताओं की बैठक में भी कांग्रेस के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया। दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच गुरुवार को कोई बैठक भी नहीं हुई है।
‘आप’ की गठबंधन पर बातचीत के लिए अधिकृत संजय सिंह से बुधवार रात मुलाकात के बाद पीसी चाको ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। बैठक के बाद चाको ने बताया कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन की सभी संभावनाएं लगभग खत्म हो गई हैं। उन्होंने कहा कि मैंने संजय सिंह के साथ चर्चा कर 3-4 सीटों के फॉर्मूले (3 कांग्रेस 4 आप) पर सहमति बनाई। इसके बाद ‘आप’ कुछ और राज्यों में गठजोड़ की बात करने लगी।
दरअसल, ‘आप’ दूसरे राज्यों में गठजोड़ नहीं करने की सूरत में दिल्ली में कांग्रेस को सिर्फ 2 सीट देना चाहती है। चाको ने कहा कि हम सातों सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय कर रहे हैं। शुक्रवार को इसकी घोषणा कर दी जाएगी।
आम आदमी पार्टी सिर्फ दिल्ली में गठबंधन करने पर सिर्फ 5-2 के फॉर्मूले (5 आप, 2 कांग्रेस) पर अड़ी थी। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के इस फॉर्मूले पर तैयार नहीं होने और चाको के बयान के बाद गुरुवार को केजरीवाल ने पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक की। इसमें तय हुआ कि दिल्ली में सिर्फ 5-2 पर ही गठबंधन होगा। इससे कम सीटों पर कोई बात नहीं बनेगी। इसके बाद माना जा रहा है कि गठबंधन की सभी उम्मीदें लगभग खत्म हो गई हैं।
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