June 27, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
राज्यपाल ने गोद ग्राम सोनपुरी के विकास कार्यों का लिया जायजामंत्रिमंडलीय उप समिति का फैसला : चावल जमा की समय-सीमा 5 जुलाई तक बढ़ीपद्मश्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे के निधन पर सांसद बृजमोहन ने जताया गहरा शोकपद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे के निधन पर सीएम साय ने जताया शोकसुदूर अंचल में वन विभाग की ऐतिहासिक पहल, कूप कटाई और वन संसाधनों से ग्रामीणों को मिला नया सहाराकेंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू ने मीसा बंदियों का किया सम्मानहितग्राही 10 प्रतिशत अंशदान की राशि जमा कर लाटरी में भाग लेवेशादी का झांसा देकर किया रेप,अपराधी गिरफ्तारझोल्टू गिरफ्तार, आजाद चौक पुलिस ने इस अपराध में पकड़ाअबूझमाड़ में दो महिला नक्सली ढेर
Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

कोरबा, 14 दिसंबर 2024 – यह तारीख कोरबा की राजनीति में एक ऐतिहासिक मोड़ बन गई। सुबह 9:30 बजे कोसाबाड़ी मंडल के सभी दिग्गज नेता श्रम मंत्री और कोरबा विधायक लखनलाल देवांगन के बंगले पर इकट्ठा हुए। मुद्दा गंभीर था – मौजूदा मंडल अध्यक्ष की कार्यशैली और व्यवहार को लेकर असंतोष चरम पर था। नेताओं ने मंत्री के सामने एक ही स्वर में मांग रखी कि “अब और नहीं! मौजूदा मंडल अध्यक्ष को रिपीट नहीं किया जाना चाहिए।”

नेताओं की दलील थी कि कोरोना, विधानसभा और लोकसभा चुनावों की आड़ में मौजूदा अध्यक्ष पोंकू ने तय समय से अधिक “राज” कर लिया। ऐसे में अब बदलाव जरूरी था। उन्होंने स्पष्ट रूप से राजेश राठौर को मंडल अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की। मंत्री ने बिना देरी किए सहमति जताई और हरसंभव प्रयास करने का आश्वासन दिया। अंततः भाजपा कोसाबाड़ी मंडल से पोंकू का अध्याय समाप्त हुआ।

लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती!

पोंकू की चालें खत्म होने का नाम नहीं ले रही थीं। मंडल अध्यक्ष की कुर्सी गई, लेकिन उसने तुरंत अपने आका की शरण में जाकर एक “दांव” खेला। उसने एक ऐसे वार्ड से पार्षद प्रत्याशी की टिकट जुगाड़ ली, जहां से उसका खुद का घर 5 किलोमीटर दूर है!

पोंकू ने 5 साल तक मंडल अध्यक्ष रहते इस वार्ड की सुध तक नहीं ली, यहां की समस्याओं को न समझा, न सुलझाने की कोशिश की।
वहीं, जब भी वार्ड में कोई दिक्कत आई, निवर्तमान पार्षद अब्दुल रहमान ने कलम से लेकर सड़क तक संघर्ष किया। जनता ने भी उनका साथ दिया, और इसी वजह से वार्ड में करोड़ों की योजनाएं आईं।

जयसिंह अग्रवाल की साजिशें और जनता का संघर्ष!

दस साल पहले जब पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की पत्नी रेणु अग्रवाल महापौर थीं, तब से लेकर उनके रबर स्टैम्प राजकिशोर प्रसाद तक, वार्ड विकास को रोकने की तमाम साजिशें रची गईं। जयसिंह अग्रवाल के इशारे पर इन दोनों महापौरों ने वार्ड के विकास में बाधाएं खड़ी कीं, लेकिन जनता के हौसले और हक के लिए लड़ने के जज़्बे ने वार्ड में करोड़ों की सौगात दिलाई।

जयसिंह अग्रवाल की जनता के प्रति दुर्भावना इस कदर थी कि उन्होंने पहले तो पं. रविशंकर शुक्ल नगर वार्ड में सड़क की स्वीकृति रोकने की कोशिश की। लेकिन जब निवर्तमान पार्षद अब्दुल रहमान ने अपने प्रयासों से इसे शासन से स्वीकृत करा लिया, तो ठेकेदार पर दबाव डालकर पूरी सड़क को खुदवाकर एक साल तक अधूरा रख दिया।

लेकिन जनता ने विधानसभा चुनाव में इसका जवाब जयसिंह को “हराकर” दे दिया!

पोंकू का असली चेहरा – विकास छोड़, सांप्रदायिक खेल!

मंडल अध्यक्ष रहते पोंकू को सिर्फ अपनी दुकान के सामने की उखड़ी सड़क की चिंता थी। इसके लिए वह बार-बार WhatsApp गेम खेलता रहा, लेकिन जनता की समस्याओं पर चुप्पी साधे रहा। अब जब निकाय चुनाव आ गए हैं, तो न विजन है, न योजना!

हार सामने देखकर पोंकू ने अपने प्रचार के लिए एक “गिरोह” खड़ा कर लिया, जिसका काम सिर्फ सांप्रदायिक राजनीति करना है। इस गिरोह को वार्ड में कोई भी अच्छा काम पसंद नहीं आता, उन्हें सिर्फ नफरत की राजनीति करनी है। लेकिन अब जनता सब समझ चुकी है!

जनता देगी जवाब!

इस बार वार्ड की जनता न सिर्फ पोंकू को सबक सिखाएगी, बल्कि उसके गिरोह को भी धूल चटा देगी। जनता ने विधानसभा चुनाव में जयसिंह को हराकर दिखाया, अब निकाय चुनाव में पोंकू और उसके गिरोह को भी सबक सिखाने का समय आ गया है।

जब शांत जनता अपने वोट से गरजेगी, तो सबकी बोलती बंद हो जाएगी! 🗳🔥

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close