कोरबा। ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़ न्यूज नेटवर्क,,,
शताब्दियों की प्रतीक्षा, पीढ़ियों के संघर्ष और पूर्वजों के व्रत को सफल करते हुए आज वह दिव्य संकल्प पूरा हुआ है। आज के इस ऐतिहासिक क्षण में आखिर राजाराम, माता सीता और भैया लक्ष्मण के साथ अयोध्याजी अपने दिव्य आसान में विराजमान हो गए। परम भक्त हनुमान सहित सारा विश्व इस क्षण के साक्षी बने, जिसे युगों युगांतर तक स्मरण किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने राम लला को उनका सिंहासन सौंप कर अपना प्राण पूरा किया।
गौरव की बात तो यह भी है कि इस युग में जन्म लेकर आप और हम सब भी इतिहास में शामिल हो चुके हैं। हे राम, संकल्प पूरा हुआ और आपके चरण कमल पड़ते ही इस धरती का हर प्राणी इतिहास में अमर हो गया। आज भारतभूमि में रहने वाला मैं और सारा विश्व राममय है। सनातन संस्कृति के प्राण रघुनन्दन राघव रामलला, अपनी जन्मभूमि अवधपुरी में नव्य-भव्य-दिव्य मंदिर में अपने भक्तों के भावों से भरे संकल्प स्वरूप सिंहासन पर प्रतिष्ठित हुए हैं। 500 वर्षों के सुदीर्घ अंतराल के बाद आए इस ऐतिहासिक और अत्यंत पावन अवसर पर आज पूरा भारत भाव विभोर और भाव विह्वल है। पूरी दुनिया की दृष्टि आज मोक्षदायिनी अयोध्याधाम पर है। हर मार्ग श्रीरामजन्मभूमि की ओर आ रहा है। हर आंख आनन्द और संतोष के आंसू से भीगी है। हर जिह्वा पर राम-राम है। समूचा राष्ट्र राममय है।
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सिंहासन पर विराजमान हुए श्रीराम, वह दिन दूर नहीं जब विश्व गुरु कहलाएगा भारत: मंत्री लखन
इस अवसर पर प्रदेश के वाणिज्य और श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि भगवान श्रीराम ने विषम परिस्थितियों में भी स्थिति पर नियंत्रण रख सफलता प्राप्त की। उन्होंने हमेशा वेदों और मर्यादा का पालन किया। स्वयं के सुखों से समझौता कर न्याय और सत्य का साथ दिया। उनका जीवन सफल हुआ और मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए। भगवान राम दया के सागर हैं। उन्होंने दया कर सभी को अपनी छत्रछाया में लिया। उन्होंने सभी को आगे बढ़ कर नेतृत्व करने का अधिकार दिया। उन्हीं के पथ का अनुसरण करते हुए भारत समूचे विश्व की अगुआई कर रहा है और उन्हीं के सिद्धांतों पर चलकर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी राष्ट्र के हर व्यक्ति के विकास का मूल मंत्र लिए देश विकास की राह पर सबको साथ लेकर चल रहे हैं। अब राम सिंहासन पर विराजमान हो गए हैं और वह दिन दूर नहीं जब भारत विश्व गुरु की पदवी पर। विभूषित दिखाई देगा।
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134 साल चली कानूनी लड़ाई की पूरी कहानी
आज जिस भव्य राम मंदिर के उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा का संकल्प पूरा हुआ है, उसके पीछे भारत भूमि ने दशकों तक चली लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का सफर काफी चुनौतियों भरा रहा है। बाबरी विवाद, आदालतों में चली लंबी लड़ाई और फिर शीर्ष अदालत के फैसले के बाद मंदिर का निर्माण शुरू होना। यह सब राम की ही माया थी। आखिर के तीन दिन राष्ट्र के मुखिया होने के नाते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतिम कसौटी भी पूरी की। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में मुख्य जजमान की भूमिका निभा रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्राण प्रतिष्ठा के तीन दिन पहले कठिन व्रत किया। यम नियम के तहत उन्होंने बिस्तर की जगह लकड़ी की चौकी पर कंबल बिछा कर शयन किया और आज अपने राम लला को उनका सिंहासन सौंप कर अपना प्राण पूरा किया।
नमस्कार
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