तीन में एक बच्चा पाया गया जेई पॉजीटिव
जैपेनिज इंसेफेलाइटिस पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग मुस्तैद रोकथाम के लिए उठाए गए प्रभावी कदम
रायपुर/छत्तीसगढ़ के जगदलपुर मेडिकल कॉलेज डिमरापाल में बुखार से पीड़ित होकर भर्ती हुए 3 बच्चों में एक बच्चे को जैपेनिज इंसेफेलाइटिस पॉजिटिव पाया गया, जबकि दो बच्चों के खून के नमूनों में जैपेनिज इंसेफेलाइटिस नहीं पाए गया। जैपेनिज इंसेफेलाइटिस पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह मुस्तैद है और इस पर नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम उठाए गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार विकासखंड बकावंड के ग्राम चोलनार निवासी मंगलू के चार वर्षीय पुत्र भुवनेश्वर उर्फ भवानी 10 जून से बुखार से पीड़ित था। परिजनों ने उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बस्तर में उपचार हेतु लाया जहां चिकित्सक द्वारा इलाज किया गया मरीज की स्थिति में सुधार नहीं होने पर 18 जून को मेडिकल कॉलेज जगदलपुर किया किया गया। मरीज का उपचार मेडिकल कॉलेज जगदलपुर में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा जारी था किंतु 20 जून को उपचार के दौरान रात सवा आठ बजे भवानी की मृत्यु हो गई। बच्चे के खून के नमूनों में जैपेनिज इंसेफेलाइटिस पॉजीटिव पाया गया। अन्य भर्ती 2 बच्चों में से उपचार पश्चात एक को डिस्चार्ज किया जा चुका है और दूसरे बच्चे की स्थिति में सुधार को देखते हुए शीघ्र डिस्चार्ज किए जाने की संभावना है।
स्वास्थ्य टीम द्वारा चोलनार के छोटे मुण्डापारा में मरीज तथा उसके घर वालों से भेंट किया गया तथा यहां के 88 व्यक्तियों की जांच की गई, जिनमें 18 लोग मरीज के संपर्क में आए थे। जांच के दौरान किसी भी व्यक्ति में बुखार का कोई लक्षण नहीं पाया गया। चोलनार के छोटे मुंडापारा की सभी घरों में क्यूलिस मच्छर मारने के लिए छिड़काव किया गया है तथा चोलनार तथा आसपास के गांवों में भी घरों में छिड़काव करने के निर्देश दिए गए हैं।
कॉम्बेट दल को प्राप्त जानकारी अनुसार मरीज परिवार के सदस्य अधिकांश समय बकावंड विकासखण्ड के ग्राम उड़ियापाल में रहते हैं। कॉम्बेट दल ने उड़ियापाल का भी भ्रमण किया। यहां भी कोई भी रोगी नहीं मिला। ग्राम उड़िया पाल में भी कीटनाशक का छिड़काव किया जा चुका है।
ग्राम के लोगों को मच्छरदानी का उपयोग करने की सलाह दी गई है आसपास में पानी जमा होने देने एवं किसी को भी बुखार होने पर इसकी सूचना मितानिन एवं नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में देने की अपील की गई है। चिकित्सीय दल द्वारा पूरे क्षेत्र की सतत निगरानी की जा रही है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा नियंत्रण एवं बचाव हेतु विस्तृत निर्देश जारी किए गए हैं। बताया गया कि यह प्रकरण जापानी इंसेफेलाइटिस का है ना कि चमकी बुखार का। जापानी इंसेफेलाइटिस पूर्व में भी बस्तर क्षेत्र में पाया गया है, जिस पर स्वस्थ्य विभाग के द्वारा तत्परता के साथ चिकित्सा सुविधा एवं रोकथाम की कार्रवाई की गई है। जिले के सभी स्वास्थ्य रोग प्रतिबंधात्मक कार्रवाई तथा चिकित्सा हेतु दिशा-निर्देश जारी किया जा चुका है। मेडिकल कॉलेज जगदलपुर में संपूर्ण जांच एवं उपचार की व्यवस्था की गई है।
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