September 5, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
शिक्षक अपने विद्यार्थियों के लिए रोल मॉडल होता है: राज्यपाल डेकानि:शुल्क ऑनलाइन जेईई-नीट कोचिंग विद्यार्थियों के भविष्य के लिए एक बेहतरीन पहल : डॉ. रमन सिंहमुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ईद मिलादुन्नबी पर दी शुभकामनाएँबांगो बांध के 6 गेट खुले, 43,988 क्यूसेक पानी हसदेव नदी में छोड़ा जा रहादुर्ग पुलिस की बड़ी उपलब्धि: 70 लाख के 303 मोबाइल बरामद, कर्मचारियों को सम्मानित किया गयाओणम पर्व की धूम: कोरबा के टीपी नगर इंडियन कॉफी हाउस में मनाया गया भव्य उत्सवNHM कर्मियों ने लिया सामूहिक इस्तीफा का निर्णय, 4800 कर्मचारियों ने सौंपा त्यागपत्रखाद संकट पर कांग्रेस का हल्ला बोल, उमेश पटेल के नेतृत्व में किसानों ने घेरा तहसीलयूरिया की कालाबाजारी : पटेल कृषि केंद्र का खाद गोदाम सीलरायपुर एनआईटी-एफआईई को राष्ट्रीय इन्क्यूबेटर पुरस्कार
छत्तीसगढ़राजनीती

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर केन्द्रित सभी संभागीय मुख्यालयों में आयोजित होंगे कार्यक्रम

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

24.06.22| मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद् की द्वितीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद की आगामी कार्ययोजना पर विचार-विमर्श किया गया। इस मौके पर छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक परिषद् को साहित्य अकादमी, कला अकादमी, आदिवासी एवं लोक कला अकादमी, छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग और छत्तीसगढ़ सिन्धी अकादमी के 127 आयोजनों के लिए 4 करोड़ 93 लाख रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई।
मुख्यमंत्री बघेल ने बैठक में चर्चा के दौरान कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम और कार्यशाला राज्य के सभी संभागीय मुख्यालयों में आयोजित की जाएं। लोक कला, संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम केवल राजधानी तक ही सीमित न रहें, राज्य के सभी संभागीय मुख्यालयों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। लोक संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए ऐसे आयोजनों का विकेंद्रीकरण किया जाना चाहिए।

उन्होंने इंदिरा संगीत एवं कला विश्वविद्यालय खैरागढ़ के अंतर्गत रायगढ़ में भी संगीत एवं नृत्य महाविद्यालय खोलने का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने शिल्प कलाओं की चर्चा के दौरान कहा कि लौह और बेल मेटल शिल्प कला की ऐसी उपयोगी कलात्मक वस्तुएं तैयार की जाएं, जिनका घर-घर में उपयोग हो सके। इससे ऐसी वस्तुओं को अच्छा बाजार मिलेगा, व्यवसायिक विस्तार होगा और इन कलाओं में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। संस्कृति परिषद् के सदस्यों ने कार्यक्रमों के आयोजनों के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close