कोरबा : पिछले कुछ समय से बालको की सालों से अटकी फ़ाइल को तत्काल अप्रूवल मिल रहा है। अगर पूर्व के प्रशासनिक अधिकारियों ने फ़ाइल पास नहीं की थी तो जरूर खामी रही होगी, लेकिन अब तो लगभग तमाम फाइलों को क्लियर करा लिया गया है। पीआर से जुड़े एक अधिकारी को प्रोजेक्ट के लाइनिंग में पोस्ट करा उसके और उनके पारिवारिक संबंधों का खूब दोहन किया जा रहा है। एक्सटेंशन से जुड़े प्रोजेक्ट के अटके फ़ाइल को क्लियर कराते ही अब बालको में बिलासपुर संभाग का दस मंजिला सबसे ऊंचा आवासीय भवन स्टूडियो अपार्टमेंट के रूप में बन रहा है। इस परियोजना का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। कोरबा में ओपन के अलावा भूमिगत खदान भी काफी है इसलिए भूकंप के समय कोई नुकसान न हो इस लिहाज से नगर पालिक निगम केवल 12 मीटर याने लगभग 40 फिट तक जो कि 3 मंजिला या 4 मंजिला जो भी 12 मीटर के भीतर या कम हो वहां तक अनुमति मिलती है। लेकिन बालको ने करीब 28 मीटर ऊँची 9 मंजिला ईमारत की अनुमति बैकडोर से हासिल कर ली है। इस नए निर्माण से बालको का यह अपार्टमेंट सबसे ऊंची इमारत बन जाएगा। ऐसे में सवाल उठता है कि बालको को इस ऊंची इमारत के निर्माण की अनुमति कैसे मिली।
बालको को मिली विशेष अनुमति, अन्य डेवलपर्स को क्यों नहीं?
बालको को पार्किंग सहित दस मंजिला भवन बनाने की अनुमति मिली है, जबकि अन्य डेवलपर्स को ऐसी अनुमति नहीं दी गई। नगर निगम और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के अधिकारी इस विषय पर कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। बालको प्रबंधन के सूत्र कहते है कि सभी आवश्यक विभागों से विधिवत अनापत्ति और अनुमति प्राप्त करने के बाद ही यह भवन निर्माण किया जा रहा है। यह भी माना जा रहा है कि बालको को यह अनुमति कुछ विशेष कानूनी प्रावधानों का पालन करते हुए दी गई है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि अन्य डेवलपर्स को इसी प्रकार की अनुमति क्यों नहीं मिल सकी।
चुनाव घोषणा से ठीक पहले आवेदन, नतीजों से पहले मिली अनुमति
जानकारी के मुताबिक वेदांता समूह की भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड ने 11 मार्च 2024 को टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के डिप्टी डायरेक्टर कोरबा को इस भवन निर्माण की अनुमति के लिए आवेदन दिया था। विभाग ने 13 मई 2024 को इसे अनुमति दे दी। दिलचस्प बात यह है कि इस दौरान पूरे देश में लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही थी। कोरबा लोकसभा सीट पर अंतिम चरण में 7 मई को मतदान हुआ, जबकि 4 जून को नतीजे आए। इसी दौरान, भवन निर्माण का ठेका लेने वाली राजस्थान की मिराज समूह की कंपनी ने काम भी शुरू कर दिया।
कानूनी प्रावधान और आपत्तियां
कोरबा क्षेत्र में ऊंची इमारतों के निर्माण पर कई कानूनी प्रावधान लागू होते हैं, विशेष रूप से कोल माइनिंग क्षेत्र होने के कारण। आमतौर पर ग्राउंड प्लस चार मंजिल से ऊंची इमारतों के निर्माण की अनुमति नहीं दी जाती है। हालांकि, बालको को जो विशेष अनुमति दी गई है, उसमें कानूनी प्रावधानों के पालन और विभागों से प्राप्त अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) की बात कही जा रही है। इसके तहत, बिल्डिंग बायलॉज और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग एक्ट के तहत कुछ विशेष शर्तों को पूरा करना आवश्यक होता है। इनमें भू-उपयोग, संरचनात्मक सुरक्षा, अग्नि सुरक्षा, पर्यावरणीय स्वीकृति, और पार्किंग मानदंड शामिल हैं।
जीईटी हॉस्टल के पीछे डेढ़ लाख वर्गफुट के प्लॉट पर निर्माण
बालको का यह भवन ग्राम रिसदा के करीब डेढ़ लाख वर्गफुट के प्लॉट पर बन रहा है। यह प्लॉट जीईटी हॉस्टल के पीछे और हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के पास स्थित है। इस क्षेत्र को टीन की ऊंची दीवारों से घेर कर तेजी से निर्माण कार्य किया जा रहा है। इस अपार्टमेंट में एक और दो बीएचके के फ्लैट होंगे, ताकि ग्रेजुएट ट्रेनी इंजीनियर अपनी सेवा के दौरान अपने परिवार के साथ यहां रह सकें। इस स्टूडियो अपार्टमेंट की लागत लगभग 70 करोड़ रुपये आंकी गई है।
आने वाले समय में कानूनी चुनौतियों की संभावना
बालको के इस निर्माण को लेकर कुछ कानूनी चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं, इस मामले में, यह देखा जाएगा कि क्या बालको ने सभी कानूनी और तकनीकी मानदंडों का पालन किया है या नहीं। अगर किसी भी प्रकार की अनियमितता पाई जाती है, तो यह मामला कानूनी विवाद का कारण बन सकता है। इसके अलावा, नगर निगम और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग की भूमिका भी जांच के दायरे में आ सकती है।
ग्रामयात्रा न्यूज को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस मामले में जल्द ही उच्च स्तरीय जांच शुरू हो सकती है जिसकी प्रारंभिक तैयारी शुरू हो गई है।
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