July 31, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
महिला अधिकारी ने डीएमसी के खिलाफ की थी झूठी शिकायत ! प्रशासन की जांच में आरोप पाए गए गलत, किसके शह पर बिछाए गए थे मोहरे पढ़िए पूरी रिपोर्ट…शोक समाचार :  पत्रकार एवं छत्तीसगढ़ अखबार वितरक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद सिन्हा नहीं रहेONC BAR पर प्रशासन की चुप्पी पर उठा विवाद, विश्व हिंदू परिषद ने जताई नाराज़गीबिलासपुर कलेक्टर की अनुकरणीय पहल – पशु व जनहित में सराहनीय कदमसीएम साय ने किया ‘गौ विज्ञान परीक्षा अभियान 2025’ का शुभारंभग्रीन उद्यम की परिकल्पना को साकार करने साय सरकार दे रही विशेष पैकेज: उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगनबालको महिला मंडल ने धूमधाम से मनाया तीज महोत्सव“जब कोई साथ नहीं होता… तब ‘आगाज़ इंडिया’ साथ होता है” ‘आख़िरी सफर’ — एक संवेदनशील और मानवीय पहलकोरबा मेडिकल कॉलेज में अब ‘सफाई घोटाला’ ! एक माह का टेंडर बना 6 माह का, अपात्र फर्म को काम देने की तैयारी, 100 की जगह 200 सफाईकर्मी करने की साज़िश ?रायगढ़-रायपुर NH में बिखरे मिले मवेशियों के शव तेज रफ्तार ने ली 18 गायों की जान
छत्तीसगढ़शिक्षा

दहेज़ से ‘बदसूरत’ लड़कियों की हो जाती है शादी – दहेज के फायदे पढ़ा रहा कॉलेज

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

बेंगलुरु के एक मशहूर कॉलेज में बीए फाइनल ईयर के स्टूडेंट को दहेज प्रथा के फायदे गिनाए जा रहे हैं, बल्कि ये उनके सीलेबस में है. हम पहले से ही जानते हैं कि दहेज अभी भी भारत के कई हिस्सों में प्रचलित है, और न केवल यह एक पितृसत्तात्मक अवधारणा है, बल्कि अक्सर एक महिला के लिए इसका विनाशकारी प्रभाव भी होता है। और फिर भी, दहेज के “गुणों” की व्याख्या करने वाली एक पाठ्यपुस्तक है, जो स्वाभाविक रूप से स्थिति को बदतर बनाती है।

ताजा मामला कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु स्थित एक कॉलेज का है। यहां बच्चों को बांटे गए नोट्स में दहेज के फायदे गिनाए गए हैं। बेंगलुरु के टॉप कॉलेज में बच्चों को नोट्स के रूप में जो फोटो कॉपी में बांटी गई है उसमें लिखा गया है कि ‘बदसूरत लड़कियों का विवाह, जिनकी शादी नहीं हो सकती , उनकी शादी में भारी दहेज देकर उन्हें विवाह योग्य बनाया जा सकता है।’ दहेज के समर्थकों का मानना है कि इससे फायदा होता है।

यह पुस्तक जो नर्सिंग पाठ्यक्रमों का हिस्सा है, भारतीय नर्सिंग परिषद के पाठ्यक्रम के अनुसार होने का दावा करती है कि दहेज की प्रथा ने लड़कियों के बीच शिक्षा के प्रसार में मदद की है। पुस्तक और लेखक के विवरण के साथ एक ट्विटर उपयोगकर्ता द्वारा विवादास्पद हिस्से का एक स्नैपशॉट ऑनलाइन पोस्ट किया गया था।दहेज के फायदे गिनाने वाले इस नोट्स के अंत में लिखा है कि इन सबके बावजूद इसका मतलब ये नहीं है कि दहेज प्रथा को समाज में मान्यता मिले.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close