नक्सलियों के डॉक्टर सहित पांच इनामी माओवादी का आत्मसमर्पण
दंतेवाड़ा। बस्तर में अब नक्सलवादी विचारधारा से लोगों को मोह भंग हो रहा है। जो आदिवासी ग्रामीण भटक कर इस रास्ते पर चले गए थे, वे अब आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्य धारा की ओर लौट रहे हैं। शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर दंतेवाड़ा जिले में शुक्रवार को पांच नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक के सामने आत्मसमर्पण किया है।
इनमें से एक नक्सली विधानसभा चुनाव के दौरान पुलिस और मीडिया पार्टी पर एंबुश लगाकर हमला करने की घटना में शामिल था, जबकि एक अन्य नक्सली मेडिकल टीम का प्रभारी है। पांचों इनामी नक्सली हैं। जिनमें से दो पर दो-दो लाख और तीन पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित है।
पुलिस अधीक्षक डॉ अभिषेक पल्लव ने बताया कि नक्सलवाद की खोखली और शोषणकारी विचारधारा को अब नक्सल संगठन से जुड़े लोग भी समझ चुके हैं। क्षेत्र में चलाए जा रहे जनजागरूकता और जन कल्याण के कार्यक्रमों व शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर नक्सली लगातार आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित हो रहे हैं।
इसी कड़ी में शुक्रवार को नक्सलियों के मिलिट्री प्लाटून नंबर 24 के सदस्य कुहरामी मंगल उर्फ डेका, नक्सलियों की पल्लेवाया मेडिकल टीम का प्रभारी महरूराम बंजाम, हान्दावाड़ा एलओएस सदस्य जयराम मंडावी, सीएनएम अध्यक्ष नरेश नेताम और सीएनएम अध्यक्ष शांति इस्ता ने आत्मसमर्पण किया।
इनमें से कुहरामी मंगल साल 2018 में विधानसभा चुनाव के दौरान नीलावाया के पास पुलिस और मीडिया पार्टी पर हमले की घटना में शामिल था। इस पर दो लाख रुपये का इनाम घोषित है। इसके अलावा महरूराम नक्सलियों के लिए मेडिकल टीम इंचार्ज के रूप में काम करता था और वह नक्सलियों का इलाज किया करता था। उसपर भी दो लाख रुपये का इनाम घोषित है। अन्य तीनों नक्सलियों पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित है।
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