August 2, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
उपभोक्ताओं को मिलेगी हर 30 मिनट की बिजली खपत की जानकारीअब गांजा पीने वाले भी जाएंगे जेल, रायपुर पुलिस ने शुरू की कार्रवाईधारासिव के पनखत्ती तालाब में मिला अज्ञात भ्रूण, इलाके में सनसनी11 लाख की लूट निकली फर्जी: कर्ज से उबरने रची थी साजिश, आरोपी गिरफ्तारउद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन को 14419 सदस्य बनाने पर मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने किया सदस्यता रत्न सम्मान से सम्मानितकलेक्टर ने वनांचल ग्राम खोभा, जोब एवं पंडरापानी का किया सघन निरीक्षणनहर में डूबने से युवक की मौतलाखों के गांजे के साथ अंतर्राज्यीय तस्कर सुभाष तिवारी गिरफ्तारधर्मांतरण और मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार ननों को मिली जमानतकोरबा पुलिस की क्राइम मीटिंग: अपराध नियंत्रण और यातायात व्यवस्था पर जोर
छत्तीसगढ़राजनीती

छात्र ने मुख्यमंत्री से पूछा- स्वामी आत्मानन्द जी के नाम से हमारा स्कूल है, क्या आप हमें उनके बारे में बता सकते हैं…

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

27.05.22| छात्र ने मुख्यमंत्री से पूछा- स्वामी आत्मानन्द जी के नाम से हमारा स्कूल है, क्या आप हमें उनके बारे में बता सकते हैं

नन्हीं रश्मि का प्रश्न सुनकर छलका मुख्यमंत्री का महापुरुषों के प्रति अनुराग, बच्चों को विस्तार से सुनाई स्वामी आत्मानंद के जीवन की कहानी
स्वामी आत्मानंद स्कूल जगदलपुर के बच्चे जाएंगे नारायणपुर, देखेंगे स्वामी आत्मानंद द्वारा स्थापित आश्रम – मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को दिए निर्देश
स्कूल की लाइब्रेरी में बनेगा स्वामी आत्मानन्द की किताबों का सेक्शन, बच्चे सुनेंगे स्वामीजी के प्रेरक प्रवचनों के ऑडियो क्लिप्स
महापुरुषों के आदर्श जीवन से शिक्षा ग्रहण करने बच्चों को मुख्यमंत्री ने दी सीख

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज जगदलपुर में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल का निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री से क्लास की पिछली पंक्ति में बैठी नन्हीं रश्मि डहरिया ने एक बड़ा प्रश्न पूछ कर व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद उन्हें ठहरकर विस्तार से प्रश्न का जवाब देने विवश कर दिया। रश्मि ने मुख्यमंत्री से पूछा कि जिन स्वामी आत्मानन्द जी के नाम से हमारा स्कूल है, क्या आप हमें उनके बारे में बता सकते हैं ? ये सुनकर मुख्यमंत्री ने कहा- बेटी आपने बड़ा प्रश्न पूछ लिया, बैठो ! मुख्यमंत्री  बघेल ब्लैक बोर्ड के सामने आ गए और उन्होंने विस्तार से बच्चों को स्वामी आत्मानंद के प्रेरक जीवन के विषय मे बताया। इस दौरान मुख्यमंत्री बघेल का महापुरुषों के प्रति अनुराग और आदर छलक पड़ा। बच्चों ने भी बड़ी तन्मयता से मुख्यमंत्री से उन स्वामीजी के बारे में जाना, जिनके नाम पर उनका स्कूल है।
मुख्यमंत्री ने बच्चों को बताया कि स्वामी आत्मानन्द का जन्म रायपुर में हुआ, उनके पिता का नाम श्री धनीराम वर्मा था। वे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और शिक्षक थे। महात्मा गांधी के आह्वान पर वे भारत छोड़ो आंदोलन में कूद पड़े। गिरफ्तारी हुई और नौकरी भी छूट गयी। वर्धा आश्रम में वे गांधीजी के साथ रहे। स्वामी आत्मानंद जब 4 साल के थे तो वे वर्धा आश्रम में महात्मा गांधी का प्रिय भजन रघुपति राघव राजा राम हारमोनियम पर गाकर सुनाते थे। वे बहुत कुशाग्र थे, एमएससी मैथ्स में नागपुर के गोल्ड मेडलिस्ट थे। तब छत्तीसगढ़ सीपी बरार प्रांत का हिस्सा था। नागपुर में ही विवेकानंद आश्रम से उन्हें स्वामी विवेकानंद के पथ पर चलने की प्रेरणा मिली। वे आईसीएस की परीक्षा में टॉप टेन में आये थे। वो कलेक्टर नहीं बने बल्कि स्वामी विवेकानंद आश्रम में शामिल हुए। विवेकानंद जी भी रायपुर में अपने बचपन मे रहे थे। कलकत्ता के बाद रायपुर में ही उन्होंने अपने जीवन का सबसे ज़्यादा समय गुज़ारा।
स्वामी आत्मानंद जी ने रायपुर में आश्रम खोला, बड़ी मेहनत की। मगर उसी वक़्त अकाल पड़ा। स्वामीजी ने आश्रम के लिए जमा किये सारे पैसे अकाल पीड़ितों की सेवा में खर्च कर दिए। क्योंकि विवेकानंद जी कहते थे दरिद्रनारायण की सेवा ही परमात्मा की सेवा है। उन्होंने जगह जगह आश्रम खोले। इंदौर, भिलाई, अमरकंटक में आश्रम खोले।
इंदिरा गांधी जी से उनकी मुलाकात हुई, उन्होंने स्वामीजी से कहा कि अबूझमाड़ के लोगों तक शासन की योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच पाता। आप वहां आश्रम खोलें। स्वामीजी ने नारायणपुर में आश्रम और विद्यालय बनाया। अबूझमाड़ जैसे क्षेत्र के बच्चों को उन्होंने पढ़ाया। वहां के पढ़े बच्चे खूब अच्छी पढ़ाई करते हैं और हर क्षेत्र में मेडल जीतते हैं। पहली बार अबूझमाड़ के 7 बच्चों का नाम बस्तर संभाग की मेरिट में आया। किसी ने पूछा आठवां क्यों नहीं आया ? तो बताया गया कि बस 7 ही बच्चे पढ़ रहे थे और सातों ने टॉप किया है। स्वामी आत्मानंद का शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा योगदान है। उनके प्रवचन बहुत प्रेरणादायक हैं। गीता और उपनिषद पर उनके प्रवचन हैं। रेडियो में आज का चिंतन कार्यक्रम में स्वामीजी के प्रेरक बातें प्रसारित होती थीं। वे अच्छे संगठक, अच्छे विचारक थे। तो इन्हीं स्वामी आत्मानन्द के नाम से आप के स्कूल का नाम पड़ा। बच्चों ने मुख्यमंत्री से स्वामीजी के जीवन के बारे में सुनकर  बच्चे खूब खुश हुए और उन्होंने जोर से ताली बजाई।
मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को स्वामी आत्मानंद स्कूल जगदलपुर के बच्चों को नारायणपुर में स्वामी आत्मानंद द्वारा स्थापित आश्रम ले जाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्कूल की लाइब्रेरी स्वामी आत्मानन्द की किताबों का सेक्शन बनाने और स्वामीजी के प्रेरक प्रवचनों के ऑडियो क्लिप्स बच्चों को सुनवाने के निर्देश दिए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close