November 22, 2024 |

NEWS FLASH

Latest News
अब तक 96 हजार क्विंटल धान की खरीदीमंत्री दयालदास बघेल ने केन्द्रीय खाद्य मंत्री प्रहलाद जोशी से दिल्ली में की मुलाकातकलेक्टर ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर खेलने वाली माहिला खिलाडियों को किया सम्मानितकलेक्टर की संवेदनशीलता से 24 घण्टे के अंदर पीड़ित श्रमिक को मिला न्यायकोरबा में राखड़ उड़ाते 150 वाहनों पर 12.91 लाख का जुर्मानामुख्यमंत्री ने सपरिवार देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्मबिलासपुर में सरकंडा थाना प्रभारी तोप सिंह नवरंग को तहसीलदार को पीटना पड़ा भारी, 50 से अधिक तहसीलदारों ने कलेक्टर और आईजी ऑफिस घेराश्रमिकों के लिए महंगाई भत्ता में वृद्धि, श्रम विभाग ने जारी किया संशोधित आदेशविकास के लिए महत्वपूर्ण कारक है सुशासन : ओपी चौधरीक्या बीजेपी नेता नूतन राजवाड़े ने सरकारी जमीन पर कब्जे के बाद अब पेट्रोल-डीजल में की चोरी?
अन्तर्राष्ट्रीय

विश्व पशु कल्याण दिवस: पशु कल्याण और संरक्षण के लिए सशक्त कदम उठाने की जरूरत

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

हमारी धरती पर पाए जाने वाले सभी जीव-जंतु पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र के महत्वपूर्ण घटक होते हैं। पशुओं का संरक्षण न केवल पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक है, बल्कि उनके जीवन और अस्तित्व को सुरक्षित रखने के लिए भी अनिवार्य है। इसी दृष्टिकोण के साथ हर साल 4 अक्टूबर को विश्व पशु कल्याण दिवस मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य पशुओं के अधिकारों और कल्याण की दिशा में जागरूकता बढ़ाना है ताकि सभी जानवरों को बेहतर जीवन मिल सके।

विश्व पशु कल्याण दिवस का इतिहास
इस दिवस की शुरुआत 1931 में इटली के फ्लोरेंस में हुई थी, जब अंतरराष्ट्रीय पशु संरक्षण सम्मेलन में यह दिन वैश्विक पशु संरक्षण के लिए समर्पित किया गया। इस दिन का चयन संत फ्रांसिस ऑफ असीसी के सम्मान में किया गया, जिन्हें पशुओं और प्रकृति का संरक्षक माना जाता है। संत फ्रांसिस का मानना था कि हर जीवित प्राणी सम्मान और दया का हकदार है। इस दिन के माध्यम से पशु कल्याण पर जागरूकता फैलाने का वैश्विक आंदोलन शुरू हुआ, जो समय के साथ व्यापक रूप से स्वीकार किया गया।

भारत में पशु संरक्षण की जरूरत और चुनौतियां
भारत जैव विविधता से समृद्ध देश है, जहां जंगल, पहाड़, समुद्र, और घास के मैदान अनगिनत प्रकार की पशु प्रजातियों का घर हैं। भारतीय संस्कृति में भी पशुओं को विशेष स्थान दिया गया है, चाहे धार्मिक हो या सामाजिक रूप से। फिर भी, तेजी से हो रहे शहरीकरण, औद्योगिकीकरण और वनों की कटाई के कारण पशुओं के लिए खतरे बढ़ रहे हैं। कई प्रजातियां विलुप्ति के कगार पर हैं, जिनके संरक्षण के लिए प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है।

केंद्र और राज्य सरकार की पहल
भारत सरकार ने पशु कल्याण और संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इनमें कई योजनाएं और नीतियां शामिल हैं, जिनका उद्देश्य पशुओं के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

1. पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960
यह अधिनियम भारत में पशुओं पर होने वाले अत्याचारों को रोकने के लिए लागू किया गया है। इसके तहत मारपीट, अत्यधिक भार ढोने और भूखा रखने जैसी क्रूरताओं को अपराध माना गया है। यह कानून पशुओं के प्रति मानवीय व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।

2. वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972
यह कानून वन्यजीवों और उनके आवासों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। इसके अंतर्गत कई राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव अभयारण्य और संरक्षित क्षेत्रों की स्थापना की गई है, जहां वन्यजीव सुरक्षित रह सकें। संकटग्रस्त प्रजातियों की सूची तैयार कर, उनकी रक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए जाते हैं।

3. राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना
केंद्र सरकार ने देशी गाय, भैंस और बकरी की नस्लों के संरक्षण और संवर्धन के लिए “राष्ट्रीय गोकुल मिशन” की शुरुआत की है। इसके अंतर्गत गोशालाओं और गोवंशों की देखरेख के लिए विशेष केंद्र स्थापित किए गए हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार की पहलें
छत्तीसगढ़ सरकार भी पशुओं के कल्याण और संरक्षण के लिए कई योजनाएं चला रही है। “गोकुल ग्रामों की स्थापना” के माध्यम से देशी नस्ल की गायों के संरक्षण के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य में पशु चिकित्सालय, मोबाइल यूनिट और अन्य चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं।

भारत के प्रमुख वन्यजीव और उनकी स्थिति
भारत में बाघ, हाथी, गैंडा, शेर, हिमालयी भालू और कई अन्य वन्यजीव पाए जाते हैं। ये जैव विविधता का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, लेकिन कई प्रजातियां जैसे बंगाल टाइगर, हिम तेंदुआ, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड, गंगा डॉल्फिन, और लाल पांडा विलुप्ति के कगार पर हैं।

पशु संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत
“विश्व पशु कल्याण दिवस” हमें याद दिलाता है कि पशु संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है। तेजी से बदलते पर्यावरणीय और सामाजिक परिस्थितियों के बीच, पशुओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है। भारत और राज्य सरकारें पशु कल्याण के लिए कानूनों और योजनाओं के माध्यम से कार्य कर रही हैं, लेकिन आम जनता की भागीदारी भी आवश्यक है।

आम जनता का योगदान
पशु क्रूरता के खिलाफ आवाज उठाने और संरक्षण के प्रयासों में शामिल होने के लिए हमें जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। स्कूलों, कॉलेजों और सामाजिक संस्थाओं को पशु संरक्षण के महत्व पर जोर देना चाहिए। हम अपने दैनिक जीवन में छोटे-छोटे बदलाव करके भी पशु कल्याण में योगदान दे सकते हैं, जैसे:
पशुओं के प्रति क्रूरता न करें।
वन्यजीवों के संरक्षण में सहयोग दें।
पर्यावरण को स्वच्छ और सुरक्षित रखें।

पशु संरक्षण केवल सरकार और संस्थाओं का कार्य नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है। विश्व पशु कल्याण दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हर जीवित प्राणी सम्मान और देखभाल का हकदार है।

 

ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़

 

नमस्कार

मैंने भारत को समृद्धि एवं शक्तिशाली बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के सदस्यता अभियान के तहत प्राथमिक सदस्यता ग्रहण कर ली है।
आप भी भाजपा सदस्य बन विश्व की सबसे बड़ी पार्टी के साथ जुड़ सकते हैं।

https://narendramodi.in/bjpsadasyata2024/VUXFHF

#BJPSadasyata2024

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close