August 1, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने कारली पहुंचकर सुरक्षा बल के जवानों को राखी बांधकर शुभकामनाएं दींकैबिनेट मंत्री के मुख्य आतिथ्य में संपूर्णता अभियान सम्मान समारोह का हुआ आयोजनस्पेशल ओलंपिक के तहत राष्ट्रीय बोच्ची चैंपियनशिप का हुआ भव्य आयोजनश्रमिकों के बच्चों के लिए निःशुल्क शिक्षा का सुनहरा अवसरबिलासपुर में आर्किटेक्ट फर्जीवाड़ा : 10 साल से चल रहा था नक्शा पासिंग का खेल, असली खुलासा अब हुआASI का भ्रष्ट खेल उजागर: रिश्वत लेकर आरोपी को लौटाया जब्त मोबाइल, कोर्ट आदेश को दिखाया ठेंगा — शिकायत करने पर दी धमकी, ऑडियो वायरलमहिला अधिकारी ने डीएमसी के खिलाफ की थी झूठी शिकायत ! प्रशासन की जांच में आरोप पाए गए गलत, किसके शह पर बिछाए गए थे मोहरे पढ़िए पूरी रिपोर्ट…शोक समाचार :  पत्रकार एवं छत्तीसगढ़ अखबार वितरक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद सिन्हा नहीं रहेONC BAR पर प्रशासन की चुप्पी पर उठा विवाद, विश्व हिंदू परिषद ने जताई नाराज़गीबिलासपुर कलेक्टर की अनुकरणीय पहल – पशु व जनहित में सराहनीय कदम
छत्तीसगढ़

सौम्या, रानू और समीर को सुप्रीम कोर्ट से जमानत: कड़ी शर्तों के साथ जेल से रिहा

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

रायपुर (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोल लेवी और DMF घोटाले में फंसे आरोपी पूर्व सीएमओ सौम्या चौरसिया, निलंबित आईएएस रानू साहू और आईएएस समीर विश्नोई को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद शनिवार को जेल से रिहा कर दिया गया। तीनों लगभग दो वर्षों से जेल में बंद थे।

सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत, लेकिन शर्तों के साथ
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने गुरुवार को आदेश जारी करते हुए कहा कि आरोपियों को फिलहाल छत्तीसगढ़ में रहने की अनुमति नहीं होगी, ताकि गवाहों को प्रभावित करने से रोका जा सके। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि आरोपी राज्य से बाहर ही रहेंगे और सभी शर्तों का पालन करना अनिवार्य होगा।

रिहाई के बाद जेल परिसर में जुटे परिजन
शनिवार को रिहाई के दौरान सौम्या चौरसिया और रानू साहू के परिजन जेल परिसर में मौजूद रहे। समीर विश्नोई भी उसी दिन जेल से बाहर आए।

सौम्या चौरसिया: 2 साल 5 महीने 29 दिन जेल में रहीं।

रानू साहू: 1 साल 10 महीने 9 दिन

समीर विश्नोई: 2 साल 7 महीने 18 दिन

सिंडिकेट बनाकर हुई करोड़ों की वसूली – ED का आरोप
ईडी की जांच के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में कोल ट्रांसपोर्ट परमिट को ऑफलाइन कर एक सिंडिकेट बनाकर अवैध वसूली की गई। खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक समीर विश्नोई द्वारा 15 जुलाई 2020 को जारी आदेश के बाद, व्यापारी 25 रुपये प्रति टन के हिसाब से सूर्यकांत तिवारी के नेटवर्क को पैसा देते थे, तभी उन्हें पीट पास और ट्रांसपोर्ट परमिट मिलता था। इस घोटाले में करीब ₹570 करोड़ की अवैध वसूली का दावा किया गया है।

DMF घोटाले में भी कई पर आरोप
डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड (DMF) घोटाले में टेंडर आवंटन में भारी अनियमितताएं सामने आई हैं। ईडी और ईओडब्ल्यू की रिपोर्ट के अनुसार, संजय शिंदे, अशोक अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल, ऋषभ सोनी जैसे ठेकेदारों और बिचौलियों ने अवैध टेंडर और कमीशनखोरी के जरिए करोड़ों की हेराफेरी की।

तीन आरोपी अब भी जेल में, सूर्यकांत तिवारी को नहीं मिली जमानत

हालांकि सूर्यकांत तिवारी सहित तीन अन्य आरोपी DMF घोटाले के चलते अब भी जेल में बंद हैं, जिन्हें अंतरिम जमानत नहीं मिली है।

सुप्रीम कोर्ट की जमानत ने सौम्या चौरसिया, रानू साहू और समीर विश्नोई को अस्थायी राहत दी है, लेकिन जांच एजेंसियों का शिकंजा अभी भी बना हुआ है। घोटाले के विभिन्न पहलुओं की जांच जारी है, और छत्तीसगढ़ की सियासत में यह मामला अभी भी सक्रिय विस्फोटक बना हुआ है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close