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वेदांता समूह पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, इंटक अध्यक्ष ने की सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग

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कोरबा 12 जुलाई, वेदांता समूह के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इंटक जिला अध्यक्ष शशांक दुबे, कोरबा, छत्तीसगढ़ ने कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय की सचिव राधा चौहान को पत्र भेजा है, जिसमें खान मंत्रालय के अधिकारियों पर वेदांता लिमिटेड के साथ मिलकर वित्तीय अनियमितताएं करने और उचित कार्रवाई न करने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। 

इंटक जिला अध्यक्ष शशांक दुबे ने बताया कि विभिन्न प्राधिकरणों, राष्ट्रपति सचिव और कैबिनेट सचिव सहित शिकायतें प्रस्तुत करने के बावजूद, कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उनका कहना है कि खान सचिव और संयुक्त सचिव (प्रबंधन) ने उनकी शिकायत की स्थिति के बारे में अद्यतन करने में विफल रहे हैं और उन्हें धोखा देने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि खनन मंत्रालय ने बालको बोर्ड में संजीव वर्मा की नियुक्ति की है, जो संदिग्ध है।

उन्होंने बताया कि कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के अधिकारिक ज्ञापन संख्या No.142/16/2013-AVD.I, दिनांक 21 जुलाई 2016 के अनुसार खान मंत्रालय भारत सरकार द्वारा उनकी शिकायत के संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की गई है, जिससे खान मंत्रालय के भीतर संदिग्ध भ्रष्टाचार पर जोर दिया गया है। 

वेदांता लिमिटेड पर SEBI द्वारा गलत जानकारी देने के आरोप में जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा, कंपनी पर अन्य वित्तीय गड़बड़ियों और संबंधित पार्टी लेनदेन के आरोप भी लगाए गए हैं। यदि वेदांता लिमिटेड ने गोवा उच्च न्यायालय और मद्रास उच्च न्यायालय के समक्ष गलत दस्तावेज पेश किए हैं, या SEBI और CCI से बिना अनुमति के धोखाधड़ी की है, तो यह FII’s, DII’s, Public Shareholders, और भारत सरकार के खान मंत्रालय के साथ धोखाधड़ी है। 

जिला इंटक अध्यक्ष के अनुसार, कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 187 के प्रावधानों के विरुद्ध बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के रिश्तेदारों की फर्म्स को अनुचित लाभ दिया गया है। BALCO और HZL के मामलों में, भारत सरकार द्वारा नामित निदेशकों की विशेष अनुमति आवश्यक है, जो कि नहीं ली गई है।

उन्होंने बालको से संबंधित भ्रष्टाचार, वित्तीय गड़बड़ियों, मानवाधिकार और श्रमिक अधिनियमों के उल्लंघन की शिकायतों पर उचित कार्यवाही न होने की बात कही है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों पर विभागीय जांच और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988, अखिल भारतीय सेवा नियम 1968/केन्द्रीय सिविल सेवाएं नियमावली 1965, और भारतीय दंड संहिता की धारा 119, 120B, 420, 467, 468, 471 के तहत जांच और अभियोजन की मांग की है।

साथ ही, उन्होंने बालको के IPO प्रस्ताव को रद्द करने और The Industries Act 1951 की धारा 18, Companies Act 2013 की धारा 68, और शेयरधारक समझौते के खंड 4.5 के तहत पुनः Management Control भारत सरकार के पक्ष में लेने की बात कही है। 

उन्होंने वेदांता लिमिटेड के विरुद्ध कठोरतम कानूनी कार्यवाही करने और सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के प्रावधानों का अनुपालन करने का निर्देश जारी करने की भी मांग की है। 

जिला इंटक अध्यक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दे गंभीर हैं और इनमें कई कानूनी और वित्तीय अनियमितताओं का आरोप है। संबंधित उच्च अधिकारियों और विभागों को इन शिकायतों पर उचित और निष्पक्ष जांच करनी चाहिए ताकि आवश्यक कार्यवाही की जा सके।

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