March 12, 2025 |

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छत्तीसगढ़

कांग्रेस के नगर सरकार की अजब माया

जयसिंह के चहेते बने ठेकेदार जिसको पहले पालने में झुलाते रहे अब उसी को लगे है फटकारने, आयुक्त के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचा मामला, लेकिन शहर के लोग 3 साल से भोग रहे है खामियाजा, क्या है मामला देखिए इस रिपोर्ट में...

Gram Yatra Chhattisgarh
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कोरबा, तीन साल से कोरबा शहर के जिन सड़को पर चलकर आप सब पानी पी पीकर कोसते थे वो सड़क किसी और ने नहीं बल्कि एक कांग्रेसी नेता के पुत्र ने बनाई थी। अभिनव कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर अभिनव सोनी (लक्की) है जो नगर पालिक निगम कोरबा के मौजूदा सभापति श्यामसुंदर सोनी के बेटे है। जयसिंह के करीबियों में शुमार श्यामसुंदर सोनी के बेटे की फर्म को पिछले कुछ सालों से काफी काम मिला है मामूली ठेकेदार से अब वो बड़ा सड़क ठेकेदार बन गया। लेकिन काम में क्वालिटी का कभी ध्यान नहीं रखा गया चाहे निर्माण का कार्य हो या फिर अब सड़क का ! कोरबा की जनता जानती है इनके बनाये सड़क से बेहतर पहले की सड़क थी डामर की कमी कर पुरानी सड़को पर ही थूक पालिश कर बनाई गई सड़क का करोड़ो का बिल निकल गया। भाजपा नेता हितानंद अग्रवाल और अन्य पार्षदों ने तो बकायदा इनके सड़को पर बिछाई गई बजरी को समेट कर निगम को दिया भी लेकिन ढाक के तीन पात वाली कहानी करते कभी कोई नहीं कराया गया दिखावे के लिए डामर का लेप 2 साल से रात के अंधेरे में जरूर गिरा दिया जाता था जिससे सड़क का रंगरूप ही बदल गया है। अब नगर में भले ही कांग्रेस की सरकार है लेकिन राज्य की सरकार बदल गई है लिहाजा कार्रवाई का डंडा चलाया जा रहा है इस ठेकेदार की अमानत राशि जप्त कर सड़क मरम्मत का काम कराने की बात कही जा रही है। इधर ये काम कर आयुक्त खुद फंस गई है। आयुक्त को गर्मी के समय ही सड़क दुरुस्त करा लेना था लेकिन हुआ नहीं जबकि वो खुद ही उस सड़क से रोज गुजरती है। अब बरसात में वही सूरते हाल देखने के बाद सड़क निर्माण की बात कही जा रही है।

हाई कोर्ट में बनाया आयुक्त को पार्टी

इस संबंध में जारी आदेश से क्षुब्ध होकर ठेका कंपनी के द्वारा बिलासपुर हाईकोर्ट में चार अलग-अलग याचिका दायर कर दी गई है। नगर निगम आयुक्त प्रतिष्ठा ममगाई को मुख्य पार्टी बनाया गया है।
नगर निगम आयुक्त पर इस बात का आरोप है कि उनके द्वारा परफॉर्मेंस गारंटी की अवधि पूरी होने के बाद राशि राजसात करने की कार्रवाई की गई और इसके संबंध में बैक डेट में नोटिस जारी की गई है। एमपी नगर, मुड़ापार, सीएसईबी चौक से टीपी नगर के मध्य व एक अन्य सड़क का निर्माण अभिनव कंस्ट्रक्शन कंपनी के द्वारा कराया गया था। कंपनी के कर्ताधर्ता का कहना है की परफॉर्मेंस गारंटी की अवधि 3 साल की थी और 3 साल 3 महीना पूरा होने के बाद उसे मरम्मत कार्य के लिए कहा जा रहा था जबकि उसने अवधि पूरी होने से पहले निगम के आदेश अनुसार मरम्मत कार्य कराया था लेकिन अवधि पूरी होने के बाद जब उसने अपनी जमा अमानत राशि मांगने के लिए पत्र व्यवहार किया तो जानबूझकर बैक डेट की नोटिस का सहारा लेकर राशि राजसात कर ली गई है जो की उचित नहीं है। यह भी बताया कि नगर निगम द्वारा ठेका कम्पनी के नाम जारी किए गए जिस नोटिस का हवाला दिया जा रहा है, वह नोटिस उसे प्राप्त ही नहीं हुई है और जब नोटिस प्राप्त नहीं हुई तो उसे इसके संबंध में जानकारी कहां से होगी ? इस पूरे मामले को लेकर याचिका दायर करने के बाद नगर निगम के गलियारे में खलबली मची हुई है।

आरटीआई में भी लापरवाही

बता दें कि नगर निगम में सूचना का अधिकार अधिनियम का भी सही तरीके से पालन नहीं हो रहा है। मांगी जाने वाली जानकारी को बेवजह तीन से चार महीने तक लटकाया जाता है। प्रथम अपीलीय अधिकारी स्वयं आयुक्त हैं लेकिन उन्होंने इसका प्रभार एमके वर्मा को दे रखा है। श्री वर्मा पर सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी देने में लापरवाही बरतने का भी आरोप लगाया जाता रहा है। नगर निगम में कामकाज को लेकर ठेकेदार अक्सर व्यवस्था को निशाने पर रखते रहे हैं बावजूद इसके व्यवस्था सुधारने की बजाय और बिगड़ती जा रही है, जिसमें कहीं ना कहीं पुराने और वर्षों से जमे अधिकारियों की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़

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