August 1, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
30 किलो गांजा के साथ चार तस्कर गिरफ्तारशिकारियों के जाल में फंसकर नर हाथी की मौत…शिक्षक की धारदार हथियार से हत्याकेंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिले CM साय‘राधे-राधे’ कहने पर नर्सरी की छात्रा को पीटा, मुंह पर टेप चिपकाया, प्रिंसिपल गिरफ्तारकिश्त नहीं दी तो पत्नी को बना लिया बंधक! झांसी में लोन वसूली का शर्मनाक मामला…मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने कारली पहुंचकर सुरक्षा बल के जवानों को राखी बांधकर शुभकामनाएं दींकैबिनेट मंत्री के मुख्य आतिथ्य में संपूर्णता अभियान सम्मान समारोह का हुआ आयोजनस्पेशल ओलंपिक के तहत राष्ट्रीय बोच्ची चैंपियनशिप का हुआ भव्य आयोजनश्रमिकों के बच्चों के लिए निःशुल्क शिक्षा का सुनहरा अवसर
छत्तीसगढ़

विशेष लेख: पाठशालाओं में जब बजेगी घण्टी,होगी स्कूलों में शिक्षकों की गारंटी

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

युक्ति युक्तकरण से प्रदेश के शिक्षकविहीन शालाओ में हुई नियमित शिक्षको की नियुक्ति।

 शैक्षणिक माहौल बदलेगा,गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी

 मोदी की गारण्टी को पूरा करने के साथ ही पाठशालाओं में शिक्षकों की व्यवस्था की दिशा में उठाया गया क्रांतिकारी कदम

(लेख-कमलज्योति)

टन… टन.. टन… टन… घण्टी की यह आवाज अब फिर से स्कूलों में सुनाई देने ही वाली है। ग्रीष्म अवकाश के बाद लम्बे दिनों के अंतराल में क्लास रूम की चहल-पहल में क, ख, ग और ए,बी,सी,डी की शोर भी सुनाई देगी। बीते हर साल की तरह स्कूलों के पट खुलने के साथ पहली बार स्कूल आने वाले विद्यार्थियों के माथे पर तिलक लगाएं जाएंगे।

मिठाइयां खिलाई जाएंगी और कलम,किताब, ड्रेस देकर उनका अभिनंदन भी किया जाएगा। इन सबके बीच इस साल कुछ नया भी होगा। पाठशालाओं के दहलीज पर कदम रखकर भविष्य बनाने आएँ दूरस्थ क्षेत्र के उन हजारों विद्यार्थियों को नियमित शिक्षक भी मिलेंगे, जहाँ कोई शिक्षक पदस्थ नहीं था।

प्रदेश के लगभग 6 हजार एकल शिक्षकीय विद्यालय में अतिशेष शिक्षको का समायोजन किया गया है, जिससे 4 हजार 721 विद्यालय लाभान्वित हुए है। वही युक्ति युक्तकरण से पूर्व प्रदेश भर में 453 शिक्षकविहीन विद्यालय थे। इन विद्यालयों में से 446 विद्यालयों में अतिशेष शिक्षको की पदस्थापना कर राज्यशासन ने शिक्षक की कमी से वंचित विद्यार्थियों के भविष्य को गढ़ने के साथ ही पाठशालाओं की घण्टी बजने के साथ ही शिक्षको की गारंटी भी सुनिश्चित कर दी है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय सरकार ने प्रदेश की कमान सम्हालने के साथ ही अनेक साहसिक निर्णय लेकर मोदी की गारण्टी को पूरा करने के दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। शपथ लेने के पश्चात केबिनेट की पहली ही बैठक में 18 लाख पीएम आवास निर्माण के लिए निर्णय लेने के बाद, 31 सौ रुपए प्रति क्विंटल में धान खरीदी, 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान खरीदी, तेन्दूपत्ता खरीदी में प्रति मानक बोरा की राशि को बढ़ाते हुए चार हजार से 5500 करने के साथ ही किसानों को दो साल के बकाया बोनस की राशि और मोदी की गारण्टी में शामिल योजनाओं को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाया।

 

यह भी सर्वविदित ही है कि प्रदेश के विद्यालयों में लंबे समय से शिक्षकों की कमी थी। खासकर प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में अनेक ऐसे विद्यालय थे जहाँ लम्बे समय से शिक्षक नहीं थे तो कुछ में एकमात्र शिक्षक ही पदस्थ थे। राज्य शासन ने स्कूल शिक्षा विभाग के माध्यम से प्रदेश भर में शिक्षको की स्थितियों को जब परीक्षण किया तो पाया कि छात्र संख्या के आधार पर एक शिक्षक के पीछे विद्यार्थियों की जितनी संख्या होनी चाहिए थीं,इसमे भी अनेक खामी थी। कहने का तात्पर्य यह है कि अनेक विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या कम थी,लेकिन शिक्षकों की संख्या अधिक, अनेक विद्यालयों में गणित,जीवविज्ञान, रसायन,भौतकी,अंग्रेजी सहित महत्वपूर्ण विषयों की शिक्षकों की कमी थी तो कई ऐसे भी विद्यालय थे जहाँ एक से अधिक विषयों के शिक्षक थे।

इन्हीं असमानताओं की वजह से प्राथमिक शाला से लेकर हायर सेकण्डरी के हजारों विद्यार्थियों को जो शिक्षा मिलनी चाहिए थी वह मिल नहीं पा रही थी। विद्यार्थियों को स्कूल की दहलीज में पहली बार कदम रखने से लेकर कैरियर बनाने के महत्वपूर्ण पड़ाव में शिक्षको की कमी बाधा साबित हो रही थी। राज्य शासन ने जब अतिशेष शिक्षको की संख्या निकालकर युक्ति युक्तकरण की प्रक्रिया अपनाई तो निःसंदेह ऐसे विद्यालयों की तस्वीर ही बदल गई है। दूरस्थ क्षेत्र के विद्यार्थियों ही नहीं पालकों में भी खुशी की लहर है। अब उनके स्कूलों में भी शिक्षक की व्यवस्था होगी यह जानकर वे भी स्कूल आने के लिए रोमांचित है।

 

राज्य शासन द्वारा युक्ति युक्तकरण के लिए गए फैसले और अपनाई गई प्रक्रिया से शिक्षकविहीन 453 स्कूलों में से 446 अब शिक्षकविहीन नहीं रहेंगे। 5936 एकलशिक्षकीय विद्यालय में से 4721 में अब एकलशिक्षकीय नहीं होगी। यहाँ कम से कम दो या तीन शिक्षक अध्यापन कराएंगे। खासबात यह भी है कि सुदूरवर्ती इलाकों के विद्यालयों जहां गरीब और अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों की संख्या अधिक है वहाँ के सरकारी स्कूलों में भी अब पर्याप्त शिक्षक होंगे।

 

युक्ति युक्तकरण से बस्तर संभाग के अंतर्गत बस्तर में 25, बीजापुर के 76, नारायणपुर के 14, सुकमा के 29,कोंडागांव के 10 प्राथमिक शाला शिक्षकविहीन थे। अब सभी विद्यालय में शिक्षक पदस्थ कर दिए गए हैं। इसी तरह गरियाबंद के 17, महासमुंद के 14, कोरबा के 14, रायगढ़ के 21, सरगुजा के 14, बालोद के 16, मोहला मानपुर अम्बागढ़ चौकी के 13,बलरामपुर जिले के 14 प्राथमिक शाला शिक्षकविहीन थे। इन सभी विद्यालयों में अब अतिशेष शिक्षको के समायोजन के पश्चात वर्षों से रिक्त स्थानों में नियमित शिक्षको की उपलब्धता सुनिश्चित हो गई है। प्रदेश के मिडिल स्कूलो में भी एकलशिक्षकीय से द्वि शिक्षकीय और कई विद्यालयों में तीन शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित हो गई है। शासन के इस फैसले से पालकगण भी खुश है। कल तक शिक्षको की कमी से जूझते विद्यालय में अपने बच्चों को भेजने के साथ ही जो चिंतित थे अब उनके आँखों मे अपने बच्चों की बेहतर भविष्य का सपना सजने लगा है।

गणित,भौतकी, रसायन, जीवविज्ञान में नहीं होंगे कमजोर

प्राथमिक और माध्यमिक शाला के अतिशेष शिक्षकों को दूरस्थ क्षेत्रों के शिक्षकविहीन और एकलशिक्षकीय विद्यालयों में पदस्थ किए जाने से जहाँ दूरस्थ क्षेत्र के विद्यालयों में शिक्षा की नींव मजबूत होगी वहीं मिडिल और हाई स्कूलों से निकलने के बाद हायर सेकण्डरी में पहुँचने वाले विद्यार्थियों को भी अब गणित,भौतकी, रसायन, जीवविज्ञान,अंग्रेजी जैसे विषयों में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। विद्यालय में सम्बंधित विषय का पाठ्यक्रम संचालित होने के बाद भी विषय के व्याख्याता नहीं होने का खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ता था। अतिशेष व्याख्याताओं का पदस्थापना रिक्त विषय वाले विद्यालयों में हो जाने से उन्हें भी स्कूल में संबंधित विषयों को पढ़ने में आसानी होगी और वे अपने विषय शिक्षक से उचित मार्गदर्शन प्राप्त कर पाएंगे। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों में कला विषय चयन करने के अलावा गणित,विज्ञान विषय चयन करने में रुचि जागेगी।

पाठ्यक्रम समय पर होगा पूरा

अतिशेष शिक्षको के समायोजन से दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यालयों के विद्यार्थियों को भी लाभ मिलेगा। उनके विद्यालय में पर्याप्त शिक्षक पदस्थ होंगे और समय पर सभी विषयों के कालखण्ड भी होंगे। इस व्यवस्था से विद्यार्थियों का पाठ्यक्रम समय पर पूरा होगा। सभी प्राथमिक शालाओं में शिक्षक और मिडिल स्कूल में भी शिक्षक होंगे। प्राथमिक और माध्यमिक शाला के बच्चों को शिक्षक मिलने से उनके शिक्षा की नींव मजबूत होगी। इसके बाद हाई और हायर सेकण्डरी विद्यालयों में भी गणित, रसायन,भौतकी, जीवविज्ञान,अंग्रेजी आदि विषय के व्याख्याता पदस्थ हो जाने से उन्हें कठिन लगने वाले विषय को अध्ययन करने में आसानी होगी। वे भी दसवीं पास करने के बाद गणित,साइंस लेकर पढ़ाई करने और बेहतर भविष्य बनाने में रूचि लेंगे। विषय शिक्षको के माध्यम से वे कठिन लगने वाले विषयों पर हो रही दुविधाओं,समस्याओं का समाधान कर पाएंगे। विद्यालय में एक अलग शैक्षणिक वातावरण विकसित होगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close