Smart Meter भी नहीं रोक पाए बिजली चोरी, उपभोक्ता पर लगा ढाई लाख का जुर्माना, FIR भी दर्ज

रायपुर। बिजली कंपनियां लगातार सप्लाई सिस्टम को बेहतर करने और चोरी पर अंकुश लगाने के लिए नई तकनीक अपना रही हैं। इसी प्रयास में उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर (Smart Meter) लगाए जा रहे हैं, ताकि लोग मोबाइल की तरह बिजली का भी रिचार्ज कर इस्तेमाल करें। लेकिन इस नई व्यवस्था में भी चोरी के तरीके ढूंढ लिए गए हैं। हालांकि स्मार्ट मीटर अभी पोस्टपेड मोड में चल रहे है।
राजधानी रायपुर में जुलाई से अब तक तीन अलग-अलग इलाकों- ब्राह्मणपारा, बैरनबाजार और खमतराई में स्मार्ट मीटर से छेड़छाड़ कर बिजली चोरी के मामले सामने आ चुके हैं। इन मामलों में उपभोक्ताओं ने मीटर की सील तोड़कर सर्किट में हेरफेर की। विजिलेंस टीम की जांच के बाद संबंधित उपभोक्ताओं के कनेक्शन काट दिए गए और थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई गई।
इसी तरह दुर्ग जिले के बेमेतरा में भी एक मामला उजागर हुआ, जहां उपभोक्ता ने बिजली की खपत कम दिखाने के लिए मीटर के तीनों फेस को कॉपर वायर से शॉर्ट कर दिया। बिजली कंपनी के रायपुर सर्वर से मिली जानकारी के आधार पर दुर्ग रीजन की विजिलेंस टीम मौके पर पहुंची और जांच के बाद चोरी की पुष्टि हुई। मामले में उपभोक्ता पर करीब ढाई लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
जांच में सामने आया कि मीटर की सील टूटी हुई थी और अंदर के तीनों फेस को जोड़ने के लिए कॉपर वायर का उपयोग किया गया था। इसके साथ ही कंट्रोलर भी काट दिया गया था ताकि मीटर बिजली की सही खपत दर्ज न कर सके। इस मीटर को जब्त कर प्रदेश की सेंट्रल टेस्टिंग लैब में परीक्षण किया गया, जहां सभी संबंधित अधिकारियों और उपभोक्ता की मौजूदगी में छेड़छाड़ की पुष्टि हुई।
विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ मामलों में तकनीकी रूप से चिप लगाकर भी मीटर को बायपास किया जा सकता है। अल्ट्रासोनिक बाइंडिंग सील को काटकर भी छेड़छाड़ की जाती है, लेकिन यह काम आम मिस्त्री के बस की बात नहीं होती। अन्य राज्यों, जैसे बिहार की राजधानी पटना में इस तरह के 1200 से अधिक मामले पकड़े गए हैं।
हालांकि, बिजली कंपनी का कहना है कि स्मार्ट मीटर पर निगरानी का सिस्टम बेहद मजबूत है। रायपुर में एक कंट्रोल रूम बनाया गया है, जहां से मीटर में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ की जानकारी तुरंत मिल जाती है। अधिकारी यह भी मानते हैं कि अभी मीटर पूरी तरह प्रीपेड मोड में एक्टिव नहीं हुए हैं, सिर्फ सॉफ्टवेयर बदला गया है। जब यह पूरी तरह से एक्टिवेट होंगे, तब सिस्टम और सख्त हो जाएगा।