कोरबा मेडिकल कॉलेज में सेटिंग, सांठगांठ और करोड़ों की बंदरबांट — गोपाल कंवर की लीला का पर्दाफाश

कोरबा। मेडिकल कॉलेज कोरबा में सिस्टम ने किस हद तक नियम-कायदों की धज्जियां उड़ाई हैं, इसका ताजा उदाहरण सामने आया है। ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़ न्यूज़ नेटवर्क की तहकीकात में चौंकाने वाली परतें खुली हैं। एमएस डॉ. गोपाल कंवर के संरक्षण में कैसे फर्मों को मनमाने रेट पर खरीदी का मौका दिया गया, इसका दस्तावेजी सबूत अब सामने है।
खरीदी का सेटिंग तंत्र — 3 लाख की सीमा का कागजी जुगाड़
सरकारी नियम कहता है कि ₹3 लाख से अधिक की खरीदी में टेंडर अनिवार्य है। लेकिन एमएस ने ऐसा नहीं किया। जेम पोर्टल से खरीदी को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटा। बिल ऐसे काटे गए कि हर पेमेंट ₹3 लाख से नीचे दिखे। मगर असलियत यह कि एक ही फर्म को एक ही दिन कई बिल दिए गए। खेल इतना सफाई से रचा गया कि कागजों में सब कुछ दुरुस्त, और भीतर जेब में मोटा माल।
कंसाइनी भी सेटिंग वाला
कितनी बड़ी मिलीभगत है, इसका अंदाजा इसी से लगाइए — खरीदी का कंसाइनी शिशु रोग विभाग के डॉ. राकेश वर्मा को बनाया गया। जिनके ऊपर पहले से विभाग का लोड है, लेकिन खरीदी का समय फिर भी है। अंदरखाने की सेटिंग साफ है।
मौके पर तैनात मनीष सिंह की देखरेख
सूत्रों का कहना है कि ये पूरा खेल स्टोर कीपर मनीष सिंह के निर्देशन में होता है। किस दिन कौन सा बिल, किस फर्म से, किस रेट पर लगेगा — तय वही करते हैं। डॉ. गोपाल का भरोसेमंद, और खरीदी की हर फाइल की चाबी इन्हीं के पास।
बाजार से दुगुनी कीमत पर खरीदी का दस्तावेज
ये सिर्फ सुनी-सुनाई नहीं, बाकायदा रिकॉर्ड में दर्ज है।
- ₹3200 में 15 सीलिंग फैन खरीदे, जबकि बाजार में ₹1800-2000 की रेंज में उपलब्ध।
- ₹2650 में 60 पंखे, ₹5250 में एग्जॉस्ट फैन — जबकि बाजार में आधे दाम।
- कमाल ये कि जिन वार्ड में पंखे लगे, उनकी रिपेयरिंग 6 महीने पहले ही ऊंचे रेट पर करवाई गई।
सबसे दिलचस्प हिस्सा — बिल ब्योरा
ग्लोबल इंटरप्राइजेज — मेडिकल सामान खरीदी
तारीख | राशि (₹) |
---|---|
12 दिसंबर | 24000 |
15 जनवरी | 20000 |
5 फरवरी 25 | 24350 |
20 फरवरी | 63000 |
28 फरवरी 25 | 62748, 46000 |
3 मार्च 25 | 46000 |
5 मार्च 25 | 202800 |
8 मार्च 25 | 18000 |
12 मार्च 25 | 44940, 29970 |
19 मार्च | 5460, 34272, 43800, 4525, 16530, 41400, 19008, 34272 |
22 मार्च 25 | 81972, 166320 |
कुल | ₹10,65,175 |
ग्लोबल सर्विसेस — सर्विस व रिपेयरिंग बिल
तारीख | राशि (₹) |
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2 जनवरी | 49932 |
28 फरवरी 25 | 6000, 28500, 49950, 1950, 11700, 280, 26250, 167400, 48000, 51200, 26250, 58600, 13000 |
कुल | ₹5,84,812 |
खेल सिर्फ इतना नहीं…
सूत्र बता रहे हैं कि ये तो सिर्फ एक बानगी है। कई ऐसी फर्म हैं, जिनसे बाजार रेट से दोगुनी-तिगुनी कीमत में दर्जनों सामान खरीदे गए। पूरी पेमेंट प्रक्रिया इतनी फुर्ती से पूरी हुई कि कोई रोकटोक तक नहीं हुई।
सुनिए, और भी है!
ये जो बिल और सामान की लिस्ट अभी पेश की है, ये तो बस अभी तक का हिस्सा है। अगले पार्ट में आएगा —
- 6 महीने पहले कराए गए रिपेयरिंग का बिल और फिर उसी जगह नए सामान की खरीदी का खेल।
- भोजन आपूर्ति में जीएसटी की लूट और मरीजों को घटिया खाना परोसे जाने का सच।
- और दर्जनों ऐसी बिलिंग लिस्ट जो सरकारी खजाने को बर्बाद कर चुकी है।
हाँ भाई, अगली रिपोर्ट में सीधे खड़ी कर देंगे — कौन कितने लाख खाया, कब खाया और किसके हिस्से में कितना गया। सब कुछ फुल डॉक्यूमेंट के साथ। अभी तो ये ट्रेलर था… पूरी फिल्म लोड हो रही है।
(ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़ न्यूज़ नेटवर्क)
