August 2, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
उपभोक्ताओं को मिलेगी हर 30 मिनट की बिजली खपत की जानकारीअब गांजा पीने वाले भी जाएंगे जेल, रायपुर पुलिस ने शुरू की कार्रवाईधारासिव के पनखत्ती तालाब में मिला अज्ञात भ्रूण, इलाके में सनसनी11 लाख की लूट निकली फर्जी: कर्ज से उबरने रची थी साजिश, आरोपी गिरफ्तारउद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन को 14419 सदस्य बनाने पर मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने किया सदस्यता रत्न सम्मान से सम्मानितकलेक्टर ने वनांचल ग्राम खोभा, जोब एवं पंडरापानी का किया सघन निरीक्षणनहर में डूबने से युवक की मौतलाखों के गांजे के साथ अंतर्राज्यीय तस्कर सुभाष तिवारी गिरफ्तारधर्मांतरण और मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार ननों को मिली जमानतकोरबा पुलिस की क्राइम मीटिंग: अपराध नियंत्रण और यातायात व्यवस्था पर जोर
छत्तीसगढ़

बर्खास्त जज पहुंची हाईकोर्ट, सिंगल बेंच के फैसले को दी चुनौती…

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

बिलासपुर । एक सिविल जज अपने ही न्यायालय में फ़रियादी बनकर हाईकोर्ट पहुंचा है। 7 साल पहले हाई कोर्ट की अनुशंसा पर विधि विधायी विभाग ने एक सिविल जज को बर्खास्त कर दिया था। अपनी बर्खास्तगी के खिलाफ सिविल जज ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। सिंगल बेंच ने विधि विधायी के आदेश को रद्द कर दिया था।

सिंगल बेंच के फैसले को हाई कोर्ट ने डबल बेंच में चुनौती दी गई है। दूसरी तरफ बर्खास्त सिविल जज ने भी सिंगल बेंच के फैसले के उस हिस्से को चुनौती दी है जिसमें सिंगल बेंच ने याचिकाकर्ता को बैक वेजेस के बगैर सिविल जज वर्ग दो के पद पर वरिष्ठता के साथ बहाल करने का आदेश दिया था। दोनों मामलों की की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रवींद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच में हो रही है। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने  के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है।

जानें क्या है मामला
मिली जानकारी के अनुसार, वर्ष 2013 में नौकरी ज्वाइन करने वाली सिविल जज को शिकायत के आधार पर वर्ष 2017 में स्थायी समिति की सिफारिश के बाद सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। अपनी बर्खास्तगी आदेश को सिविल जज ने हाई कोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने सुनवाई के बाद 31 जनवरी 2017 को कमेटी की अनुशंसा और 9 फरवरी 2017 को जारी बर्खास्तगी के आदेश को रद्द कर दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को बैक वेजेस के बगैर सिविल जज वर्ग दो के पद पर वरिष्ठता के साथ बहाल करने का आदेश दिया था। इस फैसले के साथ सिंगल बेंच ने विधि विधायी विभाग  और हाई कोर्ट को तय नियमों के अनुसार कार्रवाई की छूट दी थी। हाई कोर्ट और सिविल जज ने सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती देते हुए डिवीजन बेंच ने अपील पेश की।

वर्ष 2012-13 में  सिविल जज प्रवेश परीक्षा के जरिए हुआ था चयन

बिलासपुर निवासी आकांक्षा भारद्वाज का चयन वर्ष 2012-13 में  सिविल जज प्रवेश परीक्षा के जरिए चयन हुआ था। 27 दिसंबर 2013 को पदभार ग्रहण किया। उसने आरोप लगाया कि इस दौरान एक वरिष्ठ न्यायाधिक अधिकारी ने उसके साथ अनुचित व्यवहार किया। लेकिन नई ज्वाइनिंग होने की वजह से विवाद में न पड़ने के कारण शिकायत नहीं की। प्रशिक्षण के बाद अगस्त 2014 में अंबिकापुर में प्रथम सिविल जज वर्ग-2 के पद पर ज्वाइनिंग देते हुए स्वतंत्र प्रभार दिया गया। सिविल जज ने दोबारा आरोप लगाया कि जब वे वरिष्ठ न्यायिक अफसर के पास न्यायिक प्रकरणों के संबंध में मार्गदर्शन के लिए जाती थी उनके साथ अनुचित व्यवहार किया जाता था।

हाईकोर्ट ने दिए थे जांच के निर्देश
जिसके बाद सिविल जज ने आला अधिकारियों से पहले मौखिक और उसके बाद लिखित में शिकायत दर्ज कराई। हाईकोर्ट ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए आंतरिक शिकायत कमेटी को जांच का निर्देश दिया। हाई कोर्ट के निर्देश पर आंतरिक जांच कमेटी ने जांच के बाद 6 अप्रैल 2016 को रिपोर्ट की कापी हाई कोर्ट के समक्ष पेश की। जिसमें वरिष्ठ न्यायिक अफसर के खिलाफ की गई शिकायत को निराधार पाया गया। सिविल जज ने कमेटी की रिपोर्ट के खिलाफ अपील पेश की। जिसे 5 जनवरी 2017 को खारिज कर दिया गया, साथ ही बर्खास्तगी आदेश जारी कर दिया गया।

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close