क्या जयसिंह अग्रवाल फिर से ‘पारिवारिक राजनीति’ का दांव खेलेंगे या जनता के फैसले के आगे घुटने टेक देंगे?
2023 के विधानसभा चुनाव में जनता द्वारा करारी हार झेलने वाले जयसिंह अग्रवाल क्या अब भी अपनी धर्मपत्नी को कोरबा के महापौर पद के लिए उतारने की हिम्मत दिखाएंगे? या जनता द्वारा दी गई सख्त सीख के बाद राजनीति से पीछे हटने पर मजबूर होंगे? यह सवाल कोरबा की राजनीति में जोर-शोर से गूंज रहा है।
2023: जनता ने दिया करारा जवाब
जयसिंह अग्रवाल, जो तीन बार विधायक और पांच साल तक राजस्व मंत्री रहे, 2023 के विधानसभा चुनाव में जनता का विश्वास खो बैठे। भ्रष्टाचार, परिवारवाद, और जनसंपर्क की कमी के कारण जनता ने उन्हें बड़े अंतर से हराकर यह स्पष्ट संदेश दिया कि अब राजनीति में केवल पारिवारिक ताकत का खेल नहीं चलेगा।
2014 का उदाहरण: ‘पारिवारिक राजनीति’ का खेल
2014 के कोरबा नगर निगम चुनाव में जयसिंह ने कांग्रेस के कई योग्य और वरिष्ठ महिला नेताओं को नजरअंदाज कर अपनी पत्नी रेणु अग्रवाल को महापौर पद के लिए टिकट दिलवाया।
- चालाक रणनीति: ब्राह्मण और पूर्वांचल के वोट बांटने के लिए वरिष्ठ कांग्रेसी उषा तिवारी को निर्दलीय चुनाव लड़वाया।
- नतीजा: रेणु अग्रवाल त्रिकोणीय मुकाबले में जीत गईं, लेकिन पांच साल तक उन्हें केवल नाममात्र की मेयर माना गया।
क्या जनता पुराने खेल को दोहराने देगी?
2023 की करारी हार के बाद जनता जयसिंह की हर राजनीतिक चाल को बारीकी से देख रही है।
“क्या कांग्रेस में और कोई योग्य महिला चेहरा नहीं है? यह सवाल फिर से उठ रहा है।”
क्या कोरबा की कांग्रेस जयसिंह अग्रवाल की ‘प्राइवेट लिमिटेड कंपनी’ बन चुकी है? जहां सेठ जी जो चाहें, वही होगा।
जयसिंह की अगली चाल
चर्चा है कि जयसिंह अब भी अपनी पत्नी को महापौर पद पर खड़ा करने की योजना बना रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या वे जनता के मूड को समझ रहे हैं?
2023 की हार ने यह स्पष्ट कर दिया कि जनता अब जागरूक हो चुकी है और ऐसे ‘पारिवारिक राजनीति’ के खेल को दोबारा सहन नहीं करेगी।
क्या जयसिंह हार मानेंगे या लड़ाई जारी रखेंगे?
जयसिंह अग्रवाल के सामने अब दो ही विकल्प हैं:
- जनता की भावना को समझते हुए राजनीति से पीछे हटना।
- या फिर 2014 की तरह अपने परिवार को आगे बढ़ाकर अपनी पकड़ बनाए रखने की कोशिश करना।
क्या जयसिंह जनता की नब्ज समझेंगे, या फिर से वही ‘पारिवारिक राजनीति’ का पुराना दांव खेलेंगे? जनता अब उनकी हर चाल पर नजर रख रही है।