August 1, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री से मिले सीएम साय, बोधघाट परियोजना पर हुई चर्चाकोरबा : महिला मंडल सेवा समिति द्वारा पंडित रविशंकर शुक्ल नगर मे सावन उत्सव की रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम सम्पन्नपीएम मोदी कल करेंगे पीएम किसान सम्मान निधि के 20वीं किश्त का अंतरणपीएम मोदी से मिले सीएम साय, ‘अमृत रजत महोत्सव’ में शामिल होने का दिया न्यौता30 किलो गांजा के साथ चार तस्कर गिरफ्तारशिकारियों के जाल में फंसकर नर हाथी की मौत…शिक्षक की धारदार हथियार से हत्याकेंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिले CM साय‘राधे-राधे’ कहने पर नर्सरी की छात्रा को पीटा, मुंह पर टेप चिपकाया, प्रिंसिपल गिरफ्तारकिश्त नहीं दी तो पत्नी को बना लिया बंधक! झांसी में लोन वसूली का शर्मनाक मामला…
छत्तीसगढ़

बरसों से कुर्सी पर काबिज हैं दो प्राचार्य विधायकों की सिफारिश भी नजर अंदाज

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

रायपुर। प्रदेश के शिक्षा विभाग में पिछले कुछ दिनों से शिक्षकों-कर्मचारियों के तबादले हो रहे हैं, लेकिन शहर के दो बड़े सरकारी स्कूलों के प्राचार्यों का तबादला सूची में कहीं कोई नाम नहीं आ रहा है। वे दोनों यहां पिछले 10 वर्षों से काबिज हैं। ऐसे में उन दोनों स्कूलों में प्राचार्य बनने की कतार में खड़े दर्जनभर शिक्षकों में निराशा है। खास बात यह है कि दोनों प्राचार्यों के तबादले के लिए कांग्रेस विधायकों ने भी जोर लगाया था, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई।
जानकारी के मुताबिक प्रो. जेएन पांडे गवर्मेंट स्कूल में एमआर सावंत एवं जेआर दानी स्कूल में विजय खंडेलवाल प्राचार्य हैं। भाजपा सरकार में उन दोनों प्राचार्यों का तबादला नहीं हो पाया। ऐसे में अब कांग्रेस सरकार में उन दोनों प्राचार्यों के तबादले की उम्मीद है, लेकिन अब तक जारी किसी भी सूची में उन दोनों प्राचार्यों के नाम नहीं आए हैं। स्कूलों में यह चर्चा है कि दोनों प्राचार्य भाजपा सरकार में किसी भी तरह से सांठगांठ कर अपनी कुर्सी बचाने में सफल रहे। कांग्रेस सरकार में भी उन दोनों प्राचार्यों को हटाने की उम्मीद कम होती जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक गवर्मेंट स्कूल के प्राचार्य श्री सांवत के खिलाफ गड़बड़ी की कई शिकायत है। बोर्ड परीक्षा में कम्प्यूटर ऑपरेटर व बाबू से छात्रों की कॉपी जांचने का काम करवाया गया था। उस समय मामले की जांच भी हुई थी, लेकिन भाजपा सरकार के एक कद्दावर मंत्री के हस्तक्षेप के बाद कार्यवाही नहीं हो पाई। उन्हें एक पूर्वमंत्री का संरक्षण प्राप्त है। चर्चा है कि एक भाजपा विधायक ने इन दोनों प्राचार्यों का तबादला नहीं करने के लिए शिक्षामंत्री को फोन भी किया था।
दूसरी ओर कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं व विधायकों ने इन दोनों को हटाने के लिए मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा था, लेकिन सफलता नहीं मिली, जिसे लेकर उनमें रोष है। उनमें शिक्षा विभाग में चल रहे तबादलों को लेकर भी नाराजगी है। उन्होंने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से करते हुए मांग की है कि पुरानी जगहों पर 10 वर्षो से काबिज प्राचार्यों व कर्मचारियों को हटाया जाए, ताकि नई सरकार में नए व अच्छे लोगों को काम करने का मौका मिल सके।

Related Articles

Check Also
Close