June 26, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
राज्यपाल ने गोद ग्राम सोनपुरी के विकास कार्यों का लिया जायजामंत्रिमंडलीय उप समिति का फैसला : चावल जमा की समय-सीमा 5 जुलाई तक बढ़ीपद्मश्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे के निधन पर सांसद बृजमोहन ने जताया गहरा शोकपद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे के निधन पर सीएम साय ने जताया शोकसुदूर अंचल में वन विभाग की ऐतिहासिक पहल, कूप कटाई और वन संसाधनों से ग्रामीणों को मिला नया सहाराकेंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू ने मीसा बंदियों का किया सम्मानहितग्राही 10 प्रतिशत अंशदान की राशि जमा कर लाटरी में भाग लेवेशादी का झांसा देकर किया रेप,अपराधी गिरफ्तारझोल्टू गिरफ्तार, आजाद चौक पुलिस ने इस अपराध में पकड़ाअबूझमाड़ में दो महिला नक्सली ढेर
Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

कोरबा। कोरबा के चुइया गांव में वनभूमि पर कब्जे का खेल अब खुल्लमखुल्ला हो रहा है। जिस शिक्षक हेमंत शर्मा पर पहले ही जमीन दलाली, अवैध कब्जा, और जंगल कटाई के आरोपों में शिकायत दर्ज है, वही अब खुलेआम मजदूरों से काम करवा रहा है, और जिला प्रशासन मूकदर्शक बना बैठा है।

बुधवार को मौके से जो तस्वीरें और वीडियो सामने आई हैं, वो सिस्टम की चुप्पी और भू-माफिया के हौसले दोनों की पोल खोल रही हैं।

मौके का हाल: पेड़ों की हत्या के बाद समतलीकरण

पहले वर्षों पुराने पेड़ों को बेरहमी से काटा गया। अब उसी भूमि को जेसीबी से समतल कर उस पर पक्का कब्जा किया जा रहा है।
मजदूर कैमरे पर साफ-साफ कह रहे हैं — “साहब (हेमंत शर्मा) का काम है, उसी के कहने पर कर रहे हैं।”
क्या इससे बड़ा सबूत चाहिए जिला प्रशासन को?

कागज़ में मास्टर, जमीन पर माफिया

हेमंत शर्मा नाम का ये शासकीय शिक्षक असल में जमीन कब्जा गिरोह का सरगना बन चुका है।
– पद है शिक्षक का,
– काम है जमीन दलाली का,
– हथियार हैं पटवारी, बन उपज नाका, और दस्तावेज़ों की जालसाजी।

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि चुइया गांव में कोई उसका नाम लेने से भी डरता है। उसका रसूख इतना है कि शिकायत के बावजूद किसी अधिकारी की हिम्मत नहीं होती कार्रवाई करने की।

 ‘मसाहती’ का मास्टरमाइंड

हेमंत शर्मा “मसाहती” का जुमला उछालकर वनभूमि और शासकीय ज़मीन को भी अपने कब्जे में शामिल कर रहा है।
राजस्व रिकॉर्ड में फर्जीवाड़ा कर वन भूमि को निजी बता कर कागज तैयार करवा लेता है। सब कुछ “कागजों में सेट” कर देने की उसकी मशीनरी है — जिसमें पटवारी से लेकर राजस्व निरीक्षक तक घुसे हैं।

 पहले भी दी गई थी शिकायत — पर नतीजा ? शून्य !

कुछ ही सप्ताह पहले जिला प्रशासन को इस शिक्षक की करतूतों पर विस्तृत शिकायत सौंपी गई थी।
– जंगल कटाई,
– शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा,
– बेटे चेतन शर्मा द्वारा अवैध दुकान संचालन,
– और CDR से सांठगांठ के प्रमाण।

पर अब तक न निलंबन हुआ, न जांच आगे बढ़ी। नतीजा? हेमंत शर्मा और हौसले से कब्जे का साम्राज्य बढ़ा रहा है।

प्रशासन की चुप्पी = मूक समर्थन ?

जब शिकायतकर्ता, सबूत, वीडियो, मजदूरों के बयान — सब कुछ सामने है, फिर कार्रवाई क्यों नहीं?
– क्या ये सब जिला प्रशासन को नहीं दिख रहा?
– क्या कोई अंदरुनी ‘संरक्षण’ मिल रहा है?

अगर यही हाल रहा तो कोरबा की सारी सरकारी और वन भूमि “शिक्षक माफिया” के नाम गिरवी होती रहेगी।

ग्रामीणों की माँग — तत्काल पहुंचे जांच टीम, रोका जाए निर्माण

ग्रामीणों ने माँग की है कि:
– तत्काल संयुक्त जांच दल भेजा जाए,
मजदूरों के वीडियो को साक्ष्य माना जाए,
– और हेमंत शर्मा को निलंबित कर एफआईआर दर्ज की जाए।

यह खबर सिर्फ एक शिक्षक की करतूत नहीं, बल्कि उस  प्रशासन की भी कहानी है, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ आँखें मूंदे बैठा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close