हिंद एनर्जी के मालिकों का नया कारनामा: बेबस आदिवासी ने मांगी इच्छा मृत्यु, प्रशासन और सरकार बनी मूकदर्शक
कोरबा(ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में हिंद एनर्जी के मालिकों पर एक आदिवासी मजदूर, क्रांति कुमार प्रधान, ने गंभीर आरोप लगाए हैं। क्रांति ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखते हुए इच्छा मृत्यु की मांग की है। उन्होंने दावा किया कि कंपनी के मालिकों ने उनकी अनजाने में जमीन खरीदी और अब धमकियां दे रहे हैं।
पूरा मामला
कोरबा के नागिन झोरकी सोमवारी बाजार निवासी क्रांति कुमार प्रधान ने बताया कि वह हिंद एनर्जी कंपनी में मजदूरी करता था। मालिकों ने उसकी जानकारी के बिना उसके नाम पर आदिवासी जमीन खरीद ली। जब यह बात 2020 में पता चली, तो उसने इसका विरोध किया। लेकिन मालिकों ने उसे डराया, धमकाया, और जान से मारने की धमकी दी।
शिकायतों का असर नहीं
क्रांति ने इस मामले को लेकर पुलिस और प्रशासन से शिकायत की, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा, “यदि मुझे और मेरे परिवार को कुछ होता है, तो उसकी जिम्मेदारी हिंद एनर्जी के मालिकों की होगी। उनके डर से मैं सरकार से इच्छा मृत्यु की मांग कर रहा हूं।”
पहले भी लगे हैं गंभीर आरोप
क्रांति ने यह भी आरोप लगाया कि हिंद एनर्जी के मालिक पहले भी एक आदिवासी की हत्या कर चुके हैं। उन्होंने बिना किसी अनुमति के सरकारी तालाब पर कब्जा कर निर्माण किया है। इसके अलावा, सीपत क्षेत्र में एक अन्य आदिवासी की जमीन पर फर्जीवाड़ा कर कोल वाशरी का संचालन कर रहे हैं।
सरकार और प्रशासन मौन
क्रांति ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अपील की है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करें। मुख्यमंत्री खुद एक आदिवासी परिवार से हैं, और ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण है कि सरकार इस आदिवासी परिवार को न्याय दिलाने के लिए क्या कदम उठाती है।
इस घटना से क्षेत्र में गुस्सा और भय का माहौल है। अब सवाल उठता है कि सरकार और प्रशासन इन गंभीर आरोपों पर कब कार्रवाई करेंगे।
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