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रंजना सिंह ने फिर कानून लिया अपने हाथ में, दिन-दहाड़े कलेक्टर ऑफिस में पहाड़ी कोरवा को धमकाया, मां-बहन की गालियां देकर कहा- तुझे और तेरे परिवार को जिंदा जलवा दूंगी

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कोरबा। सुशासन की सरकार में ऐसी अंधेर गर्दी मची है, जिसे बयां करना कठिन होता जा रहा है। आलम ये है कि गुंडे किस्म के लोग बेखौफ मनमानी कर रहे और पीड़ित जिले के सबसे महफूज जगह, यानी जिलाधीश कार्यालय में भी सुरक्षित नहीं। ताजा घटना से तो यही उजागर हो रहा। जब पेशी पर कलेक्टोरेट पहुंचे पहाड़ी कोरवा फिरत राम को एक बार नामजद आरोपी रंजना सिंह ने दिन दहाड़े जातिगत व मां बहन की गालियां और जान से मार डालने की धमकी दी। मोबाइल से फोटो खींचकर कहा कि रंजना सिंह उसे परिवार समेत जिंदा जलवा देगी। यही सिलसिला कई महीनों से चला आ रहा है। लगभग पिछले एक साल फिरत राम पहाड़ी कोरवा और उसका परिवार खुद पर हुए अत्याचार की दुहाई देकर न्याय के लिए कभी थाने, कभी तहसीली तो कलेक्टोरेट के चक्कर लगा रहा है। इस दौरान उस पर जुल्म करने वालों से लगभग हर जगह उसका सामना होता है। पीड़ित कोरवा छुपने की जगह खोजता है और भयभीत करने वाले उसे ढूंढकर हर बार पुरानी गालियां और नई धमकी देकर चले जाते हैं। फिरतराम ने खुद की जान को खतरा बताते हुए रंजना सिंह के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।

ताजा मामले में फिरतराम ने पुलिस अधीक्षक के समक्ष गुहार लगाते हुए रंजना सिंह पति चेतन चौधरी द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर केंटीन के पास रास्ता रोककर जातिगत गाली देने एवं जान से मारने की धमकी देते हुए मोबाईल से फोटो खींचने के संबंध में रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की है। शिकायत में लिखा गया है कि ग्राम आंछीमार निवासी प्रार्थी फिरत राम पिता स्व. पंचराम तहसील 13 मई 2024 को दोपहर 1 बजे से शाम 4 बजे के बीच अपनी पेशी संबंधी कार्य निपटाने के लिए कलेक्टर गया था। वह अपने भाई छोटे लाल एवं अन्य लोगों के साथ अपर कलेक्टर कोरबा के न्यायालय से जानकारी लेने के बाद केन्टिन में नाश्ता करने जा रहा था। तभी उसके पीछे-पीछे मानिकपुर निवासी रंजना सिंह पति चेतन चौधरी जाति सिंधी गोपनीय तरीके से आ रही थी। उसके बाद कलेक्ट्रेट केन्टिन के पास पहुंचते ही सामने आकर उसने रास्ता रोककर सीधा जातिगत गाली देने लगी। उसने मां बहन की गालियां देते हुए कहा कि अब मैं तेरा फोटो खिंचकर जा रही हूं। तेरे को सुपारी देकर इस दुनिया से उठवा दूंगी। फिरत राम ने डर के मारे नाश्ता अधूरा प्लेट खाकर भागने लगा। उसे पुनः रोककर रंजना सिंह कहने लगी कि तू अपना फोन नंबर दे। तू जहां भी रहेगा तेरा लोकेशन पता करके उठवा दूंगी। तेरे घर में तूझे तेरे परिवार सहित घर में आग लगवाकर जिंदा जलवा दूंगी। फिरतराम ने लिखा है कि रंजना सिंह के उक्त कृत्यों से वह अत्यंत डरा हुआ है। कोरबा आने-जाने के लिए भी सुरक्षा की जरूरत है। ऐसी परिस्थिति में तत्काल एफआईआर दर्ज करते हुए कानूनी कार्यवाही करने की मांग उसने एसपी से की है। रंजना सिंह ने गली गलौज करते हुए फिर से धमकी दी। उसने कहा कि अगर तू अपनी सलामति चाहता है तो आज के बाद से कलेक्ट्रेट, न्यायालय, तहसील कार्यालय के आस-पास कहीं दिखाई मत देना। पिछले बार भी तुम्हारे ऊपर जानलेवा हमला के लिए दो लोग तहसील में आए थे। पर तेरी किस्मत ठीक होने के कारण तू बच गया है।


एक साल से न्याय पाने भटक रहा फिरतराम

फिरतराम कोरवा पिछले एक साल से अपने हक की लड़ाई लड़ने के साथ खुद आरोपियों के अत्याचार का शिकार बन रहा है। लाचार कोरवा आदिवासी ने आरोपीगणों रंजना सिंह ठाकुर एवं चेतन चौधरी के विरूद्ध दर्ज मामले में अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत कार्यवाही किए जाने की मांग की थी। कोरवा के खिलाफ विभिन्न घटनाओं के आरोपियों के विरूद्ध तीन मामले दर्ज होने के बाद भी सिविल लाइन पुलिस उन्हें संरक्षण दे रही है, जबकि पीड़ित होने के बाद भी उसे न्याय के लिए अपनी ही संपत्तियों से बेदखल होकर दर-दर भटकना पड़ रहा है।


सिविल लाइंस थाने में रंजना सिंह व चेतन चौधरी पर दर्ज है अपराध

फिरतराम ने बताया कि रंजना सिंह ठाकुर व चेतन चौधरी पर पुलिस ने धारा 447, 294, 506, 34 भादवि, 12 मार्च 2024 को कारित अपराध के लिए धारा 451,295 ए, 34 भादवि के तहत व 15 मार्च 2024 को कारित घटना पर किए गए अपराध में धारा 294, 506, 323, 34, भादवि के तहत मामला सिविल लाईन थाना रामपुर में दर्ज किया है। इन मामलों में सिविल लाईन रामपुर पुलिस द्वारा आरोपियों के प्रभाव में आकर उन्हें सरंक्षण प्रदान किया जाता रहा है। इस आशय से केवल वे जमानतीय मामलों में अपराध दर्ज कर उन्हें थाने से ही जमानत मुचलके पर रिहा कर दिया गया।


कोरवा की जमीन पर कब्जा किया, जबरन धर्मांतरण का प्रयास

पीड़ित कोरवा ने बताया कि इन आरोपियों ने उसके अधिपत्य व स्वामित्व की भूमि पर धर्मान्तरण कराने का प्रयास किया। उसके मकान में जबरन घुसकर मकान का ताला तोड़कर सामान पर जबरन कब्जा करने और मुझे बेदखल कर दिया है और वर्तमान में अपने मकान से पूरी तरह वंचित हो गया हूँ। उसके बाद भी सिविल लाईन थाना के द्वारा दुर्भावनापूर्ण तरीके से आरोपियों को ही संरक्षण दिया जा रहा है। फिरतराम ने बताया कि रंजना सिंह व उसके सहयोगी चेतन चौधरी के द्वारा जिस जाति प्रमाण पत्र के आधार पर मेरे सम्पति पर कब्जा किया गया है। उसकी जाति प्रमाण पत्र को जिला प्रशासन द्वारा 18 मार्च 2024 को फर्जी व कूटरचित पाते हुए निलंबित कर दिया है। जिसके कारण उक्त महिला अब अनुसूचित जाति की महिला नहीं रही है और मैं अनुसूचित जनजाति का सदस्य रहा हूँ। फिरतराम का कहना है कि चूंकि भारत सरकार के द्वारा अनुसूचित जनजाति के सदस्यों के ऊपर हो रहे अत्याचार से निजात दिलाने के उद्देश्य से ही उक्त अधिनियम बनाया गया है, लिहाजा इन सभी मामलों में आरोपियों के विरूद्ध अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3 (1) (10), 3 (2) (5) एसटी एससी एक्ट के तहत् मे कार्यवाही किया जाना नितांत आवश्यक है।


अपराधिक प्रकृति के व्यक्तियों पर पुलिस की नजरें इनायत क्यों नहीं

फिरतराम कोरवा का यह भी कहना है कि घटना में आरोपियों के विरूद्ध तीन मामले दर्ज होने के बाद भी पुलिस के द्वारा अर्नेश कुमार के निर्णय का हवाला देकर जमानत मुचलके पर रिहा किया जाना अति निंदनीय है। उसका कहना है कि अर्नेश कुमार का निर्णय का लाभ अपराधिक प्रकृति के व्यक्तियों को नहीं दिया जा सकता है। उसके बावजूद उक्त मामले के आरोपियों को उसका जबरन लाभ दिया गया है। फिरतराम ने बताया कि रंजना सिंह ठाकुर व उसके सहयोगी चेतन चौधरी का मनोबल बहुत ही बढ़ा हुआ है। उसके द्वारा उक्त मामले मुझे मेरे ही मकान व जमीन से बेदखल कर दिया गया है और मुझे जान से मरवा देने की लगातार अपने गुगों के माध्यम से धमकी मेरे पास में पहुँचाई जा रही है। जिससे मैं बहुत ही घबराया हुआ हूँ। उक्त महिला एक अपराधिक महिला रही है। जिसके द्वारा कभी भी मेरे साथ मे अप्रिय घटना को अंजाम दिया जा सकता है।


रंजना सिंह का फर्जी जाति प्रमाण पत्र रद्द, जिसके आधार पर कब्जा

फिरतराम ने पूर्व में कि गई शिकायत में बताया है कि रंजना सिंह व उसके सहयोगी चेतन चौधरी के द्वारा जिस जाति प्रमाण पत्र के आधार पर मेरे सम्पति पर कब्जा किया गया है, उसे जिला प्रशासन 18 मार्च 2024 को फर्जी व कूटरचित पाते हुए निलंबित कर चुकी है। वह महिला अब अनुसूचित जाति वर्ग से नहीं है और मैं अनुसूचित जनजाति का सदस्य हूँ। फिरतराम एसपी से पहले भी मांग कर चुका है कि इन सभी आरापियों के विरूद्ध मे दर्ज कराए गए सभी मामलों मे अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3 (1) (10) के तहत धारा जोडे़ जाने का निर्देश सिविल लाईन थाना रामपुर कोरबा को दिए जाएं।

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