August 5, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
रेप का वीडियो Instagram फ्रेंड ने किया वायरल, सूरजपुर पुलिस ने पटना में दबोचा…एसईसीएल सोहागपुर क्षेत्र में 9 भू-आश्रितों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए…पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलके पति को उतार मौत के घाटबसपा न एनडीए में है और न ही इंडी गठबंधन में : मायावतीसब्जी में छिपकली गिरने से फूड पॉइजनिंग, एक ही परिवार के 4 लोग अस्पताल में भर्तीजंगल में IED ब्लास्ट से ग्रामीण गंभीर घायल30 लाख की लूट में फरार आरोपी योगेश नाई राजस्थान से गिरफ्तारमौखिक आदेश पर हो रहा शिक्षा विभाग का संचालन, देखिए शिक्षा विभाग के कारनामेसावन के रंगों में रंगा मंत्री निवास, महिला पत्रकारों संग मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने लिया उत्सव का आनंदराष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम : युवा साथी फाउन्डेशन संस्था के द्वारा 50 टीबी मरीजों को लिया गया गोद
छत्तीसगढ़

पुलिस हिरासत में मौत का मामला: राज्य सरकार को दो लाख मुआवजा देने हाई कोर्ट का आदेश, अधिवक्ता अंशुल तिवारी ने की थी पैरवी

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

बिलासपुर(ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ ) एक वर्ष पूर्व पुलिस हिरासत में आदतन बदमाश सूरज हठथेल की मौत के मामले में मां प्रेमा हठथेल ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने राज्य शासन को दो लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश जारी किया है।

19-20 जुलाई 2024 को आदतन बदमाश एवं गंभीर अपराध में शामिल सूरज हठथेल को पुलिस ने हिरासत में लिया, था। गंभीर रुप से घायल होने पर सूरज हठथेल की मौत हो गई थी। इस पर सूरज की मां प्रेमा हठथेल 49 वर्ष निवासी बुधवारी बाजार ने अपने अधिवक्ता अंशुल तिवारी के माध्यम से याचिका दायर की। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अंशुल तिवारी व प्रतिवादी राज्य की ओर से उप महाधिवक्ता शशांक ठाकुर ने अपना पक्ष रखा ।

इस रिट याचिका के माध्यम से याचिकाकर्ताओं ने हिरासत में हुई मौत की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जैसी किसी स्वतंत्र एजेंसी को निर्देश देने, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट, संबंधित पुलिस स्टेशनों से सीसीटीवी फुटेज और याचिकाकर्ता को अन्य संबंधित दस्तावेज तुरंत उपलब्ध कराने तथा अपने बेटे की हिरासत में हुई मौत के लिए सार्वजनिक कानून उपाय के तहत याचिकाकर्ता को पर्याप्त मौद्रिक मुआवजा देने की गुहार लगाई।

याचिकाकर्ता के वकील अंशुल तिवारी ने प्रस्तुत किया कि यह हिरासत में मौत का मामला है, हालांकि न्यायिक जांच रिपोर्ट के अनुसार, मृतक की मृत्यु मायोकार्डियल इंफेक्शन के कारण हुई, क्योंकि वह कोरोनरी धमनियों की बीमारी से पीड़ित था। याचिका के साथ पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई।

मामले की सुनवाई उच्च न्यायालय के डबल बेंच न्यायाधीश ने की। आदेश में कहा गया कि तथ्य और कानून की स्थिति के अनुसार, हमें यह मानने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि याचिकाकर्ता, जो मृतक सूरज हथेल की मां है, अपने बेटे की गलत तरीके से हुई हानि के लिए मुआवजे की हकदार है। राज्य उन कर्मचारियों का नियोक्ता होने के नाते, जिनकी लापरवाही के कारण मृतक की मृत्यु हुई।

मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, विशेष रूप से इस तथ्य को कि राज्य के कर्मचारियों की ओर से लापरवाही के कारण 27 वर्ष की आयु में मृतक सूरज हथठेल की असामयिक मृत्यु के कारण याचिकाकर्ता ने संपत्ति, प्यार और स्नेह और निर्भरता खो दी है। लिहाजा  न्यायालय ने प्रतिवादी राज्य सरकार को आठ सप्ताह की अवधि के भीतर याचिकाकर्ता को दो लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश जारी किया है। आदेश की तिथि तक राशि प्रदान नहीं किए जाने पर नौ प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज लगेगा।

सचिव, गृह एवं पुलिस मामले, छत्तीसगढ़ सरकार या पुलिस महानिदेशक, छत्तीसगढ़ निर्धारित समय सीमा के भीतर दिए गए मुआवजे का भुगतान सुनिश्चित करेंगे। परिणामस्वरूप, रिट याचिका ऊपर बताई गई सीमा तक स्वीकार की जाती है। राजिस्ट्रार (न्यायिक) को इस आदेश की एक प्रति सचिव, गृह एवं पुलिस मामले, छत्तीसगढ़ सरकार, रायपुर और पुलिस महानिदेशक, छत्तीसगढ़, रायपुर को भेजने का निर्देश जारी किया गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close