March 14, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
सीडी कांड में CBI ने लगाई रिवीजन याचिका, पूर्व सीएम की मुश्किलें बढ़ीं…राज्यपाल को मुख्यमंत्री ने दी होली की शुभकामनाएंतहसीलदार की कार्रवाई से परेशान किसान ने जहर पिया, हालत नाजुकबालको की उन्नति से जुड़ी स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बनाया हर्बल गुलालमहिला समूहों का हुनर, आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता कदमभालुओं के हमले में सफाई कर्मी घायल, राहगीरों ने पहुँचाया अस्पतालस्वरोजगार योजनांतर्गत सहायता से संचिता ने पैतृक व्यवसाय को दी नई दिशाअंधविश्वास एवं सामाजिक कुरीतियों का होगा प्रतीकात्मक होलिका-दहनसमूह की महिलाओं ने कलेक्ट्रेट मे लगाए हर्बल गुलाल क़ा स्टॉलस्वच्छता दीदियों को कचरा प्रबंधन के संबंध में दिया गया प्रशिक्षण
नेशनल

TikTok को अब कोई नहीं कर पाएगा डाउनलोड, गूगल ने ऐप को भारत में किया बैन

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

वीडियो एप टिक टॉक ऐप को गूगल ने इंडिया में ब्लॉक कर दिया है। यानी अब कोई भी गूगल प्लेस्टोर से टिक टॉक ऐप डाउनलोड नहीं कर पाएंगे। सोमवार को तमिलनाडु की उच्चतम न्यायालय ने को मद्रास उच्च न्यायालय के टिकटॉक एप पर प्रतिबंध लगाने के आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। इसके बाद गूगल ने प्लेस्टोर से टिक टॉक को हटा दिया है। मद्रास उच्च न्यायालय ने अश्लील सामग्री तक पहुंच होने की चिंताओं के चलते केंद्र सरकार को इस एप पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था।
चाइनीज कंपनी बाइटडांस के बनाए ऐप में यूजर्स अपने छोटे-छोटे वीडियो बनाने के साथ उन्हें शेयर भी कर सकते है। भारत में भी यह काफी लोकप्रिय हो गया है। ऐप के जरिए बॉलीवुड के डायलॉग, जोक्स, गानों पर यूजर्स वीडियो बनाते हैं। इतना ही नहीं इसमें लिप-सिंक से लेकर लोकप्रिय गानों और म्यूजिक पर डांस भी करते हैं।
वीडियो एप टिक टॉक (TikTok) ऐप को गूगल ने इंडिया में ब्लॉक कर दिया है। यानी अब कोई भी गूगल प्लेसटोर से टिक टॉक ऐप डाउनलोड नहीं कर पाएंगे।
फरवरी में तमिलनाडु के आईटी मंत्री एम मणिकंदन ने कहा था कि ऐप पर कुछ कंटेंट काफी ‘असहनीय’ होता है। वहीं फरवरी में ही बीजेपी के आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने कहा था कि पार्टी ने कुछ टिक टॉक वीडियो देखे और इस प्लेटफार्म को काफी क्रिएटिव बताया था।
वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी इस मामले में टिकटॉक पर मालिकाना हक वाली कंपनी बाइट डांस की ओर से पेश हुए। उन्होंने कहा कि इस एप को एक अरब से भी ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है। मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने इस मामले में दूसरे पक्ष की अनुपस्थिति में एक तरफा फैसला सुनाया है।
उन्होंने कहा कि अदालत ने इस संबंध में कोई नोटिस जारी नहीं किया और उनकी दलील सुने बिना ही आदेश जारी कर दिया। पीठ ने कहा कि यह मामला इस समय उच्च न्यायालय के विचाराधीन है और प्रतिबंध का आदेश मात्र एक अंतरिम आदेश है। पीठ ने कहा कि हम मामले को बंद नहीं कर रहे हैं। पहले उच्च अदालत को मामले पर विचार कर लेने दीजिए। हम इस पर अगली सुनवायी 22 अप्रैल को करेंगे।
अमेरिका में टिक टॉक ऐप को लेकर काफी आलोचना हुई है। बीते साल इंडोनेशिया की सरकार ने 1,70,00 लोगों के अपील पर हस्ताक्षर करने के बाद टिक टॉक को बैन कर दिया। इंडोनेशिया की सरकार ने कहा कि टिक टॉक बच्चों के लिए ठीक नहीं है। हालांकि, बाद में बैन हटा दिया गया जब टिक टॉक के अधिकारियों ने आपत्तिजनक कंटेंट हटाने का वादा किया।

gramyatracg

Related Articles

Check Also
Close