June 27, 2025 |

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Gram Yatra Chhattisgarh
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कोरबा: बालको और उसकी सहियोगी ठेका कंपनियों द्वारा कोरबा के मुख्य मार्ग में अवैध बैचिंग प्लांट और लेबर हटमेंट का निर्माण किया गया है। ये अवैध हटमेंट ही मौत की बिल्डिंग बनकर खतरा पैदा कर रहा है। बालको परियोजना के लिए अन्य राज्यों से हजारों मजदूरों को लाया गया है, जिन्हें अवैध तरीके से बने तीन मंजिला लेबर हटमेंट में रखा गया है। यह निर्माण असुरक्षित है और मजदूरों के सिर पर हमेशा मौत का खतरा बना रहता है। संबंधित विभाग कुंभकरण की नींद में सोया हुआ है।

ये बैचिंग प्लांट ACC India, KEC International, और L&T जैसी नामी कंपनियों द्वारा स्थापित किए गए हैं। भारत एल्युमीनियम कंपनी (बालको) के एल्युमीनियम विस्तार परियोजना के तहत इन अवैध प्लांट्स का निर्माण हुआ है। इसके चलते रोजाना रास्ते में भारी गाड़ियों का जाम लगता है और दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है। नगर निगम कोरबा ने इन प्लांट्स पर 7 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है, लेकिन वह इसे वसूलने में असमर्थ है। नगर निगम के ताले तोड़कर इन कंपनियों द्वारा अवैध संचालन जारी है।

नियमों को दरकिनार कर हो रहा संचालन

औद्योगिक सुरक्षा और स्वास्थ्य विभाग से अनुमोदन के बिना इन बैचिंग प्लांट्स का संचालन हो रहा है। संबंधित विभाग की निष्क्रियता कोरबा की जनता के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। बैचिंग प्लांट स्थापित करने के लिए छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल से पर्यावरण स्वीकृति लेना आवश्यक है, लेकिन इन कंपनियों ने बिना स्वीकृति के अवैध प्लांट स्थापित कर दिए हैं। पर्यावरण विभाग की चुप्पी भी चिंता का विषय है।

अवैध रेत का गोरखधंधा

कोरबा और जांजगीर-चांपा जिले से प्रतिदिन 40-50 हाइवा से रेत बालको के अवैध बैचिंग प्लांट में पहुंचाई जा रही है। माइनिंग विभाग की निष्क्रियता के कारण सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है। सीएसईबी ढेंगुरनाला के पास फेंसिंग का कार्य कर रहा है, लेकिन बालको द्वारा कब्जा की गई सैकड़ों एकड़ भूमि अधिकारियों को नहीं दिखती। CSEB के अधिकारी मौन हैं और अवैध बैचिंग प्लांट्स को लेकर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।

नगर निगम कोरबा और संबंधित विभाग कब जागेंगे और इन अवैध निर्माणों पर कार्रवाई करेंगे, यह सवाल अभी भी अनुत्तरित है।

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