September 1, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
खेत की बाड़ी में थैले में मिला नवजात, चींटियों और कीड़ों ने काटा…ग्रामीणों में मचा हड़कंपपति की मौत के दूसरे दिन पत्नी ने भी दम तोड़ दियाबस्तर दौरे पर सीएम साय: हवाई सर्वे के बाद राहत कार्यों की करेंगे समीक्षा…पुजारी की हत्या का राजफाश एक नाबालिग समेत 5 आरोपी गिरफ्तार, वजह जानकर रह जाएंगे दंगआज छत्तीसगढ़ के कई जिलों में होगी जमकर बारिश, मौसम विभाग ने इन जिलों के लिए जारी किया ऑरेंज अलर्टश्रम मंत्री श्रम विभाग की समीक्षा बैठक लेगेंपशु चिकित्सा शिविर में मवेशियों को लम्फी बीमारी से बचाव हेतु टीकाकरणलागोस इंटरनेशनल क्लासिक्स में आकर्शी कश्यप ने जीता रजत पदक, एनटीपीसी कोरबा का मिला समर्थनहिमालय अभियान पर निकली जशपुर की युवा टीम…हार्ट अटैक मरीजों को अब चिंता नहीं : कोरबा के एमजीएम हॉस्पिटल में थ्रॉम्बोलिसिस से बच रही जानें, 24 घंटे उपलब्ध आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएँ
छत्तीसगढ़राजनीती

बच्चों को नशे से दूर रखने के लिए खेल और व्यस्त दिनचर्या से जोड़े : सीएम भूपेश बघेल

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

17.06.22| बच्चों में नशे की बढ़ती आदतें न सिर्फ उनसे उनका बचपन छीन रही हैं, बल्कि उनका जीवन भी छीन रही हैं। नयी जीवन शैली में बहुत कुछ ऐसी चीजें शामिल होती जा रही हैं, जो सुविधाएं देने के साथ-साथ नये खतरे भी निर्मित कर रही हैं। इन्हीं में से एक मोबाइल फोन भी है। बड़े-बुजुर्गों की जिम्मेदारी है कि बच्चों को नशे से दूर रखें। बच्चे बड़ो को आदर्श मानते हैं और उनका अनुसरण करते है। बच्चों के सामने ऐसी छवि बनाएं, ताकि बच्चे नशे की तरफ आकर्षित न हों। यह एक महत्वपूर्ण सामाजिक दायित्व है। यह बात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ बाल संरक्षण आयोग के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही।

मुख्यमंत्री ने राजधानी के न्यू सर्किट हाउस में आयोजित इस कार्यशाला का दीप प्रज्वलन कर शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आयोग की नई वेबसाइट को लॉंच किया। उन्होंने आम लोगों में नशे के प्रति जागरूकता लाने के लिए ब्रोशर और लईका मन के गोठ पुस्तिका का विमोचन किया। उन्होंने प्रतिभाशाली बच्चों को विभिन्न क्षेत्रों में उनकी विशिष्ट उपलब्धियों के लिए प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे समाज में बच्चों के अधिकारों का हनन इतना आम हो चुका है कि यह अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। उन्होंने पुराने दिनों के प्रसंग को याद करते हुए बताया कि बचपन में बच्चे किसी न किसी तरह से नशे के करीब जाते हैं। जब बच्चों की उम्र बढ़ती है तो उनका आकर्षण नशे के प्रति बढ़ते जाता है और वे नशे के आदी हो जाते हैं। यह नशा बच्चे के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल की परिस्थितियां ऐसी थी कि बच्चे घर से बाहर नहीं जा पाते थे इसने बच्चों में मोबाइल की लत को बढ़ावा दिया। बच्चे ऑनलाइन गेम के साथ ऐसी चीजे भी देखते हैं जो उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है। मुख्यमंत्री ने सुझाव देते हुए कहा बच्चों को मोबाइल से दूर रखना है तो बच्चों को व्यस्त रखें, उन्हें ऐसी गतिविधियों से जोडं़े जो उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखे। उन्हें खेलने के लिए प्रेरित करें। बच्चे यदि घर में हों तो हमारे पारम्परिक खेल जैसे भौरा, कंचे जैसे खेल खिलाएं और सबसे बड़ी बात ये है कि बच्चों के माता-पिता बच्चों को समय दे, तथा बच्चों के साथ खेल तथा अन्य गतिविधियों में उनके सहभागी बने। मुख्यमंत्री ने नशे के खिलाफ रायपुर, बिलासपुर और सूरजपुर में चल रहे अभियान को पूरे प्रदेश में लागू करने की भी आवश्यकता बताई।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close