राज्यपाल ने नारायणपुर मे ली जिला स्तरीय बैठक, अधिकारियों को दिए ये निर्देश…

रायपुर (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। राज्यपाल रमेन डेका नारायणपुर जिले के एक दिवसीय प्रवास के दौरान जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेकर शासन द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी ली। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि योजनाओं का वास्तविक क्रियान्वयन तभी संभव होगा जब उसकी मॉनिटरिंग और फॉलोअप मैदानी स्तर पर हो। राज्यपाल ने कहा कि निचले स्तर की वास्तविकता से अवगत होने ग्रामीणों से अवश्य मिले और कमियों की जानकारी लें, साथ ही योजना ओं के क्रियान्वयन की तुलनात्मक जानकारी भी प्राप्त करें।
बैठक के दौरान राज्यपाल डेका ने विशेष रूप से जल संरक्षण पर फोकस करते हुए कहा कि जिले के शासकीय भवनों के साथ-साथ निजी भवनों में भी वॉटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर की अनिवार्यता हो। डबरी, तालाब, चेक डैम में जल संचयन के अलावा बड़े स्तर के जलाशयों में भी जल स्तर बना रहे, इस पर पहल करने की जरूरत है।
उन्होंने जिले को तीन सेक्टर शिक्षा, स्वास्थ्य और कौशल विकास में बढ़ावा देने के निर्देश दिये। उन्होंने अधिकारियों का हौसला अफजाई करते हुए कहा कि संवेदनशील जिले में समन्वय के साथ बेहतर कार्य कर रहे हैं। जंगल को बचाने के लिए अबुझमाड़ क्षेत्र के निवासियों में जागरूकता लाने की आवश्कता है।
शिक्षा विभाग के माध्यम से एनसीसी बच्चों की जानकारी ली तथा उन्हें जुड़ो सिखाने हेतु प्रोत्साहित करने निर्देशित किये। राज्यपाल ने महिलाओं को समूह के माध्यम से विभिन्न गतिविधियों से जोड़कर कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया। विशेष कर स्थानीय मांगों के अनुरूप गतिविधियां शुरू करने निर्देशित किये।
उन्होंने जिले में बकरी एवं मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए विभागीय अधिकारियों को ग्रामीणों तक जानकारी पहुंचाने के लिए कहा। जिले में इसके अलावा रेडक्रॉस के माध्यम से स्वास्थ्य शिविरों में महिलाओं की स्क्रीनिंग कर सेहत व खानपान संबंधी जागरूक करने तथा सड़क सुरक्षा को कारगर बनाने यातायात नियमों के पालन के लिए स्कूलों व कॉलेजों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के साथ-साथ आम जनता को जागरूक करने पर जोर दिया।
राज्यपाल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरु किए गए ‘एक पेड़ मां के नाम‘ कोई योजना नहीं, बल्कि मिशन है। उन्होंने सड़कों के किनारे, खाली जगहों पर पौधे लगाने के साथ-साथ शासकीय कार्यालयों में भी अधिक से अधिक पौधे लगाकर उन्हें संरक्षित व सुरक्षित करने की बात कही। इसके अलावा बारिश के पानी को संरक्षित करने ठोस कार्ययोजना बना कर, उसे अमल में लाने पर जोर दिया।