रायपुर। कल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ ही टी.एस. सिंहदेव एवं ताम्रध्वज साहू व्दारा मंत्री पद की शपथ लेने के बाद चर्चा का दौर शुरु हो गया है किसको क्या विभाग मिलेगा।
कांग्रेस के भीतर जो अंदरुनी चर्चाएं चल रहीं उसके मुताबिक टी.एस. सिंहदेव वित्त मंत्री बनाए जा सकते हैं। यदि वित्त में किसी तरह का पेंच अटका तब ही दूसरा विकल्प उन्हें गृह मंत्री बनाने का होगा।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस को बहुमत मिलने पर छत्तीसगढ़ से लेकर दिल्ली तक दो ही नाम भूपेश बघेल एवं टी.एस. सिंहदेव की सर्वाधिक चर्चा रही। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का अब अगला कदम होगा और मंत्रियों की नियुक्ति और उनके बीच विभागों का बंटवारा।
कुल 12 मंत्री नियुक्त करने हैं। सबसे अहम् विभाग गृह, वित्त, ऊर्जा, खनिज एवं स्वास्थ्य माने जाते हैं। निश्चित रूप से वरिष्ठता के नाते टी.एस. सिंहदेव एवं ताम्रध्वज साहू के हिस्से में महत्वपूर्ण विभाग आएंगे।
सिंहदेव को वित्त विभाग सौंपने को लेकर पार्टी के भीतर अंदरुनी बातचीत चलने के पीछे कारण माना जा रहा है उनकी फाइनेंस को लेकर समझ।
उल्लेखनीय है कि टी.एस. सिंहदेव के आदर्श रहे रामचंद्र सिंहदेव जोगी शासनकाल में तीन साल वित्त मंत्री थे। टीएस की फाइनेंस से संबंधित समझ अपने आदर्श के करीब रहकर ही बढ़ी।
जोगी शासनकाल का जब अंतिम दौर था टी.एस. सिंहदेव को वित्त आयोग का अध्यक्ष भी बनाया गया। इसके बाद सिंहदेव की वित्तीय समझ के उदाहरण लगातार उस समय सामने आते रहे जब नेता प्रतिपक्ष की हैसियत से वे विधानसभा में आंकड़ों व दस्तावेजों को सामने रखकर सरकार को घेरते थे।
प्रदेश की वित्तीय स्थिति को पूरी तरह समझ लेने के बाद ही उन्होंने पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र को अंतिम रूप दिया। चुनाव के समय जब मीडिया को तरफ से सवाल होते थे किसानों की कर्ज माफी की स्थिति में खजाना खाली होगा तब उसकी पूर्ति कहां से होगी, उसका भी ठोंस जवाब सिंहदेव के पास होता था।
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