दीदियों की होली में खुशियों का रंग

हर्बल गुलाल बेचकर कमाई तीन हजार 740 रुपये
दुर्ग (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। ग्राम पंचायत पुरई की महिलाओं द्वारा हर्बल गुलाल बनाने का कार्य किया जा रहा है। महिला स्व-सहायता समूह की ये महिलाएं पारंपरिक रूप से होली के रंग तैयार करने के कार्य में लगी हुई हैं। ग्राम पंचायत पुरई की महिलाएं अब हर्बल गुलाल के रूप में न केवल होली के रंग बनाने में लगी हुई है, साथ ही आत्मनिर्भरता की ओर भी कदम बढ़ा रही हैं।
इस समूह में लगभग 10-11 महिलाएं जुड़ी हुई हैं और इनकी मेहनत ने 100 किलो हर्बल गुलाल का उत्पादन किया। एक किलो गुलाल को 54 रुपये में बेचने के बाद इन महिलाओं ने कुल 3,740 रुपये का मुनाफा कमाया। यह प्रयास सिर्फ आर्थिक लाभ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह महिलाओं के आत्मविश्वास और सशक्तिकरण की कहानी भी बयां कर रही है।
स्व-सहायता समूह की एक सदस्य, आयशा साहू, जो 12वीं कक्षा तक पढ़ाई कर चुकी हैं, ने इस परियोजना में अपनी भागीदारी को लेकर कहा कि उन्होंने 2 साल पहले ओम साई स्व-सहायता समूह से जुड़ने के बाद हर्बल गुलाल बनाना शुरू किया। पिछले साल उन्होंने इस काम से लगभग 6,000 रुपये की आमदनी की, और इस साल भी बेहतर परिणाम की उम्मीद है। अब अन्य महिलाएं भी इस प्रेरणा से रोजगार के क्षेत्र में जुड़ रही हैं और परिवार को आर्थिक मदद प्रदान कर रही हैं। महिलाओं का यह प्रयास सिर्फ रोजगार का जरिया नहीं, बल्कि एक नई पहचान और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन चुकी है।