June 29, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
स्वच्छता दीदियों का ड्राईविंग लाईसेंस बनाने 02 जुलाई को सियान सदन में लगेगा शिविरकोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ठेका घोटाला : डॉ. गोपाल कंवर और लेखाधिकारी अशोक कुमार महिपाल की जोड़ी का कमाल, ठेकेदार मालामाल…भारतमाला घोटाला: निलंबित पटवारी ने लगाई फांसी, सुसाइड नोट में लिखा- ‘मैं निर्दोष हूं’बलौदाबाजार में फैला डायरिया, कलेक्टर ने अस्पताल पहुंचकर लिया हालात का जायजाडिप्टी सीएम शर्मा ने पंचमुखी बूढ़ा महादेव मंदिर में किया जलाभिषेकनवाचार और तकनीक से सशक्त होंगे अन्नदाता : विष्णुदेव सायगद्दा बनाने वाली फैक्ट्री में लगी आग, युवक की मौत..अवैध सितार निर्माण फैक्ट्री में दबिश, दस्तावेज के अभाव में फैक्ट्री सीलबीजापुर में 13 हार्डकोर नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पणजांजगीर चांपा पुलिस की सराहनीय पहल: निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन
छत्तीसगढ़

नक्सल उन्मूलन के लिये विष्णु सरकार द्वारा उठाये कदम स्वागतेय : शंकर पांडेय

मासिक पत्रिका छत्तीसगढ़ी सुराज का स्थापना दिवस मना

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

रायपुर । मासिक पत्रिका छत्तीसगढ़ी सुराज का स्थापना दिवस विगत दिनों एक आयोजन के साथ मनाया गया। इस मौके पर ‘छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद और नई सरकार’ विषय को लेकर परिचर्चा भी आयोजित की गई थी। जिसमें वक्ताओं ने नक्सलियों का उन्मूलन के लिये विष्णुदेव सरकार द्वारा उठाये गये कदम को स्वागत योग्य बताया।

मासिक पत्रिका छत्तीसगढ़ी सुराज के प्रधान संपादक शंकर पांडेय ने पहले पत्रिका के प्रकाशन पर प्रकाश डाला। पश्चात विषय पर बोलते हुए कहा कि छत्तीसगढ में नई सरकार बनने के बाद नक्सली क्षेत्र बस्तर में सुरक्षाबल नक्सलियों के गढ़ अबूझमाड़ भी पहुंच सफलतापूर्वक मुठभेड़ कर चुका है। वर्ष 2024 में नक्सलियों के विरूद्ध प्रभावी रूप से नक्सल विरोधी अभियान संचालित किये जाने के परिणाम स्वरूप बस्तर रेंज के अंतर्गत अब तक कुल 142 नक्सलियों के शव मिले ,482 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया तो अभी तक 453 ने आत्मसमर्पण भी किया है। बस्तर रेंज में तैनात पुलिस एवं सुरक्षा बल ने क्षेत्र की जनता की जान- माल की रक्षा हेतु  माओवादियों के विरूद्धप्रभावी रूप से कार्यवाही की जा रही है और आगे भी जारी रहेगी जिससे क्षेत्र की जनता को नक्सल गतिविधियों से मुक्ति मिलने के साथ- साथ बस्तर को एक नयी सकारात्मक पहचान मिलेगी।

नक्सली क्षेत्रों में जाकर, कुछ वारदातों की घटना स्थल पर जाकर, नक्सली प्रभावितों से कई बार चर्चा करने वाली वरिष्ठ पत्रकार प्रियंका कौशल ने परिचर्चा में हिस्सा लेते हुये कहा कि निश्चित ही विष्णुदेव सरकार बनने के बाद इतनी अधिक संख्या में नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराना, गिरफ्तारी और आत्म समर्पण सरकार की नक्सलियों के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का परिचायक है। वैसे राज्य सरकार इसके साथ ही बातचीत का रास्ता भी खुला रखा है, वहीं मूल धारा में नक्सली के लौटने पर उनके पुनर्वास के लिये और भी अच्छी योजना बना रही है, वैसे पूर्ववर्ती डॉ रमन सरकार ने भी नक्सली उन्मूलन में बड़े कदम उठाये थे।

पत्रकार तथा साहित्यकार विनोद कशिव का मानना था कि छत्तीसगढ़ राज्य को नक्सली समस्या विरासत में मिली थी, अविभाजित मप्र के समय नक्सली बस्तर में सक्रिय हुये थे, अब तो यह नासूर बन चुके हैं, तेजी से विकास की और बढ़ते छग के लिये सबसे बड़े बाधक नक्सली ही है, स्कूल भवन, पंचायत भवन,सड़क, पुल-पुलिया को विस्फोट से उड़ा देना, सुरक्षाबलों सहित आम नागरिकों की हत्या, धन उगाही से नक्सलियों के मँसूबे स्पष्ट हैं? उनकी कोई आइडियोलाजी ही नहीं है,इस समस्या को कड़ाई से सुलझाने विष्णु देव सरकार की पहल सराहनीय है।

वरिष्ठ पत्रकार विशाल यादव का कहना था कि मप्र के समय से उपजी नक्सली समस्या को समाप्त करने छग राज्य बनने के बाद डॉ रमन सिंह तथा अब विष्णुदेव सरकार द्वारा उठाये गये कदम उल्लेखनीय कहे जा सकते हैं। छग में चहुमुखी विकास की बड़ी संभावनायें है और नक्सली समस्या के चलते बस्तर में कोई बड़ा उद्योग स्थापित नहीं हो सका है,वहाँ की बेरोज गारी की समस्या को नक्सली भुना रहे हैं, नक्सली उन्मूलन ही बस्तर की हर समस्या का हल है।

रविभवन व्यापारी संघ के पूर्व अध्यक्ष तथा छ्ग चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स के सक्रिय सदस्य जय नेभानी का कहना था कि बस्तर सहित नक्सली प्रभावित क्षेत्र में व्यापार जगत भी प्रभावित है, बस्तर में जो जड़ी बूटी, कंदमूल, प्राकृतिक दवाइयों का खजाना है, लोह अयस्क,अन्य खनिज हैं, उनका दोहन भी नहीं हो पा रहा है, नक्सलियों के आतंक के चलते व्यापारी वहाँ खुलकर व्यापार नहीं कर पाते हैं, छग सरकार के वर्तमान कार्य काल में नक्सली उन्मूलन हेतु उठाया गया कदम स्वागतेय है। निजी बैंक के आईटी मैनेजर राज कुमार बिसेन ने कहा कि नक्सली प्रभावित क्षेत्र में बैंकिंग प्रणाली भी उस मुकाम तक नहीं पहुंची हैं, जहाँ होनी थी, छग को नक्सलमुक्त होना ही चाहिये।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close