September 2, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
शिक्षक दिवस पर ‘राज्यपाल शिक्षक सम्मान’ से सम्मानित होंगे 64 शिक्षकउद्योग मंत्री देवांगन ने प्रदेश के पहले प्लास्टिक पार्क को दो महीने में पूर्ण करने और चार नए स्मार्ट इंडस्ट्रीयल एरिया का कार्य शीघ्र प्रारंभ करने के दिए निर्देश“पापा, मैं ठीक हो जाऊंगी ना?” – दिल की बीमारी से जूझ रही मासूम शांभवी गुरला का सवालदुष्कर्म के आरोपी डिप्टी कलेक्टर दिलीप उइके को नहीं मिली जमानतरक्तदान एक महान और जीवनदायी कार्यदरिमा में 35 ग्रामीणों ने सीखा राजमिस्त्री एवं रानी मिस्त्री का हुनरअंबेडकर अस्पताल के नर्सिंग कर्मचारियों को भी मिले वेतन वृद्धि का लाभ: NSUIस्मार्ट मीटर बना मुसीबत: 200 रुपए से अचानक 22 हजार का बिजली बिल…प्रोजेक्ट पाई पाई : एसबीआई चीफ मैनेजर ने दिए वित्तीय योजनाओं की जानकारीकारखानों में श्रमिकों के नियमित स्वास्थ्य जाँच में नहीं चलेगी मनमानी, श्रम मंत्री ने दिए कड़े निर्देश
नेशनल

अयोध्या विवाद : SC ने मध्यस्थता कमेटी को दिया 15 अगस्त तक का समय

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

रामजन्म भूमि विवाद पर मध्यस्थता कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट से अगस्त तक के लिए और समय मांगा है, जिसके जवाब में कोर्ट ने कहा हम समय देने को तैयार हैं। इसके बाद कोर्ट ने कमेटी को 15 अगस्त तक का समय दे दिया। कोर्ट ने कहा कि हम प्रक्रिया को शॉर्ट सर्किट क्यों करें। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने कहा कि समिति के अध्यक्ष जस्टिस कलीफुल्ला ने गोपनीय रिपोर्ट में बताया है कि मामले में प्रगति हो रही है, हम आपको नहीं बता सकते।
कोर्ट ने कहा कि हम समिति को समय दे रहे हैं। निर्मोही अखाड़ा ने मध्यस्थता पर आशंका प्रकट की लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, एसए बोबडे, डीवाई चन्द्रचूड़, अशोक भूषण और एसए नजीर की पांच सदस्यीय संविधान पीठ इस मामले पर सुनवाई कर रही है।
मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कहा कि मध्यस्थता प्रक्रिया के बीच कोई नहीं आएगा। न्यायालय ने शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश एफएमआई कलीफुल्ला की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय समिति को 15 अगस्त तक का समय दिया। इसके साथ ही न्यायालय ने पक्षों को 30 जून तक पैनल के समक्ष आपत्तियां दर्ज कराने की अनुमति भी दी है।
अयोध्या भूमि के मालिकाना हक से जुड़े विवाद के सर्वमान्य समाधान की संभावना तलाशने के लिए शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश एफएमआई कलीफुल्ला की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय मध्यस्थता समिति के गठन के 6 मार्च के आदेश के बाद पहली बार इस मामले की सुनवाई 10 मई को हुई। इस समिति के अन्य सदस्यों में आध्यत्मिक गुरू और आर्ट आफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पांचू शामिल थे।
शीर्ष अदालत ने मध्यस्थता के लिए गठित इस समिति को फैजाबाद में बंद कमरे में कार्यवाही करने और इसे आठ सप्ताह में पूरा करने का निर्देश दिया था। इस मामले के सभी पक्षों ने मध्यस्थता से समाधान तलाशने का विरोध किया था और कोर्ट से कहा था कि वह ही इस विवाद में फैसला दे। लेकिन कोर्ट ने कहा था कि आप एक बार आपसी सुलह के बैठिये तो सही।
समिति ने गुरुवार (9 मई) को अपनी अंतरिम रिपोर्ट कोर्ट को दे दी। इसमें उन्होंने बताया है कि यह मुद्दा आपसी बातचीत से सुलझ सकता है या नहीं है। वहीं मध्यस्थता प्रक्रिया के दौरान और पक्षों का क्या रुख रहा है। हालांकि तीन सदस्यीय मध्यस्थता समिति ने सुप्रीम कोर्ट से 15 अगस्त तक का समय मांगा है।

Related Articles

Check Also
Close