2008 बैच के भूतपूर्व विद्यार्थियों का रियूनियन कार्यक्रम होटल हसदेव इन में संपन्न हुआ

समापन पर नम आंखों से एक दूसरे को दी विदाई
मनेंद्रगढ़ (प्रशांत तिवारी)
शहर के होटल हसदेव इन में सरस्वती शिशु मंदिर के भूतपूर्व 2008 बैच के छात्र-छात्राओं का रियूनियन कार्यक्रम आयोजित हुआ। 2008 बैच के 31 छात्र-छात्राओं ने इस कार्यक्रम में उपस्थिति दर्ज की। ढोल और नगाड़ों की धुन पर सभी ने एक दूसरे का हार्दिक स्वागत और अभिनंदन किया। ब्रेकफास्ट के बाद सभी शिशु मंदिर की बस से शिशु मंदिर प्रांगण पहुंचे। अपने पुराने विद्यालय एवं कक्षाओं को देखकर सभी भावुक हो उठे। यहां सभी ने यादगार पलों को तस्वीरों में कैद किया। विद्यालय परिसर में उपस्थिति के दौरान पुरानी यादें जीवंत हुईं। इसके बाद सभी पूर्व छात्र-छात्राएं प्राचार्य कक्ष पहुंचे जहां उन्होंने प्राचार्य दिनेश मिश्रा से सौजन्य मुलाकात कर उपहार भेंट किया। इस दौरान प्राचार्य दिनेश मिश्रा ने कहा की वह अपने भूतपूर्व छात्र-छात्राओं को अपने बीच पाकर बहुत गदगद एवं प्रसन्न हुए हैं। वे एक कुशल मंच संचालक भी रहे हैं और इसी दौरान उन्होंने दो पंक्तियां “तेरा वैभव अमर रहे मां हम दिन चार रहें ना रहें” को दोहराकर मा भारती को नमन किया, जिससे पुराने मंचीय कार्यक्रमों की झलक आंखों के सामने उभर पड़ी। इसके बाद सभी भूतपूर्व छात्र-छात्राएं प्राचार्य एवं उपस्थित गुरुओं का आशीर्वाद लेकर पुनः अग्रिम कार्यक्रम के लिए होटल हसदेव इन पहुंचे।
इसके बाद यहां मनोरंजन कार्यक्रम जैसे गायन ,नृत्य, उद्बोधन खेल आदि आयोजित किए गए। इस दौरान मंच संचालन रवि जैन के द्वारा किया गया। कार्यक्रम का सफल समन्वय राहुल शर्मा के द्वारा किया गया। इवेंट प्लानर की भूमिका में निशा गौतम रही जिन्होंने लोकेशन, डेकोरेशन एवं इवेंट को मैनेज किया। उनके मार्गदर्शन में कुछ विविध मनोरंजन खेल आयोजित किए गए।भूतपूर्व विद्यार्थियों में दिव्यानी दीवान गाने के बोल अंगारों का अंबर डांस ने वातावरण में उत्साह का संचार किया। खुशबू त्रिवेदी का गाना हर घड़ी बदल रही है धूप जिंदगी , उनकी मीठी आवाज ने समा बांध दिया। प्रशांत तिवारी ने छूकर मेरे मन को गाने की प्रस्तुति दी। उसके बाद उद्बोधन शुरू हुआ जिसमें सी ए आकाश अग्रवाल ने पूरी सभा को मोटिवेट करते हुए कहा की कोई भी क्षेत्र हो यदि उसमें बेस्ट दिया जाए तो हर फील्ड बेहतर होता है। कोई भी काम यदि मन से किया जाए तो वह आपको बुलंदियों पर जरूर पहुंचाता है। वहीं सिविल जज प्रज्ञा सिंह ने समाज के प्रति उत्कृष्ट कार्य करने के लिए प्रेरित किया और कहा कि व्यक्ति को सेवाभावी होना चाहिए और अपने सहपाठी ,मित्रों ,अपने भूतपूर्व विद्यालय संस्था आदि के प्रति भी आभार जताते हुए उनके उत्थान के लिए हर संभव प्रयास करने की बात कही। डॉक्टर दीपाली तिवारी ने कहा कि यह पल बहुत ही भावुक कर देने वाला पल है,जब हम पुरानी स्मृतियों में हैं, उन्होंने कहा की मैं चिकित्सकीय पेशे से हूं तो उससे संबंधित किसी भी परामर्श के लिए मैं हमेशा अपने मित्रों के साथ खड़ी हूं। व्यवसायी आनंद ताम्रकार ने भी स्कूल के पुराने दिनों को याद करते हुए कुछ शायरियां पढ़ीं और तालियां बजीं। इंजीनियर शिव तिवारी ने लंच बॉक्स को लेकर अपनी भावनाएं व्यक्त की और कहा की स्कूल के दिनों में हम सब एक हुआ करते थे हम सभी एक दूसरे का लंच बॉक्स शेयर किया करते थे,वहां पर न मजहब था,ना जाति थी ,ना धर्म था उन दिनों हम सब एक थे और हमेशा हमें ऐसे ही जीवन मिलकर बिताना है। नीरज विश्वकर्मा ने विद्यार्थी जीवन के पुराने हास्य पूर्ण संस्मरणों की विनोद प्रिय झलकियों को साझा किया, जिसने सभी के चेहरे पर मुस्कानें उकेर दीं। इस कार्यक्रम में हर एक सदस्य ने बढ़ चढ़कर सहयोग किया। इसी दौरान लंच के बाद कुछ विविध खेल आयोजित किए गए और अंत में टी टाइम के बाद कार्यक्रम का समापन किया गया। वातावरण बहुत ही भावनात्मक रहा ।अंत में सबने नम आंखों से एक दूसरे को विदाई दी। इस कार्यक्रम में आनंद ताम्रकार ,प्रज्ञा सिंह, तनु अग्रवाल ,आकाश अग्रवाल ,गौरव सिन्हा, दिव्यानी दीवान, इशिता श्रीवास्तव, राहुल शर्मा, रवि जैन ,निशा गौतम, खुशबू मिश्रा ,नेहा दास, कुसुम यादव, सौरभ त्रिपाठी, दीपाली तिवारी, प्रीति यादव, शिव तिवारी, नैना पटेल ,नेहा छत्तानी ,सुरभि बोथरा, वेंकटेश अग्रवाल, स्नेहा सिंह ,संजय बर्मन ,गौरव खरे ,प्रशांत तिवारी ,नीरज विश्वकर्मा ,रूही ,सुरभि अग्रवाल ,आलोक ओझा आसू द्विवेदी ,विकास पांडे ,आरती पाठक इन सभी की गरिमा पूर्ण उपस्थिति ने कार्यक्रम को भव्यता प्रदान की।