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डीपीएस स्कूल के छात्र की मौत के बाद क्या छुपाना चाहता है बालको, सुरक्षाकर्मियों को आगे कर घटना को कवरअप करने की नाकाम कोशिश जारी

कोरबा – कोरबा जिले के बालको थाना क्षेत्र स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) में एक 10वीं कक्षा के छात्र अमन साव (15) की लाश आज बालको के एक पुराने कुएं में मिली। सूत्र बताते है कि डीपीएस के शिक्षक से मिली डांट के बाद छात्र स्कूल से किसी तरह भाग निकला और उसकी अब लाश बरामद होने की ख़बर सामने आ रही है। इधर बालको अपने सुरक्षा कर्मियों को घटना स्थल के आसपास तैनात कर मीडिया से पूरे घटना को छुपाकर किसी सच को कवरअप करने की कोशिश में जुटा हुआ है। बताया जा रहा है अवतार सिंह के देखरेख वाले विभाग में कार्यरत अखिलेश शुक्ला ने सुरक्षाकर्मियों को यहां खड़ा करा किसी भी मीडिया से शव और रेस्क्यू को छुपाना को कहा है। जबकि पुलिस ने बालको से किसी भी सुरक्षाकर्मी की मांग नहीं कि है तो सुरक्षा विभाग के प्रमुख अवतार सिंह डीपीएस को बचाने के फेर में क्या सच छुपाने की कोशिश में जुटे हुए है।

छात्र के परिजनों ने बताया कि आज सुबह स्कूल में पेरेंट्स-टीचर मीटिंग रखी गई थी, जिसमें अभिभावकों को बुलाया गया था। सुबह 11 बजे वह स्कूल से अचानक लापता हो गया। उसकी तलाश में परिजन और पुलिस जुट गए।

खबरें मिलीं कि अमन स्कूल से बेलाकछार क्षेत्र की ओर जाता हुआ देखा गया था। वहां से कुछ दूरी पर एक पुराना कुआं था, जहां छात्र का चश्मा पड़ा मिला। कुएं में तलाशी लेने पर छात्र की लाश बरामद हुई। आशंका जताई जा रही है कि उसने आत्महत्या की है, संभवत: बालको प्रबंधन की स्पॉन्सर स्कूल डीपीएस स्कूल में किसी कारण से छात्र को जमकर डांट लगाई गई है जिसके बाद उसने स्कूल से निकलने के बाद उसने यह आत्मघाती कदम उठाया है। अगर कोई और बात होती तो वो स्कूल जाने के बजाए पहले ही ये गलत कदम उठाता।

अमन के परिजनों का कहना है कि वह बालको के एक कमर्शियल डिपार्टमेंट में काम करने वाले संतोष साव का बेटा था। छात्र की मौत से परिजनों और शुभचिंतकों में गहरा शोक है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आवश्यक वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।

बालको की लापरवाही

जिस कुएं में शव पाया गया है वो बालको प्रबंधन का है जिसका उपयोग पूरा होने पर कई बार उसे बंद कराने की मांग की गई है। यहां पहले भी कई मवेशी गिर घायल व मृत हो चुके है बावजूद बालको की लापरवाही से एक बच्चे की आज जान चली गई।

इस घटना ने डीपीएस स्कूल प्रबंधन की लापरवाही पर सवाल उठाए हैं। अभिभावकों और स्थानीय लोगों का कहना है कि स्कूल प्रशासन और बालको प्रबंधन को समय पर छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य की जांच करनी चाहिए थी। इस घटना ने विद्यालय प्रबंधन की जिम्मेदारी पर पुनर्विचार की आवश्यकता को उजागर किया है।

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