February 5, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
शहर में भ्रष्टाचार के लिए कांग्रेस है जरूरी! जयसिंह के लिए 10 साल से एटीएम का काम कर रही नगर सरकार, अब बागी उषा तिवारी पर जयसिंह का नया दांव, क्या है योजना समझिए इस ख़बर में…जिला प्रशासन द्वारा दो दिवस में रोका गया 7 बाल विवाहचुनाव प्रचार-प्रसार कर रहे तीन डीजे व्हीकल जब्तसीएम साय ने बीजेपी प्रत्याशी की दुकान में चाय बनाकर जनता को पिलाईजब माल घटने लगा, तब करेजा फटने लगा! व्यक्तिगत खुन्नस निकालने प्रतिष्ठित समिति की आड़, अनर्गल आरोपों से छवि धूमिल करने की कोशिश, भ्रष्ट ठेकेदार की पैरवी क्यों?CM विष्णुदेव साय चुनावी आमसभा को कर रहे संबोधित, देखें वीडियों…क्रिकेट स्टेडियम में दर्शकों के लिए 6 हजार नई कुर्सियां, आज पहुंचेंगे 6 टीमों के लीजेंड खिलाड़ीरायगढ़ में सीएम साय का रोड शोराष्ट्रीय रक्षा अध्ययन दल ने किया रक्षात्मक एवं सृजनात्मक कार्यों का अवलोकनस्टार एयरलाइंस ने शुरू की रायपुर से झारसगुड़ा-हैदराबाद के लिए फ्लाइट
अपराधछत्तीसगढ़
Trending

देखिए कलेक्टर साहब ! सुशासन के सरकार में सीएमएचओ की सरपरस्ती में कोरबा में अवैध क्लिनिक और लैब का संचालन: नोडल अधिकारी सिद्दीकी पर लेनदेन का आरोप

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

कोरबा। शहर के सुभाष चौक के पास स्थित श्री हरि क्लिनिक एवं डायग्नोस्टिक सेंटर के अवैध संचालन का मामला सामने आने के बाद नोडल अधिकारी अतीक सिद्दीकी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। सूत्रों की माने तो, कोरबा जिले में ऐसे करीब 40 से अधिक लैब अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं, जो सक्षम जांच और कार्रवाई के बिना बेधड़क चल रहे हैं। आरोपों के अनुसार, सिद्दीकी इन अवैध क्लिनिक और लैब संचालकों से हर महीने 15 हजार से 20 हजार रुपये तक की रिश्वत लेते हैं, जिसके कारण ये संस्थान नर्सिंग होम एक्ट 2013 का उल्लंघन कर रहे हैं।

अवैध क्लिनिक और लैब: नियमों की अनदेखी
श्री हरि क्लिनिक एवं डायग्नोस्टिक सेंटर का संचालन डॉक्टर विशाल राजपूत द्वारा किया जा रहा है, लेकिन इसका पंजीकरण स्वास्थ्य विभाग से नहीं हुआ है। नर्सिंग होम एक्ट 2013 के तहत सभी स्वास्थ्य सेवाओं का पंजीकरण आवश्यक है, परंतु यह क्लिनिक और लैब बिना किसी कानूनी मान्यता के संचालित हो रहे हैं। क्लिनिक में एक पैथोलॉजी लैब भी चलाई जा रही है, जहां डॉक्टर मृत्यंजय शराफ की डिग्री का अवैध रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है, जबकि लैब में अप्रशिक्षित स्टाफ द्वारा जांच की जा रही है। लैब का पंजीयन इसी डॉक्टर की डिग्री को जमा कर कराया गया है जिसकी मालकिन डॉक्टर राजपूत की पत्नी श्रीमती ममता राजपूत है। लेकिन क्लिनिक का पंजीयन ही नहीं हुआ है।

अपने गैर पंजीकृत क्लिनिक में बैठे डॉक्टर विशाल राजपूत

स्वास्थ्य सुरक्षा मानकों की अनदेखी
स्वास्थ्य विभाग के नियमों के अनुसार, किसी भी लैब में सभी प्रकार की जांच केवल पैथोलॉजिस्ट की देखरेख में होनी चाहिए। यहां तक कि अगर लैब एक मिनी लैब हो, तो भी एमबीबीएस डॉक्टर की उपस्थिति अनिवार्य होती है। बावजूद इसके, श्री हरि क्लिनिक एवं डायग्नोस्टिक सेंटर में बिना किसी योग्य डॉक्टर की निगरानी में हर प्रकार की जांच की जा रही है। मौजूदा समय में, डेंगू जैसी गंभीर बीमारी की जांच भी यहां हो रही है, जो कि केवल एमडी पैथोलॉजिस्ट की देखरेख में की जानी चाहिए। लेकिन इस लैब में अप्रशिक्षित स्टाफ द्वारा डेंगू की जांच की जा रही है, जिससे मरीजों की जान खतरे में पड़ रही है।

पिछले दिनों, एक लिखित शिकायत के आधार पर कोरबा जिले की तीन पैथोलॉजिस्ट लैबों की जांच करने नोडल अधिकारी अतीक सिद्दीकी भारी दबाव के बाद पहुंचे। जांच के दौरान किसी भी लैब में डॉक्टर मौजूद नहीं पाए गए, जिसके बाद लैब बंद करने की बात कही गई। हालांकि, हैरानी की बात यह है कि एक घंटे के भीतर ही सभी लैब के बंद दरवाजे फिर से खुल गए। यह स्थिति सवाल खड़े करती है और समझा जा सकता है कि क्यों कार्रवाई की जगह भ्रष्टाचार ने ले ली।

डॉक्टर विशाल राजपूत का चिकित्सकीय धोखा

डॉक्टर विशाल राजपूत, जो कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पदस्थ हैं, आरोपों पर यदि यकीन करें तो अपने क्लिनिक में मरीजों को बेहतर उपचार का झांसा देकर वे बुलाते हैं। वे मरीजों को यह बताते हैं कि सरकारी अस्पताल में केवल जनरल मेडिसिन लिखी जाती है, जो कि कम असरदार होती है। उनका दावा है कि ब्रांडेड दवाइयों से त्वरित असर होता है, इसलिए मरीजों को अपने क्लिनिक पर बुलाया जाता है। इसके साथ ही, क्लिनिक में दवाइयों की बिक्री की जाती है, जो कि नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। बिना फार्मासिस्ट के दवाइयों की बिक्री और क्लिनिक में मरीजों को भर्ती करने की सुविधा अवैध रूप से रखी गई है, जबकि इसका उपचार केवल नर्सिंग होम या अस्पताल में होना चाहिए। नियमानुसार किसी भी शासकीय चिकित्सक को निजी क्लिनिक संचालन की अनुमति नहीं है वो केवल घर पर रहकर ही ड्यूटी समय के बाद उपचार या परामर्श दे सकते है।

श्री हरि क्लिनिक एवं डायग्नोस्टिक सेंटर

जिम्मेदार अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप
सूत्रों के अनुसार, कोरबा जिले में 40 से अधिक अवैध लैब संचालित हो रहे हैं, जिनके संचालन में सक्षम अधिकारियों की मिलीभगत बताई जा रही है। कहा जाता है कि नोडल अधिकारी अतीक सिद्दीकी ने इन सभी संचालकों से हर महीने 15 हजार से 20 हजार रुपये रिश्वत के रूप में वसूलना तय किया है, जिसके चलते कोई कार्रवाई नहीं की जाती।

सीएमएचओ पर संरक्षण का आरोप
चिंता की बात यह है कि नोडल अधिकारी सिद्दीकी को सीएमएचओ का भी संरक्षण प्राप्त है। स्वास्थ्य विभाग के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि सिद्दीकी की इन अवैध गतिविधियों पर कोई कार्रवाई न होने के पीछे सीएमएचओ का समर्थन है। आरोप है कि सीएमएचओ इन अवैध क्लिनिक और लैब के संचालन से पूरी तरह अवगत हैं और उन्होंने सिद्दीकी की भ्रष्ट गतिविधियों पर जानबूझकर आंखें मूंद रखी हैं।

अतीक सिद्दीकी, नोडल ऑफिसर नर्सिंग होम एक्ट

मरीजों की सुरक्षा पर खतरा
इन अवैध क्लिनिक और लैब में बिना प्रशिक्षित स्टाफ द्वारा की जा रही जांच और उपचार से मरीजों की जान को गंभीर खतरा है। गलत रिपोर्ट्स और अवैध उपचार से मरीजों की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। सिद्दीकी और सीएमएचओ की मिलीभगत के कारण यह गतिविधियां बिना किसी रोक-टोक के जारी हैं और मरीजों की सुरक्षा से खिलवाड़ किया जा रहा है। शहर के जागरूक नागरिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि न केवल सिद्दीकी बल्कि सीएमएचओ के खिलाफ भी जांच होनी चाहिए ताकि यह पता चल सके कि वे इस भ्रष्टाचार में किस हद तक शामिल हैं। यदि सीएमएचओ दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ भी सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।

स्वास्थ्य सेवाओं में हो रही अनियमितताओं से आम जनता के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है। ऐसे में इस मामले की जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग समय की आवश्यकता है।

ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close