छत्तीसगढ़ में शराब बिक्री से 2300 करोड़ का राजस्व, लेकिन नई दुकानों का बढ़ा विरोध

रायपुर (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। छत्तीसगढ़ में चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में शराब की बिक्री से रिकॉर्ड 2300 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाया गया है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है। हालांकि दूसरी ओर राज्यभर में 67 नई शराब दुकानों को खोलने का व्यापक विरोध शुरू हो गया है, जिससे सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा है।
तेजी से बढ़ी बिक्री, उतारे गए नए ब्रांड
आबकारी विभाग के मुताबिक, शराब की बढ़ती मांग को देखते हुए सस्ती और महंगी दोनों श्रेणियों में नए ब्रांड उतारे गए हैं। देशी शराब की खपत अधिक होने के कारण ‘सवा शेरा’ नाम का नया ब्रांड भी बाजार में लाया गया है। बेहतर आपूर्ति व्यवस्था और ब्रांड वैरायटी के कारण अप्रैल से जून के बीच बिक्री में जबरदस्त उछाल दर्ज किया गया।
कई जिलों में विरोध
नई शराब दुकानों को लेकर रायपुर, दुर्ग, बलौदाबाजार समेत कई जिलों में विरोध तेज हो गया है। महिलाओं, सामाजिक संगठनों और विपक्षी दलों ने मोर्चा खोल दिया है। कई जगहों पर धरना, प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपे जा चुके हैं। वहीं विभागीय सूत्रों के अनुसार, अब नई दुकानें केवल उन्हीं स्थानों पर खोली जाएंगी जहां विरोध नहीं है।
फिलहाल थमी है नई दुकानों की प्रक्रिया
सरकार की योजना 10 प्रतिशत वृद्धि के साथ राज्य में शराब दुकानों की संख्या 674 से बढ़ाकर 741 करने की थी, जिसके लिए कैबिनेट से मंजूरी भी मिल चुकी है। लेकिन विरोध के चलते फिलहाल नई दुकानें खोलने की प्रक्रिया ठंडी पड़ गई है। प्रशासन ने भी विरोध झेल रहे क्षेत्रों में दुकान खोलने को लेकर कोई दबाव नहीं बनाया है।
विरोध बनाम राजस्व का संतुलन
एक तरफ सरकार बढ़ते राजस्व को लेकर उत्साहित है, वहीं दूसरी ओर सामाजिक विरोध एक बड़ी चुनौती बन गया है। अब देखना यह होगा कि सरकार राजस्व और जनविरोध के बीच कैसे संतुलन कायम करती है।